नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा में धन शोधन और मानव अंगों की तस्करी मामले में फंसाने की धमकी देकर साइबर ठगों ने मां-बेटी को डिजिटल अरेस्ट कर 36 लाख 58 हजार रुपये ऐंठ लिए. पीड़ित मां-बेटी ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने की पुलिस से की है. ठगी के करीब दो लाख रुपये की रकम को फ्रीज करा दिया है. पुलिस उन खातों की जांच कर रही है, जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई है. मां-बेटी को एक साथ डिजिटल अरेस्ट करने का यह नोएडा का पहला मामला है . बताया जा रहा है कि इस तरह की घटना पहली किसी के साथ नहीं हुई है .
ठगी की दो लाख की रकम को कराया गया फ्रीज : पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-77 निवासी तरुणा गाबा ने बताया कि हाल ही में उन्होंने एमबीए किया और नौकरी के लिए कई जगह आवेदन किया है. उसके पिता की करीब दो दशक पहले मौत हो चुकी है. तरुणा और उनकी मां शशि गाबा का साझा खाता निजी बैंक में है. बीते 27 नवंबर को तरुणा के मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आयी. कॉलर ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताते हुए कहा कि तरुणा और उसकी मां के आधार कार्ड का मिसयूज किया गया है.
साइबर ठगी के इस मामले में संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है, जिन खातों में रकम ट्रांसफर की गई है, उन खातों को फ्रीज कराने का काम किया जा रहा है.
- प्रीति यादव, डीसीपी साइबर क्राइम
बैंक खातों और आधार कार्ड के मिसयूज का बहाना बनाकर ठगी : आधार कार्ड का इस्तेमाल कर एक सिम निकलवाई गई, जिसका उपयोग मानव अंगों की तस्करी में हुआ है. इसके अलावा बैंक खातों और आधार कार्ड का इस्तेमाल धन शोधन केस में भी हुआ है. इसके बाद तरुणा और घर में मौजूद उसकी मां को स्काइप कॉल के जरिये जोड़ा गया. दोनों को पूछताछ के लिए मुंबई आने को कहा गया. इस सबसे बचने के लिए ऑनलाइन पूछताछ में सहयोग करने का भी विकल्प रखा गया. इसके बाद कथित ट्राई अधिकारी ने कॉल मुंबई पुलिस के अधिकारियों को ट्रांसफर कर दी.
ठगों ने मोबाइल पर मां-बेटी के लिए भेजा गिरफ्तारी वारंट : मामूली पूछताछ के बाद अधिकारी बने ठगों ने शिकायतकर्ता के मोबाइल पर गिरफ्तारी वारंट भी भेज दिया. इसके अलावा कथित अधिकारियों ने मां-बेटी के मुठभेड़ होने की भी आशंका जताई. इन सबसे बचने के लिए दोनों से खाते में जमा रकम अन्य खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा गया. ठगों ने आश्वासन दिया कि जांच के बाद सारी रकम मूल खाते में फिर से वापस भेज दी जाएगी.
जेल जाने से बचने के लिए 36 लाख 58 हजार रुपये कराए ट्रांसफर : जेल जाने से बचने के लिए तरुणा ने ठगों द्वारा बताए गए खाते में दो बार में 36 लाख 58 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए. 27 से 30 नवंबर के बीच हुई घटना में पीड़ित मां बेटी कुछ समय तक ठगों की कॉल कट होने के बाद भी पुलिस की कार्रवाई के डर में रही और शिकायत नहीं की. हालांकि बाद में एक परिचित को जब उन्होंने इस बारे में बताया तो उन्हें ठगी का पता चला और ऑनलाइन शिकायत की .
घर भी गिरवी रखने का बनाया दबाव : शशि गाबा ने बताया कि जालसाजों ने उनके घर के बारे में पूरी जानकारी जुटाई. घर कब बना और इसका मालिक कौन है. सारी रकम ट्रांसफर कराने के बाद शशि और उनकी बेटी से एफडी तुड़वाने और घर गिरवी रखकर पैसा लेने के लिए कहा गया. दोनों ने ठगों से हाथ जोड़कर प्रार्थना की लेकिन ठगों ने लगातार घर गिरवी रखकर पैसे ट्रांसफर करने का बनाते रहे दबाव. कई बार कहने के बाद भी जब महिला ने एफडी नहीं तुड़वाई तो ठगों ने चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट करने के बाद मां-बेटी से संपर्क तोड़ दिया. इस दौरान ठगों ने दोनों को घर से बाहर नहीं निकलने दिया .
कोरोना में हुई भाई की मौत : शिकायतकर्ता युवती ने बताया कि 2021 में उसके 43 वर्षीय भाई की कोरोना से मौत हो गई. इसके बाद घर की पूरी जिम्मेदारी उसके ऊपर आ गई. पिता की मौत पहले ही हो चुकी थी. बैंक में जमा रकम से जो ब्याज मिलता था, शशि गाबा उसी से घर का खर्च चलाती थी. जिंदगी भर की कमाई एक झटके में गंवाने के बाद 80 वर्षीय शशि गाबा काफी परेशान हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि घर खर्च के लिए रकम अब कहां से आएंगे.
दस साल पहले दिल्ली से नोएडा हुई शिफ्ट : तरुणा गाबा ने बताया कि वह मूलरूप से दिल्ली की रहने वाली हैं. करीब दस साल पहले उसकी मां नोएडा सेक्टर-77 आई थी. उन्होंने कहा कि ऐसा महसूस हो रहा है कि जिंदगी के रास्ते एक ही झटके में बंद हो गए हैं. फिलहाल ठगी की दो लाख की रकम को फ्रीज कराया जा चुका है. बाकी रकम को फ्रीज कराने के प्रयास किए जा रहे है .
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