सिलचर: पड़ोसी बांग्लादेश में फिर से अशांति फैल गई है. देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमलों और इस्कॉन के सदस्य चिन्मय कृष्ण प्रभु की गिरफ्तारी के खिलाफ दुनियाभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम के कुछ हिस्सों में भी बांग्लादेश की घटनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं. देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की खबरें सामने आने के बाद देश के हिंदू धार्मिक समूहों के एक वर्ग ने कई जगहों पर अपना आक्रोश व्यक्त किया है.
विरोध प्रदर्शन के तौर पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनिस के पुतले को कई जगहों पर आग के हवाले किया गया. दोनों देशों के बीच व्यापारिक लेन-देन भी बाधित हुआ है. असम के कई इलाकों में भी बांग्लादेश विरोधी भावनाएं देखने को मिली हैं. धरने-प्रदर्शनों के अलावा बांग्लादेशी सामानों का बहिष्कार किया गया है खास तौर पर बांग्लादेश की सीमा से सटे असम के जिलों में व्यापक विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आई हैं.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही देश की सीमा से लगे असम के श्रीभूमि जिले के आयात-निर्यात संघ ने बांग्लादेश के साथ सभी व्यापारिक संबंध निलंबित करने का फैसला किया था.
बराक घाटी के होटल व्यवसायियों का बड़ा फैसला
इस बीच, बराक घाटी के होटलों और रेस्टोरेंट ने अब बांग्लादेशी ग्राहकों को प्रवेश नहीं देने का फैसला किया है. बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बंद होने तक बराक घाटी के होटलों और रेस्टोरेंट में किसी भी बांग्लादेशी ग्राहक को भोजन नहीं दिया जाएगा. यह घोषणा बराक घाटी होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने गुरुवार शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए की.
गौरतलब है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ बराक घाटी के तीन जिलों में रोजाना विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस आक्रोश के बीच बराक घाटी होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने बांग्लादेशी ग्राहकों को संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश में हुई घटना बहुत ही अप्रिय है. उन्होंने बताया कि एसोसिएशन ने यह फैसला बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के मद्देनजर लिया है.
बांग्लादेशी आगंतुकों के लिए प्रवेश वर्जित
एसोसिएशन के एक सदस्य ने कहा, "बांग्लादेश में जिस तरह से हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं, इस्लामी कट्टरपंथी उभर रहे हैं और राजनीतिक माहौल चरमरा रहा है, उसे हम मानसिक रूप से स्वीकार नहीं कर सकते. हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश में स्थिति फिर से स्थिर हो जाएगी और हमारे साथ संबंध मजबूत होंगे. स्थिति में सुधार होने पर हम बांग्लादेश में ग्राहकों की सेवा करने के बारे में सोचेंगे. लेकिन अभी तक बांग्लादेशी ग्राहकों का पूरी तरह से बहिष्कार किया गया है. हमारे पड़ोसी राज्य त्रिपुरा ने भी विरोध किया है और हमने भी."