हजारीबाग: झारखंड में नीट परीक्षा के दौरान लापरवाही बरती गई है. इसका खुलासा हजारीबाग एनटीए के सिटी कोऑर्डिनेटर और ओएसिस स्कूल के प्राचार्य डॉ एहसान उल हक ने किया है. हालांकि, उन्होंने नीट पेपर लीक मामले में उनके स्कूल पर लगाए जा रहे आरोपों से साफ इनकार किया है. उनका कहना है कि ये आरोप पूरी तरह से गलत हैं. स्कूल में सभी नियमों का सख्ती से पालन किया गया है. उन्होंने पेपर लीक मामले पर ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि 5 मई 2024 को सुबह 7:30 बजे बैंक से प्रश्नपत्र का बॉक्स प्राप्त हुआ था. इसके बाद नियमानुसार परीक्षा ली गई. स्कूल से प्रश्नपत्र लीक नहीं हुआ है.
ईओयू की टीम ने की जांच
एनटीए के सिटी कोऑर्डिनेटर डॉ एहसान उल हक ने कहा कि पूर्व के दो प्रश्न पत्र लीक मामले में ईओयू की टीम हजारीबाग आई थी. उन्होंने संदिग्ध स्थानों और स्कूल की जांच की. जांच के दौरान पाया गया कि जिस प्रश्न पत्र के लीक होने की बात कही जा रही है उसके प्लास्टिक पैकेट के साथ छेड़छाड़ की गई है. एनवेलप के पिछले हिस्से को बड़ी ही सावधानी से काटा गया है. ऐसे में प्रश्न पत्र निकाले जाने की आशंका है.
उन्होंने यह भी बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि प्रश्न पत्र 3 मई 2024 को ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस के माध्यम से एसबीआई बैंक हजारीबाग में पहुंचाया गया था. प्रश्न पत्र लाने के लिए नेटवर्क के एक वाहन का इस्तेमाल किया गया था. ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस ने टोटो ई-रिक्शा के माध्यम से प्रश्न पत्र को हजारीबाग के बैंक तक पहुंचाया. जिस वाहन से प्रश्न पत्र लाया गया था उसमें भी सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा गया था. महज एक चालक के भरोसे संवेदनशील प्रश्न पत्र को हजारीबाग भेजा गया था. ऐसे में ट्रांसपोर्ट एजेंसी को प्रथम संदिग्ध माना जा रहा है.
उन्होंने आगे बताया कि हजारीबाग के जिस बैंक में प्रश्नपत्र रखा गया था, वहां भी नियमों का पालन नहीं किया गया. महज एक छोटे से पुर्जे में रिसीविंग दिखाया गया है. ईओयू की टीम जांच के लिए बैंक भी पहुंची, जहां उन्होंने संबंधित अधिकारी से विस्तृत जानकारी ली. वहां भी टीम को घोर लापरवाही के संकेत मिले हैं.
प्रश्नपत्रों को 7 सुरक्षा लेयर में रखा जाता है. जो एक आयरन बॉक्स में रखा जाता है. आयरन बॉक्स को 5 मई को दोपहर 1:15 बजे ऑटोमेटिक पूरे देश भर में खुलना था. लेकिन यह पूरे देश भर में नहीं खुला. दूसरे लॉक को कटर से खोलना पड़ता है. जब डिजिटल लॉक नहीं खुला तो इस कटर से पूरे देश में आयरन बॉक्स को काटा गया.
संदेह के घेरे में ट्रांसपोर्ट कंपनी
एनटीए के सिटी कोऑर्डिनेटर डॉ. एहसान उल हक का कहना है कि प्रश्नपत्र लाने के लिए जिस ट्रांसपोर्टेशन का इस्तेमाल किया गया है, वह संदेह के घेरे में है. उनका यह भी कहना है कि प्रश्नपत्र के साथ छेड़छाड़ की गई है. यह जांच का विषय है कि आखिर किस तरह से छेड़छाड़ की गई. उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि नियमों की धज्जियां उड़ाकर प्रश्नपत्र रांची से हजारीबाग कैसे लाया गया.
उन्होंने यह भी कहा कि प्रश्नपत्र ई-रिक्शा के माध्यम से 2 किलोमीटर दूर बैंक तक पहुंचाया जाता है. ट्रक के माध्यम से प्रश्नपत्र बैंक तक पहुंचाने की जिम्मेदारी कूरियर एजेंसी की थी. जो वीडियो प्राप्त हुए हैं, उनमें भी प्रश्नपत्र कूरियर सर्विस सेंटर के गेट पर पड़ा हुआ दिखाई दे रहा है, यह भी लापरवाही है.
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