देवघरः झारखंड में बंगलादेशी घुसपैठ का मामला लगातार गहराता जा रहा है. गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने अभी हाल में घुसपैठ के मुद्दे पर झारखंड हाईकोर्ट की टिप्पणी का हवाला देते हुए राज्य सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और प्रशासन के लचर रवैये की वजह से झारखंड में लगातार घुसपैठ बढ़ा और संथाल परगना जैसे क्षेत्र में आदिवासियों की जनसंख्या में गिरावट आई है.
सांसद निशिकांत दुबे ने घुसपैठ को गहरी साजिश बताते हुए कहा कि संथाल परगना जैसे क्षेत्र में 'लैंड जिहाद' के जरिए आदिवासियों की जमीन पर कब्जा किया गया है. उन्होंने हाईकोर्ट के सख्त निर्देश की ओर इशारा करते हुए संथाल परगना क्षेत्र में एनआरसी की संभावना से भी इंकार नहीं किया.
हाई कोर्ट की टिप्पणी से साफ हो जाता है कि राज्य में खासतौर पर संथाल परगना जैसे क्षेत्र में लैंड जिहाद चल रहा है और जल्द ही एनआरसी भी लागू हो सकता है. गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने बंगलादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए देवघर में ये बातें कही हैं.
पिछले दिनों बंगलादेशी घुसपैठ के मामले पर झारखंड पुलिस की स्पेशल ब्रांच भी अलर्ट जारी कर चुकी है. इसी महीने की शुरुआत में झारखंड हाईकोर्ट ने भी घुसपैठ के मुद्दे पर सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे. कोर्ट ने कहा था कि घुसपैठियों को चिन्हित कर उन्हें वापस बंगलादेश भेजने की व्यवस्था की जाए.
जानकार बताते हैं कि झारखंड के कई इलाकों में खासतौर पर आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों द्वारा कब्जा किए जाने की शिकायत मिलती रही है. मगर इस पर सिर्फ राजनीति ही हुई. चाहे आदिवासियों की हक की लड़ाई लड़ने की बात करने वाले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हों या फिर बीजेपी के बड़े आदिवासी नेता बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा. बीजेपी के आक्रामक तेवर को देखते हुए लगता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में बंगलादेशी घुसपैठ, लैंड जिहाद और एनआरसी एक बड़ा मुद्दा हो सकता है.
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