गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य में आधार कार्ड के लिए नए आवेदकों को अपना एनआरसी आवेदन रसीद नंबर (एआरएन) अनिवार्य रूप से देना होगा. सीएम ने शनिवार को कहा कि असम के चार जिलों में उनकी अनुमानित आबादी से अधिक आधार कार्ड धारक हैं.
Yesterday, we took key decisions
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) September 8, 2024
👉Aadhar issuance to be strictly regulated in Assam – a first in the country. Only applicants who applied for NRC can procure Aadhar; a blow to illegal immigrants
👉 New Nagarik Samitis will strengthen community policing
Highlights | Sep 7 pic.twitter.com/66jI5yVbcZ
मुख्यमंत्री ने बताया कि बारपेटा, धुबरी (दोनों निचले असम में), मोरीगांव और नागांव (दोनों मध्य असम में) में उनकी अनुमानित जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड धारक हैं. उन्होंने कहा, 'इस उद्देश्य के लिए एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की जाएगी और इसे एक अक्टूबर से लागू किया जाएगा.'
सीएम ने कहा कि एनआरसी के लिए आवेदन करना अनिवार्य है, चाहे आप एनआरसी में शामिल हुए हों या नहीं. सरमा ने कहा, 'अगर आपने एनआरसी के लिए आवेदन नहीं किया है तो आपको असम में आधार कार्ड नहीं मिलेगा. हम हर चीज की बारीकी से जांच करेंगे और प्रक्रिया को सख्त और कठोर बनाएंगे.'
तीन मुस्लिम बहुल जिलों बारपेटा, धुबरी मोरीगांव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अनुमानित जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार जारी किए गए आधार कार्ड का प्रतिशत क्रमशः 103 प्रतिशत, 103 प्रतिशत और 101 प्रतिशत है. इन जिलों में संदिग्ध विदेशियों के पास आधार कार्ड होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
सीएम ने आश्वासन दिया कि हम राज्य में अवैध अप्रवासियों की पहचान करने और उनकी समस्याओं को दूर करने के प्रयासों को भी बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा, '2019 में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जिन 9.35 लाख से अधिक लोगों के बायोमेट्रिक्स को ब्लॉक किया गया था. उन्हें सितंबर के भीतर उनके आधार कार्ड मिल जाएंगे. यूआईडीएआई अगले एक से दो दिनों में प्रोटोकॉल लेकर आएगा.'