बेंगलुरु: बेंगलुरु की एक अदालत ने गुरुवार को पॉक्सो मामले में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया. सीआईडी ने पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होने पर बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ वारंट जारी करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी.
येदियुरप्पा पर 17 वर्षीय लड़की की मां की शिकायत के आधार पर पॉक्सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया गया है. महिला ने आरोप लगाया था कि उन्होंने इस साल फरवरी में कर्नाटक में अपने आवास पर एक बैठक के दौरान उनकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया था. महिला ने मार्च में शिकायत दर्ज कराई थी.
81 वर्षीय येदियुरप्पा ने आरोप से इनकार किया और कहा है कि वह कानूनी रूप से मामला लड़ेंगे. इससे पहले दिन में कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा था कि आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) मामले की जांच कर रहा है. उसने एक नोटिस जारी किया है जिसमें उन्हें पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा गया है, और यदि आवश्यक हुआ तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, 'नोटिस प्रक्रियात्मक रूप से दिया जा चुका है, 15 जून तक आरोप पत्र दाखिल करना होगा. उससे पहले वे (सीआईडी) आरोप पत्र दाखिल करेंगे. इसके लिए उन्हें प्रक्रिया का पालन करना होगा.'
एक सवाल के जवाब में परमेश्वर ने कहा, 'जरूरत पड़ी तो गिरफ्तार करेंगे. मैं यह नहीं कह सकता (यदि) यह आवश्यक है, सीआईडी को यह कहना होगा. अगर उन्हें लगेगा कि यह जरूरी है तो वे ऐसा करेंगे.'
सीआईडी कर रही है जांच : 3 मार्च, 2024 को येदियुरप्पा के खिलाफ एक नाबालिग के यौन उत्पीड़न के आरोप में सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में POCSO मामला दर्ज किया गया था. इस शिकायत के आधार पर सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई. सरकार ने मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी. हाल ही में सीआईडी अधिकारियों ने येदियुरप्पा को नोटिस जारी कर दूसरी बार सुनवाई में शामिल होने का निर्देश दिया था. हालांकि येदियुरप्पा ने सुनवाई में शामिल होने के लिए समय मांगा था. इसके चलते जांच अधिकारियों ने ट्रायल कोर्ट का रुख किया.