रांची: ओडिशा पुलिस ने सिम बॉक्स रैकेट कनेक्शन मामले में रांची के कांटाटोली इलाके में मौजूद एक घर में छापेमारी की है. एक घर का ताला तोड़कर पुलिस ने आठ सिम बॉक्स बरामद किया है. इस मामले में 6 लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. ओडिशा पुलिस के इस अभियान में रांची पुलिस की टीम भी शामिल है. रेड को लेकर भुवनेश्वर के पुलिस कमिश्नर संजीव पाडा ने भी इशारा किया था. उन्होंने बताया था कि सिम बॉक्स रैकेट के लिंक झारखंड में भी हैं. ओडिशा में दो का भंडाफोड़ हो चुका है, तीसरा रैकेट झारखंड में चल रहा था.
ओडिशा में रैकेट का भंडाफोड़ 16 अगस्त को भुवनेश्वर में पश्चिम बंगाल निवासी राजू मंडल की गिरफ्तारी के बाद हुआ था. पुलिस ने भुवनेश्वर स्थित एक आवास से पांच सक्रिय सिम बॉक्स, दो रिजर्व सिम बॉक्स और 750 से अधिक सिम कार्ड के साथ-साथ राउटर और अन्य उपकरण जब्त किया था. पूछताछ के दौरान राजू मंडल कटक और रांची सहित कई स्थानों से सिम बॉक्स संचालित करने की बात कही थी. उसी के इनपुट पर रांची के कांटाटोली में छापेमारी हुई है.
राजू मंडल से पूछताछ के बाद 18 अगस्त को कटक में भी एक सिम बॉक्स रैकेट खुलासा हुआ था. राजू मंडल रैकेट का मुख्य आरोपी है. वो फिलहाल पांच दिनों की रिमांड पर है. भुवनेश्वर पुलिस की पूछताछ में उसने कबूल किया है कि कई स्थानों से सिम बॉक्स संचालित कर रहा था. पूछताछ में राजू मंडल ने बताया है कि उसका हैंडलर एक बांग्लादेशी नागरिक है. उसका नाम असदुर जमान है.
क्या होता है सिम बॉक्स
सिम बॉक्स एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है. इसे सिम बैंक भी करते हैं. यह डिवाइस एक इंटरनेट बेस्ड हार्डवेयर होता है जिसका इस्तेमाल टेलीकॉम में डायरेक्ट जीएसएम कम्युनिकेशन को टर्मिनेट करने में किया जाता है. सिम बॉक्स में कई सिम कार्ड लगे होते हैं जिससे की इंटरनेशनल कॉल को स्थानीय जीएसएम कॉल में कन्वर्ट किया जा सकता है. आसान भाषा में कहें तो इससे अंतरराष्ट्रीय कॉल में स्थानीय नंबर में बदला जा सकता है. फोन पर जो नंबर डिसप्ले होता है वह स्थानीय नजर आता है. इसका फायदा ये होता है कि इससे किसी भी अंतरराष्ट्रीय नंबर पर लोकल कॉल के चार्ज पर बात किया जा सकता है. इससे ना सिर्फ टेलीकॉम कंपनियों को करोड़ों को चूना लगता है. बल्कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ मामला होता है.
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