नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आज NEET UG 2024 में कथित अनियमितताओं और फिर से परीक्षा की मांग पर सुनवाई 18 जुलाई को फिर से शुरू करेगा. 8 जुलाई को अपनी पहली सुनवाई में, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने केंद्र और एनटीए की ओर से गलत काम के लाभार्थी छात्रों की पहचान करने के लिए की गई कार्रवाई के बारे में पूछा. शीर्ष अदालत ने केंद्र और एनटीए को 10 जुलाई (शाम 5 बजे) तक हलफनामा जमा करने का भी निर्देश दिया.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने पेपर लीक के आरोपों पर 5 मई को होने वाली NEET UG परीक्षा को रद्द करने की मांग करने वालों और इसका विरोध करने वालों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह तथ्य कि परीक्षा की पवित्रता का उल्लंघन किया गया है... समझौता किया गया है, संदेह से परे है. अब सवाल यह है कि उल्लंघन कितना व्यापक है.
चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर हम गलत काम करने वाले उम्मीदवारों की पहचान करने में सक्षम नहीं हैं, तो फिर से परीक्षा का आदेश देना होगा. अगर आप अनाज को भूसे से, दागी को बेदाग से अलग नहीं कर सकते, तो यह आदेश दिया जाना चाहिए.
सीजेआई की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि जब तक सरकार और उसकी एजेंसियां इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं देतीं, तब तक यह मान लेना गलत होगा कि सभी 23 लाख छात्र या उनमें से एक बड़ी संख्या धोखाधड़ी में शामिल थी.सीजेआई ने कहा कि जहां तक हम जानते हैं, बड़ी संख्या में छात्र ईमानदार हो सकते हैं. हालांकि बेंच ने परीक्षा रद्द होने पर दुख जताया था.
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