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रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामला: NIA ने कोलकाता से 2 प्रमुख संदिग्धों को गिरफ्तार किया, तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड मिली - Rameswaram Cafe blast case

Rameswaram Cafe blast case : एक बड़े घटनाक्रम में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में दो आरोपियों को पश्चिम बंगाल से पकड़ लिया. बेंगलुरु में हुए धमाकों के बाद से फरार दोनों की पहचान अदबुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजेब के रूप में हुई है. आरोपियों को एनआई कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें तीन दिन की एनआईए ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया गया.

Rameswaram Cafe blast case
रामेश्वरम कैफे फाइल फोटो.
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 12, 2024, 12:23 PM IST

Updated : Apr 12, 2024, 10:38 PM IST

बेंगलुरु: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में दो फरार आरोपियों को कोलकाता के पास से गिरफ्तार कर लिया. एक मार्च को बेंगलुरु कैफे में हुए विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे. एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में भगोड़े अदबुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजेब को कोलकाता के पास उनके ठिकाने का पता लगाया गया और एनआईए टीम ने उन्हें पकड़ लिया. 12 अप्रैल की सुबह, एनआईए कोलकाता के पास फरार आरोपियों का पता लगाने में सफल रही. यहां वे अपनी झूठी पहचान बता कर छिपे हुए थे. बाद में आरोपियों को एनआई कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें तीन दिन की एनआईए ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया गया.

पिछले महीने, एनआईए ने 30 वर्षीय ताहा और शाजेब की तस्वीरें और विवरण जारी किए थे. उनमें से प्रत्येक के लिए 10 लाख रुपये के इनाम की भी घोषणा की थी. प्रवक्ता ने कहा कि शाजेब वह आरोपी है जिसने कैफे में आईईडी रखा था और ताहा विस्फोट की योजना बनाने और उसे अंजाम देने और उसके बाद कानून के चंगुल से बचाने वाला मास्टरमाइंड है.

एनआईए ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल की राज्य पुलिस एजेंसियों के साथ समन्वय में काम किया. एनआईए ने कहा कि 300 से अधिक कैमरों से सीसीटीवी फुटेज को स्कैन करने के बाद, यह पाया गया कि 2020 में सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर उभरे आईएसआईएस के दो सदस्य शाजिब और ताहा ने विस्फोट को अंजाम दिया था.

एनआईए ने मामले में दो और लोगों को भी आरोपी बनाया है. उनमें से एक, 26 वर्षीय माज मुनीर अहमद घटना के समय जेल में था. दूसरा आरोपी 30 वर्षीय मुजम्मिल शरीफ है, जिसे एनआईए ने 27 मार्च को सेल फोन, फर्जी सिम कार्ड और विस्फोट की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अन्य सामग्री उपलब्ध कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

जांच से यह भी पता चला है कि ताहा ने पहचान से बचने के प्रयासों के तहत ऑपरेशन को वित्तपोषित करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी मार्ग का उपयोग किया था. एक अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि ताहा ने 1 मार्च के कैफे विस्फोट के लिए संसाधन जुटाने के लिए मुजम्मिल शरीफ को क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर की. जिसके लिए भारत के विभिन्न हिस्सों में आईएसआईएस के लिए भर्ती किए गए लोगों की चुराई गई पहचान और आईडी सहित विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल किया गया.

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पिछले महीने, एनआईए ने 30 वर्षीय ताहा और शाजेब की तस्वीरें और विवरण जारी किए थे. उनमें से प्रत्येक के लिए 10 लाख रुपये के इनाम की भी घोषणा की थी. प्रवक्ता ने कहा कि शाजेब वह आरोपी है जिसने कैफे में आईईडी रखा था और ताहा विस्फोट की योजना बनाने और उसे अंजाम देने और उसके बाद कानून के चंगुल से बचाने वाला मास्टरमाइंड है.

एनआईए ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल की राज्य पुलिस एजेंसियों के साथ समन्वय में काम किया. एनआईए ने कहा कि 300 से अधिक कैमरों से सीसीटीवी फुटेज को स्कैन करने के बाद, यह पाया गया कि 2020 में सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर उभरे आईएसआईएस के दो सदस्य शाजिब और ताहा ने विस्फोट को अंजाम दिया था.

एनआईए ने मामले में दो और लोगों को भी आरोपी बनाया है. उनमें से एक, 26 वर्षीय माज मुनीर अहमद घटना के समय जेल में था. दूसरा आरोपी 30 वर्षीय मुजम्मिल शरीफ है, जिसे एनआईए ने 27 मार्च को सेल फोन, फर्जी सिम कार्ड और विस्फोट की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अन्य सामग्री उपलब्ध कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

जांच से यह भी पता चला है कि ताहा ने पहचान से बचने के प्रयासों के तहत ऑपरेशन को वित्तपोषित करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी मार्ग का उपयोग किया था. एक अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि ताहा ने 1 मार्च के कैफे विस्फोट के लिए संसाधन जुटाने के लिए मुजम्मिल शरीफ को क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर की. जिसके लिए भारत के विभिन्न हिस्सों में आईएसआईएस के लिए भर्ती किए गए लोगों की चुराई गई पहचान और आईडी सहित विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल किया गया.

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Last Updated : Apr 12, 2024, 10:38 PM IST
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