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जम्मू-कश्मीर: ईद-उल-अजहा के मौके श्रीनगर की जामा मस्जिद में नहीं पढ़ी गई नमाज - No Prayers At Jamia - NO PRAYERS AT JAMIA

No Prayers At Srinagars Jamia Masjid Again: जम्मू- कश्मीर में आज ईद-उल-अजहा यानि बकरीद का त्योहार मनाया गया. हालांकि इस मौके पर श्रीनगर की जामा मस्जिद में फिर से नमाज नहीं पढ़ी गई.

No Prayers At Srinagar's Jamia Masjid
ईद-उल-अजहा (ETV Bharat URDU AND J&K Desk)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 17, 2024, 12:10 PM IST

श्रीनगर: जम्मू -कश्मीर में आज ईद-उल-अजहा का त्यौहार धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया. शांति और समृद्धि के लिए नमाज अदा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग मस्जिदों और ईदगाहों में एकत्र हुए. इस बीच श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में इस साल भी सामूहिक नमाज नहीं पढ़ी गयी.

जम्मू- कश्मीर सहित दुनिया भर के मुसलमान इस्लामी कैलेंडर के अंतिम महीने धु अल-हिज्जा के 10वें दिन ईद-उल-अजहा मनाते हैं. कश्मीर में सबसे बड़ा ईद समागम हजरतबल दरगाह पर आयोजित किया गया, जहां हजारों लोगों ने ईद की नमाज में भाग लिया और इस्लामी शिक्षाओं पर प्रवचन सुने. लगातार पांचवें साल श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में सन्नाटा पसरा रहा और इस पवित्र दिन पर होने वाली सामूहिक नमाज नहीं पढ़ी गई. मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद श्रीनगर ने कहा कि प्रशासनिक निर्देशों के कारण निर्धारित समय पर नमाज पढ़ने के उनके प्रयास विफल हो गए.

प्रबंधन समिति के एक सदस्य ने कहा, 'आज प्रशासन ने हमें सुबह 9 बजे निर्धारित समय पर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी.' हमारी विनती और याचिकाओं के बावजूद, उन्होंने नमाज पढ़ने की अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिसके कारण ऐतिहासिक मस्जिद के साथ-साथ ईदगाह में भी नमाज पढ़ना रद्द कर दिया गया.'

जामा मस्जिद में सामूहिक नमाज नहीं हुई. जम्मू- कश्मीर की अन्य स्थानीय मस्जिदों में बिना किसी बाधा के ईद-उल-अजहा मनाई गई. उपदेशों और 'अल्लाहु अकबर' के गूंजते नारों के बीच नमाजियों ने कश्मीर घाटी की शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए प्रार्थना की. ईद-उल-अजहा पैगम्बर इब्राहिम द्वारा अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे इस्माइल की बलि देने की इच्छा को याद करता है. लोग इस त्यौहार पर जानवरों की बलि देकर इस परंपरा का पालन करते हैं. ईद की नमाज के बाद कश्मीर भर में लोग जानवरों की कुर्बानी में हिस्सा लेने के लिए घर लौट आए.

ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: महबूबा का आरोप, नमाज अदा करने से रोकने के लिए जामा मस्जिद को बंद किया - Mehbooba on Jama Masjid

श्रीनगर: जम्मू -कश्मीर में आज ईद-उल-अजहा का त्यौहार धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया. शांति और समृद्धि के लिए नमाज अदा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग मस्जिदों और ईदगाहों में एकत्र हुए. इस बीच श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में इस साल भी सामूहिक नमाज नहीं पढ़ी गयी.

जम्मू- कश्मीर सहित दुनिया भर के मुसलमान इस्लामी कैलेंडर के अंतिम महीने धु अल-हिज्जा के 10वें दिन ईद-उल-अजहा मनाते हैं. कश्मीर में सबसे बड़ा ईद समागम हजरतबल दरगाह पर आयोजित किया गया, जहां हजारों लोगों ने ईद की नमाज में भाग लिया और इस्लामी शिक्षाओं पर प्रवचन सुने. लगातार पांचवें साल श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में सन्नाटा पसरा रहा और इस पवित्र दिन पर होने वाली सामूहिक नमाज नहीं पढ़ी गई. मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद श्रीनगर ने कहा कि प्रशासनिक निर्देशों के कारण निर्धारित समय पर नमाज पढ़ने के उनके प्रयास विफल हो गए.

प्रबंधन समिति के एक सदस्य ने कहा, 'आज प्रशासन ने हमें सुबह 9 बजे निर्धारित समय पर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी.' हमारी विनती और याचिकाओं के बावजूद, उन्होंने नमाज पढ़ने की अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिसके कारण ऐतिहासिक मस्जिद के साथ-साथ ईदगाह में भी नमाज पढ़ना रद्द कर दिया गया.'

जामा मस्जिद में सामूहिक नमाज नहीं हुई. जम्मू- कश्मीर की अन्य स्थानीय मस्जिदों में बिना किसी बाधा के ईद-उल-अजहा मनाई गई. उपदेशों और 'अल्लाहु अकबर' के गूंजते नारों के बीच नमाजियों ने कश्मीर घाटी की शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए प्रार्थना की. ईद-उल-अजहा पैगम्बर इब्राहिम द्वारा अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे इस्माइल की बलि देने की इच्छा को याद करता है. लोग इस त्यौहार पर जानवरों की बलि देकर इस परंपरा का पालन करते हैं. ईद की नमाज के बाद कश्मीर भर में लोग जानवरों की कुर्बानी में हिस्सा लेने के लिए घर लौट आए.

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