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असम: NRC के बिना नहीं बनेगा आधार, सीएम हिमंत सरमा का बड़ा फैसला - No NRC no Aadhaar - NO NRC NO AADHAAR

No NRC Application Number No Aadhaar in Assam: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घुसपैठ को रोकने के लिए नए उपायों की घोषणा की. सरमा ने आधार कार्ड जारी करने पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि धुबरी जिले में आबादी से अधिक आधार कार्ड जारी किए गए हैं, जिससे यह संभावना बढ़ गई है कि कुछ संदिग्ध व्यक्तियों को आधार कार्ड मिले हैं.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वास सरमा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वास सरमा (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 8, 2024, 10:54 AM IST

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य में आधार कार्ड के लिए नए आवेदकों को अपना एनआरसी आवेदन रसीद नंबर (एआरएन) अनिवार्य रूप से देना होगा. सीएम ने शनिवार को कहा कि असम के चार जिलों में उनकी अनुमानित आबादी से अधिक आधार कार्ड धारक हैं.

मुख्यमंत्री ने बताया कि बारपेटा, धुबरी (दोनों निचले असम में), मोरीगांव और नागांव (दोनों मध्य असम में) में उनकी अनुमानित जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड धारक हैं. उन्होंने कहा, 'इस उद्देश्य के लिए एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की जाएगी और इसे एक अक्टूबर से लागू किया जाएगा.'

सीएम ने कहा कि एनआरसी के लिए आवेदन करना अनिवार्य है, चाहे आप एनआरसी में शामिल हुए हों या नहीं. सरमा ने कहा, 'अगर आपने एनआरसी के लिए आवेदन नहीं किया है तो आपको असम में आधार कार्ड नहीं मिलेगा. हम हर चीज की बारीकी से जांच करेंगे और प्रक्रिया को सख्त और कठोर बनाएंगे.'

तीन मुस्लिम बहुल जिलों बारपेटा, धुबरी मोरीगांव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अनुमानित जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार जारी किए गए आधार कार्ड का प्रतिशत क्रमशः 103 प्रतिशत, 103 प्रतिशत और 101 प्रतिशत है. इन जिलों में संदिग्ध विदेशियों के पास आधार कार्ड होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

सीएम ने आश्वासन दिया कि हम राज्य में अवैध अप्रवासियों की पहचान करने और उनकी समस्याओं को दूर करने के प्रयासों को भी बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा, '2019 में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जिन 9.35 लाख से अधिक लोगों के बायोमेट्रिक्स को ब्लॉक किया गया था. उन्हें सितंबर के भीतर उनके आधार कार्ड मिल जाएंगे. यूआईडीएआई अगले एक से दो दिनों में प्रोटोकॉल लेकर आएगा.'

ये भी पढ़ें- असम विधानसभा में मुस्लिम विवाह और तलाक कानून को निष्प्रभावी करने वाला विधेयक पारित

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य में आधार कार्ड के लिए नए आवेदकों को अपना एनआरसी आवेदन रसीद नंबर (एआरएन) अनिवार्य रूप से देना होगा. सीएम ने शनिवार को कहा कि असम के चार जिलों में उनकी अनुमानित आबादी से अधिक आधार कार्ड धारक हैं.

मुख्यमंत्री ने बताया कि बारपेटा, धुबरी (दोनों निचले असम में), मोरीगांव और नागांव (दोनों मध्य असम में) में उनकी अनुमानित जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड धारक हैं. उन्होंने कहा, 'इस उद्देश्य के लिए एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की जाएगी और इसे एक अक्टूबर से लागू किया जाएगा.'

सीएम ने कहा कि एनआरसी के लिए आवेदन करना अनिवार्य है, चाहे आप एनआरसी में शामिल हुए हों या नहीं. सरमा ने कहा, 'अगर आपने एनआरसी के लिए आवेदन नहीं किया है तो आपको असम में आधार कार्ड नहीं मिलेगा. हम हर चीज की बारीकी से जांच करेंगे और प्रक्रिया को सख्त और कठोर बनाएंगे.'

तीन मुस्लिम बहुल जिलों बारपेटा, धुबरी मोरीगांव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अनुमानित जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार जारी किए गए आधार कार्ड का प्रतिशत क्रमशः 103 प्रतिशत, 103 प्रतिशत और 101 प्रतिशत है. इन जिलों में संदिग्ध विदेशियों के पास आधार कार्ड होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

सीएम ने आश्वासन दिया कि हम राज्य में अवैध अप्रवासियों की पहचान करने और उनकी समस्याओं को दूर करने के प्रयासों को भी बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा, '2019 में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जिन 9.35 लाख से अधिक लोगों के बायोमेट्रिक्स को ब्लॉक किया गया था. उन्हें सितंबर के भीतर उनके आधार कार्ड मिल जाएंगे. यूआईडीएआई अगले एक से दो दिनों में प्रोटोकॉल लेकर आएगा.'

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