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अल्पसंख्यक मंत्रालय में भी नहीं मिली किसी मुस्लिम नेता को जगह - Minority affairs ministry - MINORITY AFFAIRS MINISTRY

मोदी मंत्रिमंडल में किसी भी मुस्लिम नेता को शामिल नहीं किया गया है. यहां तक कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की जिम्मेदारी एक बौद्ध नेता को दी गई है, न कि किसी मुस्लिम को. इससे पहले प्रायः इस मंत्रालय को मुस्लिम नेता हेड करते रहे हैं.

Kiren Rijiju, Minister
किरेन रिजिजू, मंत्री (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 11, 2024, 1:36 PM IST

नई दिल्ली : मोदी सरकार ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की जिम्मेदारी किरेन रिजिजू को दी है. वह बौद्ध धर्म को मानते हैं. यह पहली बार है कि किसी बौद्ध नेता को यह जिम्मेदारी दी गई है. उनके सहयोगी जॉर्ज कुरियन होंगे. वह केरल से हैं और वह ईसाई धर्म को मानते हैं.

लोगों में चर्चा ये चल रही है कि जिस मंत्रालय को प्रायः मुस्लिम समाज के नेता देखा करते थे, उन्हें अल्पसंख्यक मंत्रालय की भी जिम्मेदारी नहीं दी गई, जबकि मोदी मंत्रिमंडल में भी किसी मुस्लिम को मंत्री नहीं बनाया गया है.

वैसे, मोदी सरकार में भी अल्पसंख्यक मंत्रालय की जिम्मेदारी मुस्लिम नेता ही निभाते रहे हैं. मुख्तार अब्बास नकवी इस मंत्रालय को देखा करते थे. जुलाई 2022 तक वह इस मंत्रालय को देख रहे थे. उसके बाद स्मृति ईरानी ने मंत्रालय को संभाला. स्मृति ईरानी हिंदू धर्म को मानती हैं, जबकि उन्होंने पारसी व्यक्ति से शादी की है. उनके सहयोगी (राज्य मंत्री) जॉन बार्ला थे. जॉन क्रिश्चियन हैं.

2014 में मोदी सरकार ने इस मंत्रालय की जिम्मेदारी नजमा हेप्तुल्ला को दी थी. जुलाई 2016 में उन्हें मणिपुर का गवर्नर नियुक्त किया गया. उसके बाद इस मंत्रालय को मुख्तार अब्बास नकवी संभालने लगे.

मंत्रालय के अलावा मोदी सरकार ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष इकबाल सिंह को नियुक्त किया था. यहां पर भी किसी मुस्लिम नेता को जगह नहीं मिली है. इकबाल सिंह सिख हैं. पिछली सरकारों में इस आयोग की अध्यक्षता मुस्लिम नेता करते थे. मोदी सरकार ने इस परंपरा को तोड़ दिया.

ये भी पढ़ें : मंत्रियों के विभागों का बंटवारा, अमित शाह फिर बने गृह मंत्री, शिवराज सिंह को कृषि मंत्रालय, देखें पूरी लिस्ट

नई दिल्ली : मोदी सरकार ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की जिम्मेदारी किरेन रिजिजू को दी है. वह बौद्ध धर्म को मानते हैं. यह पहली बार है कि किसी बौद्ध नेता को यह जिम्मेदारी दी गई है. उनके सहयोगी जॉर्ज कुरियन होंगे. वह केरल से हैं और वह ईसाई धर्म को मानते हैं.

लोगों में चर्चा ये चल रही है कि जिस मंत्रालय को प्रायः मुस्लिम समाज के नेता देखा करते थे, उन्हें अल्पसंख्यक मंत्रालय की भी जिम्मेदारी नहीं दी गई, जबकि मोदी मंत्रिमंडल में भी किसी मुस्लिम को मंत्री नहीं बनाया गया है.

वैसे, मोदी सरकार में भी अल्पसंख्यक मंत्रालय की जिम्मेदारी मुस्लिम नेता ही निभाते रहे हैं. मुख्तार अब्बास नकवी इस मंत्रालय को देखा करते थे. जुलाई 2022 तक वह इस मंत्रालय को देख रहे थे. उसके बाद स्मृति ईरानी ने मंत्रालय को संभाला. स्मृति ईरानी हिंदू धर्म को मानती हैं, जबकि उन्होंने पारसी व्यक्ति से शादी की है. उनके सहयोगी (राज्य मंत्री) जॉन बार्ला थे. जॉन क्रिश्चियन हैं.

2014 में मोदी सरकार ने इस मंत्रालय की जिम्मेदारी नजमा हेप्तुल्ला को दी थी. जुलाई 2016 में उन्हें मणिपुर का गवर्नर नियुक्त किया गया. उसके बाद इस मंत्रालय को मुख्तार अब्बास नकवी संभालने लगे.

मंत्रालय के अलावा मोदी सरकार ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष इकबाल सिंह को नियुक्त किया था. यहां पर भी किसी मुस्लिम नेता को जगह नहीं मिली है. इकबाल सिंह सिख हैं. पिछली सरकारों में इस आयोग की अध्यक्षता मुस्लिम नेता करते थे. मोदी सरकार ने इस परंपरा को तोड़ दिया.

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