बस्तर: बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में समग्र विकास को लेकर छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार नई योजना लेकर आई है. साय शासन ने "नियद नेल्ला नार" नाम से नई योजना शुरु की है. "नियद नेल्ला नार" का अर्थ है- 'आपका अच्छा गांव'. बस्तर कमिश्नर श्याम धावड़े ने मंगलवार को विभिन्न विभागों के संभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की और जरूरी दिशानिर्देश दिए है.
बस्तर में संभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक: संभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक संभागायुक्त कार्यालय के सभागार में आयोजित की गई. इस दौरान बस्तर कमिश्नर श्याम धावड़े ने योजना के माध्यम से नक्सल प्रभावित गांवों में अधोसंरचना विकास सहित मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने मिशन मोड पर काम करने कहा है. बैठक में बस्तर कमिश्नर श्याम धावड़े ने कहा है, "इन इलाकों के स्थानीय ग्रामीणों के सामाजिक और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देकर विकास का उजियारा चारों ओर पहुंचायेंगे."
मिशन मोड पर कार्य करने का दिए निर्देश: बस्तर कमिश्नर श्याम धावड़े ने योजना के तहत बस्तर अंचल के 58 गांवों में विकास कार्यों को पहुंचाने और मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने पर जोर दिया है. ये 58 गांव बस्तर अंचल के दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और कांकेर जिलों में 16 नवीन कैम्पों के समीप स्थित हैं. उन्होंने इस दिशा में चिन्हित 32 योजनाओं और सेवाओं के कारगर क्रियान्वयन पर फोकस करने की जरूरत बताई है. साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क, बिजली, मोबाइल टॉवर इत्यादि बुनियादी विकास कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं. ताकि बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बनाए गए नए कैम्प सुरक्षा के साथ विश्वास और विकास के कैंप साबित हो सकें.
कमिश्नर ने की स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा: बस्तर कमिश्नर ने स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा सुविधाओं की समीक्षा की. उन्होंने इन नवीन कैम्पों के समीपवर्ती गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता पर फोकस करने पर जोर दिया है. साथ ही शासन की आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी ग्रामीणों को आयुष्मान कार्ड प्रदाय सुनिश्चित करने कहा है. ताकि जरूरतमन्द लोगों को उपचार संबंधी समुचित सहायता मिल सके. उन्होंने गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण, स्वास्थ्य जांच और उनकी संस्थागत प्रसव सुविधा जौसी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कहा है.
योजनाओं को गांवों तक पहुंचाने पर फोकस: नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थापित 16 नए सुरक्षा कैंपों में नवाचार के रूप में विकास कार्य किए जा रहे हैं. कैम्पों के आसपास स्थित करीब 5 गांवों की मूलभूत आवश्यकता के नजरिये से अधोसंरचना विकास और परिवारों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य किए जा रहे हैं. संवेदनशील क्षेत्र के सम्बंधित ग्रामों में शासन की 32 व्यक्ति मूलक योजनाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया जा रहा है. साथ ही 25 से अधिक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने पर फोकस किया जा रहा है.
पीएम आवास समेत कई योजनाओं का मिलेगा लाभ: बस्तर कमिश्नर ने नवीन कैम्पों से सम्बंधित ग्रामों के चिन्हित जरूरतमंद परिवारों को विशेष पिछड़ी जनजाति के समान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराने कहा है. साथ ही निःशुल्क बिजली की सुलभता, राशनकार्ड, मुफ्त खाद्यान्न, जरूरी सामग्रियों की उपलब्धता और उज्जवला योजना से लाभान्वित किये जाने कहा है. इन गांवों में आंगनबाड़ी केन्द्र, स्कूल, उप स्वास्थ्य केन्द्र के बेहतर संचालन के लिए सर्वेक्षण कर क्रियान्वयन पर जोर देने निर्देश दिया गया है.
किसानों और कृषि योजनाओं पर भी फोकस: वनाधिकार पट्टा प्रदान करने के निर्देश बस्तर कमिश्नर ने पात्र ग्रामीणों को वनाधिकार पट्टा प्रदान करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए निर्देशित किया है. इस दिशा में सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को समन्वय के साथ कार्य करने कहा है. क्षेत्र के सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करने, पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं. कमिश्नर ने इन इलाकों के किसानों को सिंचाई हेतु नलकूप सहित सोलर सिंचाई पम्प स्थापना में सहायता देने कहा. वहीं उद्यानिकी, मत्स्य पालन और पशु पालन से ग्रामीणों को लाभांवित करने के निर्देश दिए है, जिससे खेती-किसानी एवं आजीविका संवर्धन को बढ़ावा मिल सके.
मोबाईल-इंटरनेट और यातायात सुविधा पर जोर: नक्सल प्रभावित क्षेत्र के इन दूरस्थ गांवों में मोबाईल टावर तथा इंटरनेट सुविधा एक बड़ी समस्या है. इस दिशा में समन्वित रूप से कार्य करने पर जोर देने के निर्देश बस्तर कमिश्नर ने दिया है. अंदरूनी इलाकों के लोगों के लिए आवागमन के साधन न होना बड़ी समस्या है. लोगों के लिए ब्लॉक और तहसील मुख्यालय तक सुगम आवागमन सुविधा उपलब्ध कराए हेतु बस संचालित किए जाने की जरूरत है. इस दिशा में स्थानीय युवाओं की सहकारी समिति गठित कर उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करने कहा गया है. सभी गांवों को सालभर सड़क से जोड़ने का भी लक्ष्य तय कर पहल करने के निर्देश दिया गया है.
योजनाओं के लिए दिया 20 करोड़ का बजट: बस्तर अंचल के इन संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र के ग्रामों के विकास के लिए शासन द्वारा 20 करोड़ रूपए तक की अतिरिक्त बजट की व्यवस्था की गई है. सरकार भविष्य में आवश्यकता के अनुरूप बजट की उपलब्धता के लिए तैयार है. साथ ही योजनाओं के मूल्यांकन और मॉनिटरिंग के लिए डैशबोर्ड भी तैयार की गई है, जिसके माध्यम से इसकी लगातार समीक्षा की जाएगी. बस्तर में बुनियादी सुविधाओं तथा लोक सेवाओं की सुलभता के लिए इन गांवों में जन सुविधा शिविर आयोजित किया जाता है. बस्तर कमिश्नर ने इन शिविरों में प्राप्त आवेदनों एवं जन समस्याओं का निराकरण संवेदनशीलता के साथ करने के निर्देश दिए हैं.