ETV Bharat / bharat

शत प्रतिशत वीवीपैट मिलान की अनुमति नहीं देना भारतीय मतदाताओं के साथ अन्याय : कांग्रेस

Hundred Percent VVPAT Matching : कांग्रेस ने एक बार फिर शत प्रतिशत वीवीपैट मिलान का मुद्दा उठाया है. कांग्रेस ने कहा कि ऐसा नहीं करना भारतीय मतदाताओं के साथ अन्याय है.

Hundred Percent VVPAT Matching
प्रतिकात्मक तस्वीर.
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 14, 2024, 10:33 AM IST

Updated : Feb 14, 2024, 10:51 AM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने चुनाव प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए बुधवार को कहा कि 'वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट' (वीवीपैट)पर्चियों के 100 प्रतिशत मिलान की अनुमति नहीं दिया जाना भारतीय मतदाताओं के साथ घोर अन्याय है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्ल्युसिव एलायंस'(इंडिया) के घटक दलों की यह मांग रही है कि वीवीपैट पर्चियों के मिलान को बढ़ाकर 100 प्रतिशत तक किया जाए.

उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा कि 100 प्रतिशत वीवीपैट की अनुमति न देना भारतीय मतदाताओं के साथ घोर अन्याय है. रमेश ने कहा कि आठ अप्रैल, 2019 को उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग से वीवीपैट पर्ची मिलान वाले चुनाव बूथों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया था. उन्होंने अदालती मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि मामला एन. चंद्रबाबू नायडू बनाम भारत संघ' है. हां, वही चंद्रबाबू नायडू जो कभी हाई-टेक मुख्यमंत्री के रूप में जाने जाते थे. श्री नायडू तब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर 'इंडिया' घटक दलों के साथ बातचीत करने में निर्वाचन आयोग की अनिच्छा और भी अधिक सवाल उठाती है. रमेश ने सवाल किया कि क्या निर्वाचन आयोग को उस तकनीक में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता लाने के लिए प्रयास नहीं करना चाहिए. कांग्रेस महासचिव ने तंज कसते हुए कहा कि लेकिन जाहिर है कि श्री नायडू इस बीच राजग में शामिल होने वाले हैं. हो सकता है कि वह निर्वाचन आयोग को अपने पूर्व सहयोगियों (विपक्षी दलों) को समय देने के लिए मना सकें.

ये भी पढ़ें

नई दिल्ली : कांग्रेस ने चुनाव प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए बुधवार को कहा कि 'वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट' (वीवीपैट)पर्चियों के 100 प्रतिशत मिलान की अनुमति नहीं दिया जाना भारतीय मतदाताओं के साथ घोर अन्याय है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्ल्युसिव एलायंस'(इंडिया) के घटक दलों की यह मांग रही है कि वीवीपैट पर्चियों के मिलान को बढ़ाकर 100 प्रतिशत तक किया जाए.

उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा कि 100 प्रतिशत वीवीपैट की अनुमति न देना भारतीय मतदाताओं के साथ घोर अन्याय है. रमेश ने कहा कि आठ अप्रैल, 2019 को उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग से वीवीपैट पर्ची मिलान वाले चुनाव बूथों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया था. उन्होंने अदालती मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि मामला एन. चंद्रबाबू नायडू बनाम भारत संघ' है. हां, वही चंद्रबाबू नायडू जो कभी हाई-टेक मुख्यमंत्री के रूप में जाने जाते थे. श्री नायडू तब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर 'इंडिया' घटक दलों के साथ बातचीत करने में निर्वाचन आयोग की अनिच्छा और भी अधिक सवाल उठाती है. रमेश ने सवाल किया कि क्या निर्वाचन आयोग को उस तकनीक में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता लाने के लिए प्रयास नहीं करना चाहिए. कांग्रेस महासचिव ने तंज कसते हुए कहा कि लेकिन जाहिर है कि श्री नायडू इस बीच राजग में शामिल होने वाले हैं. हो सकता है कि वह निर्वाचन आयोग को अपने पूर्व सहयोगियों (विपक्षी दलों) को समय देने के लिए मना सकें.

ये भी पढ़ें

Last Updated : Feb 14, 2024, 10:51 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.