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पिछले तीन सालों में जम्मू-कश्मीर में बिजली दरों में नहीं हुई कोई बढ़ोतरी : मनोज सिन्हा - MANOJ SINHA PRESS CONFERENCE

NO Tariff Hike In JK: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन भारी बिजली ऋण का भुगतान करने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में सस्ती बिजली मिल रही है. पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 12, 2024, 5:14 PM IST

MANOJ SINHA PRESS CONFERENCE
एलजी मनोज सिन्हा (@OfficeOfLGJandK (X))

श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को दावा किया कि पिछले तीन सालों से केंद्र शासित प्रदेश में बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. इसके साथ ही कहा कि उनका प्रशासन पड़ोसी राज्यों की तुलना में उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध करा रहा है.

श्रीनगर में डल झील के किनारे एसकेआईसीसी में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घोषणा की कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 28,000 करोड़ रुपये के बड़े बिजली ऋण को सफलतापूर्वक चुका दिया है. इस महत्वपूर्ण वित्तीय दायित्व के बावजूद, एलजी सिन्हा ने आश्वासन दिया कि केंद्र शासित प्रदेश के निवासियों को देश में सबसे कम बिजली दरों का लाभ मिल रहा है, पिछले तीन वर्षों में टैरिफ में कोई वृद्धि नहीं हुई है.

उन्होंने आगे कहा कि लोगों को हमारे साथ सहयोग करना चाहिए और वे जितनी बिजली इस्तेमाल करते हैं, उसका भुगतान करना चाहिए ताकि हम उन्हें 24×7 बिजली सुनिश्चित कर सकें. उन्होंने कहा कि बिजली चोरी को रोकने के लिए मीटरिंग एक सफल कदम रहा है.

संसद में पारित केंद्र शासित प्रदेश के बजट के बारे में बोलते हुए सिन्हा ने कहा था कि आवंटन में वृद्धि जम्मू-कश्मीर के विकास के प्रति केंद्र की गंभीरता को दर्शाती है. 23 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में जम्मू-कश्मीर के लिए 1,18,390 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन सभी क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा था कि हम सभी क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, चाहे वह कृषि, बागवानी, बिजली, बुनियादी ढांचा आदि हो.

वहीं, आज प्रेस कॉफ्रेंस में एलजी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर बैंक को भारी कर्ज से बाहर निकालने में सफलता हासिल की है. इसे केंद्र शासित प्रदेश का लाभ कमाने वाला वित्तीय संस्थान बना दिया है. इसके अलावा, सिन्हा ने बताया कि प्रशासन ने जेएंडके बैंक को पुनर्जीवित किया है, इसे भारी कर्ज वाली इकाई से एक लाभदायक वित्तीय संस्थान में बदल दिया है. लेफ्टिनेंट गवर्नर की टिप्पणी राजकोषीय जिम्मेदारी बनाए रखते हुए सार्वजनिक सेवाओं और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए प्रशासन के चल रहे प्रयासों को रेखांकित करती है.

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श्रीनगर में डल झील के किनारे एसकेआईसीसी में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घोषणा की कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 28,000 करोड़ रुपये के बड़े बिजली ऋण को सफलतापूर्वक चुका दिया है. इस महत्वपूर्ण वित्तीय दायित्व के बावजूद, एलजी सिन्हा ने आश्वासन दिया कि केंद्र शासित प्रदेश के निवासियों को देश में सबसे कम बिजली दरों का लाभ मिल रहा है, पिछले तीन वर्षों में टैरिफ में कोई वृद्धि नहीं हुई है.

उन्होंने आगे कहा कि लोगों को हमारे साथ सहयोग करना चाहिए और वे जितनी बिजली इस्तेमाल करते हैं, उसका भुगतान करना चाहिए ताकि हम उन्हें 24×7 बिजली सुनिश्चित कर सकें. उन्होंने कहा कि बिजली चोरी को रोकने के लिए मीटरिंग एक सफल कदम रहा है.

संसद में पारित केंद्र शासित प्रदेश के बजट के बारे में बोलते हुए सिन्हा ने कहा था कि आवंटन में वृद्धि जम्मू-कश्मीर के विकास के प्रति केंद्र की गंभीरता को दर्शाती है. 23 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में जम्मू-कश्मीर के लिए 1,18,390 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन सभी क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा था कि हम सभी क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, चाहे वह कृषि, बागवानी, बिजली, बुनियादी ढांचा आदि हो.

वहीं, आज प्रेस कॉफ्रेंस में एलजी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर बैंक को भारी कर्ज से बाहर निकालने में सफलता हासिल की है. इसे केंद्र शासित प्रदेश का लाभ कमाने वाला वित्तीय संस्थान बना दिया है. इसके अलावा, सिन्हा ने बताया कि प्रशासन ने जेएंडके बैंक को पुनर्जीवित किया है, इसे भारी कर्ज वाली इकाई से एक लाभदायक वित्तीय संस्थान में बदल दिया है. लेफ्टिनेंट गवर्नर की टिप्पणी राजकोषीय जिम्मेदारी बनाए रखते हुए सार्वजनिक सेवाओं और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए प्रशासन के चल रहे प्रयासों को रेखांकित करती है.

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