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सभी पापों से मुक्ति दिलाता है निर्जला या भीमसेनी एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि - NIRJALA EKADASHI 2024

Nirjala Ekadashi 2024: एकादशी तिथियों में निर्जला एकादशी तिथि को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. निर्जला एकादशी का व्रत सभी एकादशी व्रतों की तुलना में सबसे कठिन माना जाता है. इस साल ये व्रत मंगलवार, 18 जून 2024 को रखा जाएगा. जानिए क्या है इस व्रत का महत्व.

सभी पापों से मुक्ति दिलाता है निर्जला या भीमसेनी एकादशी
सभी पापों से मुक्ति दिलाता है निर्जला या भीमसेनी एकादशी (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 12, 2024, 6:02 AM IST

सभी पापों से मुक्ति दिलाता है निर्जला या भीमसेनी एकादशी (ETV BHARAT)

नई दिल्ली/गाजियाबाद : सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. सभी एकादशी तिथियों में निर्जला एकादशी तिथि को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. निर्जला एकादशी का व्रत सभी एकादशी व्रतों की तुलना में सबसे कठिन माना जाता है. ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार निर्जला एकादशी तिथि का व्रत मंगलवार, 18 जून 2024 को रखा जाएगा. निर्जला एकादशी का व्रत सनातन धर्म में तपस्या के समान बताया गया है. ऐसा माना गया है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने से साल भर की सभी एकादशी का व्रत करने के समान फल मिलता है. निर्जला एकादशी के दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक इस साल एकादशी तिथि में वृद्धि हुई है. ऐसे में इसे कहा जाता है की एकादशी सठिया गई है. सठियाने से तात्पर्य है वृद्धावस्था प्राप्त कर लेना. निर्जला एकादशी का व्रत इस साल शिवयोग में रखा जाएगा. यदि आप साल की सभी एकादशी तिथि पर व्रत रखने में असमर्थ हैं तो निर्जला एकादशी का व्रत जरूर रखें. निर्जला एकादशी व्रत के दौरान अन्न और जल ग्रहण न करें. सामर्थ के अनुसार दान जरूर करें.

शुभ मुहूर्त

  • एकादशी तिथि प्रारंभ : सोमवार, 17 जून 2024 सुबह 4:43 AM से शुरू होगी.
  • एकादशी तिथि समाप्त : मंगलवार, 18 जून 2024 सुबह 06:24 AM पर समाप्त होगी.
  • उदया तिथि के अनुसार 18 जून 2024 को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा.

शिवकुमार शर्मा बताते हैं कि भीमसेन ने एक बार भगवान श्रीकृष्ण से पूछा कि मैंने बहुत पाप किए हैं. विभिन्न युद्धों में योद्धाओं को मारा है. मैं इसका प्रायश्चित कैसे करूं ? तब श्री कृष्ण ने भीमसेन से एकादशी का व्रत करने के लिए कहा था. भीमसेन ने श्री कृष्ण से कहा कि प्रभु मैं साल की सभी एकादशी के व्रत नहीं रख सकता, तो मुझे कोई एक ऐसी एकादशी बता दीजिए जिसका व्रत मैं रख सकूं. जिससे सभी एकादशी के व्रत का लाभ मिले. श्री कृष्णा भीमसेन से कहा कि तुम ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी निर्जला एकादशी का व्रत रखो.

व्रत रखने के नियम

  • एकादशी तिथि पर तामसिक भोजन पूर्णता त्याग दें. लहसुन, प्याज, शराब आदि का सेवन न करें.
  • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि पर संबंध बनाना वर्जित बताया गया है. एकादशी तिथि के दिन संबंध बनना पाप की श्रेणी में आता है.
  • एकादशी की तिथि के दिन वाणी पर नियंत्रण रखें. गुस्से को पूर्णता त्याग दें और किसी से दुर्व्यवहार या अपशब्द न कहें.

पीले रंग की वस्तु भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय

  • निर्जला एकादशी पर आप उन्हें केले का भोग जरूर लगाएं. इसके अलावा पीले रंग की मिठाई और मिश्री का भोग लगांए .
  • एकादशी पर विष्णु जी को पंचामृत का भोग लगाएं. इसे भगवान विष्णु के प्रिय भोग में शामिल किया जाता है. माना जाता है कि इसके भोग लगाने से घर में धन वैभव की कभी कमी नहीं होती है.
  • किसी भी उपवास में पंजीरी का खास महत्व होता है. यह भोग के रूप में बेहद शुभ होती है. आप निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को पंजीरी का भोग जरूर लगाएं यह उन्हें अति प्रिय है. इससे सभी अशुभ ग्रहों के बुरे प्रभाव से बचा जा सकता है.
  • इस दौरान आप भगवान विष्णु को मखाने की खीर का भोग लगाएं. माना जाता है कि भगवान विष्णु को मखाने की खीर का भोग लगाने से उनकी असीम कृपा बनी रहती है.

