नई दिल्ली: नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल का आयोजन दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में 15 से 17 नवंबर के बीच किया जाएगा. इसमें पूर्वोत्तर की विशेषताओं को जीवंत पेश करने का प्रयास किया जाएगा. इसमें आठ राज्य और 200 से अधिक समुदाय एक ही मंच पर एकत्रित होंगे. इस प्रदर्शनी में आने वालों के लिए पूर्वोत्तर के अनोखे कलात्मक और पाक-कला आकर्षित करेंगे.
पिछले एक दशक में नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल देश की राजधानी में पूर्वोत्तर संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है. सामाजिक-सांस्कृतिक ट्रस्ट ट्रेंड एमएमएस द्वारा आयोजित, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, दिल्ली पुलिस और विभिन्न केंद्रीय और कई राज्य सरकारों के सहयोग से इस कार्यक्रम ने पूर्वोत्तर के बारे में बेहतर समझ को बढ़ावा दिया है.
इस प्रदर्शनी से पर्यटन, उद्यमिता और सांस्कृतिक जागरूकता को मिला है. समुदायों के बीच घनिष्ठ संबंधों को प्रोत्साहित किया है. साथ ही नई प्रतिभाओं को प्रदर्शित किया है और रचनात्मकता और उत्सव के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया है.
नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल के मुख्य आयोजक श्यामकानु महंत ने इस आयोजन के स्थायी दृष्टिकोण को साझा करते हुए कहा, 'नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल अपनी मूल अवधारणा से कहीं आगे बढ़ चुका है. एक सांस्कृतिक प्रदर्शनी के रूप में शुरू यह पर्यटन उत्सव दिल्ली का प्रमुख पर्यटन उत्सव बन गया है.'
इस वर्ष के आयोजन में क्षेत्र की सांस्कृतिक, कलात्मक और उद्यमशील ऊर्जा को दर्शाने वाले विविध कार्यक्रम और अनुभव प्रस्तुत किए जाएंगे. विजिटर्स एक विशाल प्रदर्शनी देख सकते हैं जिसमें बड़ी संख्या में एमएसएमई स्टॉल होंगे. इनमें से प्रत्येक पूर्वोत्तर समुदायों के अनूठे उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे. इससे लोगों को स्थानीय कारीगरों से सीधे जुड़ने का मौका मिलता है.
यह महोत्सव व्यवसाय और पर्यटन सहभागिता के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है. पर्यटन व्यवसाय सम्मेलन में दिल्ली और पूर्वोत्तर के हितधारकों के प्रमुख टूर ऑपरेटर एकत्रित होंगे. जिससे वे आपस में संपर्क बढ़ा सकें.