नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया द्वारा कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में दायर जमानत याचिकाओं पर 5 अगस्त को सुनवाई करेगा.केंद्रीय एजेंसियों का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष समक्ष प्रस्तुत किया कि सीबीआई ने सिसोदिया की याचिका पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है, लेकिन यह रिकॉर्ड पर नहीं आया है. राजू ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का जवाबी हलफनामा तैयार है और इसे जल्द ही दाखिल किया जाएगा. राजू ने पीठ के समक्ष तर्क दिया कि सिसोदिया ने उसी दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए दूसरी विशेष अनुमति याचिका दायर की है और जोर देकर कहा कि एक ही आदेश को दो बार चुनौती नहीं दी जा सकती.
सिसोदिया का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने राजू की दलीलों को बिल्कुल चौंकाने वाला बताया. सिंघवी ने कहा कि एक अभियोजक के लिए ऐसा कहना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. पीठ को बताया गया कि पिछले साल अक्टूबर में शीर्ष अदालत ने दोनों मामलों में सिसोदिया को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था. राजू ने 4 जून को पारित शीर्ष अदालत के आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया गया था.
शीर्ष अदालत ने कहा कि उसके अक्टूबर के आदेश में निर्धारित अवधि समाप्त हो चुकी है और मामले की सुनवाई योग्यता के आधार पर की जा सकती है. पीठ ने मामले की सुनवाई 5 अगस्त को निर्धारित करते हुए कहा कि इस पर गुण-दोष के आधार पर सुनवाई की जाए. शीर्ष अदालत ने कहा कि ईडी का जवाबी हलफनामा 1 अगस्त तक दाखिल किया जाए और सिसोदिया द्वारा 3 अगस्त तक जवाबी हलफनामा दाखिल किया जाए.
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