ये भी पढ़ें : रोहिणी में छबील वितरण के दौरान पहुंची साध्वी ने बताया निर्जला एकादशी का महत्व

Disclaimer: खबर धार्मिक मान्यताओं और जानकारी पर आधारित है. ईटीवी भारत खबर में दी गई किसी भी जानकारी के सही होने का दवा नहीं करता है.
किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहद आवश्यक है.

ये भी पढ़ें : ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें भगवान विष्णु की आराधना, मिलेगा विशेष फल, जानें स्नान-दान का महत्व

सभी पापों से मुक्ति दिलाता है निर्जला या भीमसेनी एकादशी (ETV BHARAT)

नई दिल्ली/गाजियाबाद : सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. सभी एकादशी तिथियों में निर्जला एकादशी तिथि को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. निर्जला एकादशी का व्रत सभी एकादशी व्रतों की तुलना में सबसे कठिन माना जाता है. ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार निर्जला एकादशी तिथि का व्रत मंगलवार, 18 जून 2024 को रखा जाएगा. निर्जला एकादशी का व्रत सनातन धर्म में तपस्या के समान बताया गया है. ऐसा माना गया है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने से साल भर की सभी एकादशी का व्रत करने के समान फल मिलता है. निर्जला एकादशी के दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक इस साल एकादशी तिथि में वृद्धि हुई है. ऐसे में इसे कहा जाता है की एकादशी सठिया गई है. सठियाने से तात्पर्य है वृद्धावस्था प्राप्त कर लेना. निर्जला एकादशी का व्रत इस साल शिवयोग में रखा जाएगा. यदि आप साल की सभी एकादशी तिथि पर व्रत रखने में असमर्थ हैं तो निर्जला एकादशी का व्रत जरूर रखें. निर्जला एकादशी व्रत के दौरान अन्न और जल ग्रहण न करें. सामर्थ के अनुसार दान जरूर करें.

शुभ मुहूर्त

  • एकादशी तिथि प्रारंभ : सोमवार, 17 जून 2024 सुबह 4:43 AM से शुरू होगी.
  • एकादशी तिथि समाप्त : मंगलवार, 18 जून 2024 सुबह 06:24 AM पर समाप्त होगी.
  • उदया तिथि के अनुसार 18 जून 2024 को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा.

शिवकुमार शर्मा बताते हैं कि भीमसेन ने एक बार भगवान श्रीकृष्ण से पूछा कि मैंने बहुत पाप किए हैं. विभिन्न युद्धों में योद्धाओं को मारा है. मैं इसका प्रायश्चित कैसे करूं ? तब श्री कृष्ण ने भीमसेन से एकादशी का व्रत करने के लिए कहा था. भीमसेन ने श्री कृष्ण से कहा कि प्रभु मैं साल की सभी एकादशी के व्रत नहीं रख सकता, तो मुझे कोई एक ऐसी एकादशी बता दीजिए जिसका व्रत मैं रख सकूं. जिससे सभी एकादशी के व्रत का लाभ मिले. श्री कृष्णा भीमसेन से कहा कि तुम ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी निर्जला एकादशी का व्रत रखो.

व्रत रखने के नियम

  • एकादशी तिथि पर तामसिक भोजन पूर्णता त्याग दें. लहसुन, प्याज, शराब आदि का सेवन न करें.
  • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि पर संबंध बनाना वर्जित बताया गया है. एकादशी तिथि के दिन संबंध बनना पाप की श्रेणी में आता है.
  • एकादशी की तिथि के दिन वाणी पर नियंत्रण रखें. गुस्से को पूर्णता त्याग दें और किसी से दुर्व्यवहार या अपशब्द न कहें.

पीले रंग की वस्तु भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय

  • निर्जला एकादशी पर आप उन्हें केले का भोग जरूर लगाएं. इसके अलावा पीले रंग की मिठाई और मिश्री का भोग लगांए .
  • एकादशी पर विष्णु जी को पंचामृत का भोग लगाएं. इसे भगवान विष्णु के प्रिय भोग में शामिल किया जाता है. माना जाता है कि इसके भोग लगाने से घर में धन वैभव की कभी कमी नहीं होती है.
  • किसी भी उपवास में पंजीरी का खास महत्व होता है. यह भोग के रूप में बेहद शुभ होती है. आप निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को पंजीरी का भोग जरूर लगाएं यह उन्हें अति प्रिय है. इससे सभी अशुभ ग्रहों के बुरे प्रभाव से बचा जा सकता है.
  • इस दौरान आप भगवान विष्णु को मखाने की खीर का भोग लगाएं. माना जाता है कि भगवान विष्णु को मखाने की खीर का भोग लगाने से उनकी असीम कृपा बनी रहती है.

ये भी पढ़ें : रोहिणी में छबील वितरण के दौरान पहुंची साध्वी ने बताया निर्जला एकादशी का महत्व

Disclaimer: खबर धार्मिक मान्यताओं और जानकारी पर आधारित है. ईटीवी भारत खबर में दी गई किसी भी जानकारी के सही होने का दवा नहीं करता है.
किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहद आवश्यक है.

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