झज्जर: दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ लाओस, थाईलैंड के अलावा अन्य देशों में मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी के मामले में राष्ट्री जांच एजेंसी (एनआईए) ने बहादुरगढ़ के दो युवकों को गिरफ्तार किया है. शुक्रवार को इसी मामले में एनआईए टीम आरोपी आशीष को बहादुरगढ़ उसके निवास सेक्टर-7 पर लेकर पहुंची. जहां टीम के अधिकारियों ने आशीष के परिजनों से पूछताछ की.
एनआईए टीम के अधिकारियों ने इस बारे में कुछ भी बताने से साफ इनकार कर दिया. आरोपी आशीष की मां राजेश देवी ने बताया कि एनआईए टीम उनके यहां 5 से 10 मिनट ही रुकी. उनसे घर में कौन कमाने वाला है पूछा और घर देखकर वापस चली गई. टीम में कुल तीन-चार अधिकारी शामिल थे. एनआईए टीम के साथ बहादुरगढ़ से सेक्टर-6 थाना पुलिस भी साथ आई थी.
एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) टीम ने मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी में बहादुरगढ़ के लाइनपार के शंकर गार्डन की गली नंबर तीन निवासी साहिल पुत्र बिजेंद्र कुमार और सेक्टर-7 निवासी आशीष पुत्र रामकरण को पकड़ा है. आशीष को लेकर टीम शुक्रवार की दोपहर करीब दो बजे सेक्टर-7 स्थित उनके निवास पर पहुंची. यहां आशीष की मां से पूछताछ की गई. आशीष की मां राजेश देवी ने बताया कि उसके बेटे आशीष (25) के पास साहिल के फोन आते थे और वही उससे लोगों को नौकरी लगवाने के नाम पर फोन करवाता था.
आशीष 12वीं पास हैं और आईटीआई से इलेक्ट्रीशियन डिप्लोमा किया हुआ है. साहिल और आशीष दोनों साथ पढ़ते थे. दोनों की आपस में दोस्ती है. कुछ समय पहले आशीष ने सोमानी टाइल फैक्ट्री में नौकरी की थी. इसके बाद उसका स्वास्थ्य खराब हो गया था. इसलिए नौकरी छोड़नी पड़ी थी. कुछ साल पहले साहिल भी सेक्टर-7 के पास ही रहता था.
आशीष की मां राजेश देवी ने बताया कि आशीष घर पर खाली था तो साहिल उसके पास आया और उसने आशीष को नौकरी लगाने की बात कही. आशीष उसकी बातों में आ गया और उसके कहने पर दिल्ली नौकरी करने लगा. आशीष ने ही उसे फोन और सिम कार्ड उपलब्ध कराए. आशीष को साहिल 10 हजार रुपये महीना देता था. असली गुनहकार साहिल और एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए दिल्ली के मंजूर आलम उर्फ गुड्डू हैं. मेरे बेटे को गलत फंसाया गया है. पहले भी कई बार दिल्ली पुलिस और एनआईए ने आशीष से पूछताछ की है. आशीष की मां ने कहा कि गिरफ्तारी की जानकारी मुझे फोन पर एनआईने ने दी थी.
आशीष का परिवार पिछले 25 साल से बहादुरगढ़ के सेक्टर-7 में रहता है. परिवार में दो बहनें और एक भाई है. बहनें शादीशुदा हैं. जबकि भाई सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है. पकड़े गए युवकों पर आरोप है ये आकर्षक नौकरियों की पेशकश के बहाने भारतीय युवाओं को विदेश में ले जाने और तस्करी करने में शामिल थे. तस्करी किए गए युवाओं को लाओस, गोल्डन ट्राएंगल एसईजेड और दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र के अन्य स्थानों पर फर्जी कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया गया था. भारत, लाओस और अन्य देशों के विभिन्न हिस्सों में स्थित ऑपरेटरों के माध्यम से विदेशी नागरिकों द्वारा संचालित विशाल नेटवर्क का हिस्सा थे. इन काल सेंटरों के माध्यम से युवाओं को निवेश घोटाले, रिलेशनशिप घोटाले, क्रिप्टो करेंसी घोटाले जैसी अवैध ऑनलाइन गतिविधियों को अंजाम देने के लिए मजबूर किया जाता था.