नेल्लोर: आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के बारा शहीद दरगाह में इन दिनों रोटी उत्सव (रोटेला पांडुगा) मनाया जा रहा है. पांच दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. हजारों लोग रोटी का उपहार पाने के लिए विभिन्न स्थानों से आ रहे हैं. श्रद्धालु यहां तालाब (स्वर्णला चेरुवु घाट) में पवित्र स्नान करते हैं. इसके बाद वे रोटी बांटते हैं. साथ ही दरगाह पर चादर और फूल चढ़ाते हैं और प्रार्थना करते हैं. श्रद्धालुओं के आने से स्वर्णला चेरुवु घाट और दरगाह परिसर में चहल-पहल बढ़ गई है.
नेल्लोर में बारा शहीद दरगाह में रोटी का त्योहार धार्मिक सद्भाव, भक्ति और आस्था का प्रतीक माना जाता है. 17 से 21 जुलाई तक चलने वाले पांच दिवसीय उत्सव में विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु आते हैं. इसी दिन 12 लोग शहीद हुए थे, इसलिए नेल्लोर के पोडालाकुरु रोड पर उनकी कब्रों पर पांच दिनों तक पूजा की जाएगी. 18 जुलाई को कब्रों पर 12 बर्तनों (बिंदास) से चंदन लगाया जाता है. 19 जुलाई को अखमीरी रोटी का मुख्य पर्व है.
श्रद्धालुओं का गहरा विश्वास है कि अगर वे बाराशहिदों की कब्रों पर जाते हैं और स्वर्णला चेरुवु में रोटी का आदान-प्रदान करते हैं, तो उनकी मनोकामना पूरी होती है. भारी भीड़ से बचने के लिए श्रद्धालु एक सप्ताह पहले से स्वर्णला चेरुवु में रोटी का आदान-प्रदान कर रहे हैं. बुधवार से उत्सव शुरू हुआ, लेकिन दो दिन पहले से ही यहां श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था.
यह उत्सव राज्य सरकार की देखरेख में आयोजित किया जा रहा है. अधिकारियों ने श्रद्धालुओं के लिए व्यापक व्यवस्था की है. इस पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए दरगाह परिसर में आश्रय, कतारें, अस्थायी शौचालय, स्नानघर, चिकित्सा शिविर और पेयजल की व्यवस्था की गई है.
रोटी उत्सव के लिए 5 हजार कर्मचारियों को तैनात किया गया है. सुरक्षा-व्यवस्था में 2 हजार पुलिसकर्मियों को लगाया गया है. मंत्री नारायण और ग्रामीण विधायक कोटमरेड्डी श्रीधर रेड्डी लगातार रोटी उत्सव की तैयारियों पर नजर रख रहे हैं. दरगाह कमेटी के अध्यक्ष खादर बाशा ने बताया कि इस उत्सव में 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं.
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