नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि नीट-यूजी की परीक्षा दोबारा से नहीं करवाई जाएगी. कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा आदेश दिया जाता है, तो 24 लाख छात्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है.
सुनवाई पूरी होने के बाद सीजेआई ने कहा कि यह सही है कि पेपर लीक हजारीबाग और पटना तक सीमित है और कुल 155 छात्रों को इससे लाभ मिला है. अदालत ने कहा कि अभी भी इस मामले में जांच चल रही है, लेकिन अब तक जो भी साक्ष्य मिले हैं, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित नहीं हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द करने से इनकार किया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 23, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे एहसास है कि मौजूदा साल के लिए नए सिरे से NEET-UG का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका असर इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से ज़्यादा छात्रों पर पड़ेगा। pic.twitter.com/3MNNhG8Xaq
सीजेआई ने कहा कि आईआईटी मद्रास ने भी इस मामले में सहयोग किया. केंद्र सरकार ने भी पूरी जानकारी दी है. कोर्ट ने कहा कि हमने 4750 केंद्रों की जानकारी मांगी थी और जो भी जानकारी सौंपी गई है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि नीट-यूजी की परीक्षा में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्थागत खामियों को भी मानने से इनकार कर दिया है.
SC says data on record does not indicate systemic leak of question paper of NEET-UG 24.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 23, 2024
सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को नीट यूजी 2024 परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फिर से सुनवाई पूरी हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई को आयोजित NEET-UG 2024 परीक्षा में पेपर लीक और अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर आदेश में कहा कि उसे एहसास है कि इस साल के लिए नए सिरे से NEET-UG का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका खामियाजा इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसका मानना है कि पूरी NEET-UG परीक्षा को रद्द करने का आदेश देना उचित नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द करने से इनकार कर दिया.
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उसे एहसास है कि इस वर्ष के लिए नए सिरे से NEET-UG का निर्देश देने से गंभीर परिणाम होंगे, जिसका असर इस परीक्षा में बैठने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों पर पड़ेगा.
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सभी पक्षों को सुना. याचिकाकर्ताओं ने सोमवार की सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें पूरी कर ली थी. सुनवाई आज सुबह 10:30 बजे शुरू हुई थी. बता दें कि कई याचिकर्ताओं ने धांधली का आरोप लगाते हुए दोबारा परीक्षा कराने की मांग की है. इस मामले में दर्जनों याचिकाएं दायर की गई थी.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लीक से लाभान्वित होने वाले कुल छात्रों की संख्या 155 है: पटना में 30 और हजारीबाग में 125. सीजेआई ने पूछा कि क्या लीक हुआ पेपर अन्य केंद्रों पर भी भेजा गया था, सीबीआई ने जवाब दिया कि अब तक की जांच से पता चलता है कि उन्हें बिहार और पटना में केवल चार स्थान मिले हैं जहां हल किए गए प्रश्नपत्र की स्कैन की गई प्रतियां भेजी गई थीं.
सीबीआई ने कहा कि प्रश्नपत्र की तस्वीरें ली गईं और फिर तस्वीरों का प्रिंटआउट लिया गया और प्रश्नपत्र हल करने वालों द्वारा प्रश्नपत्र हल करने के बाद हार्ड कॉपी को स्कैन किया गया. सीबीआई ने कहा कि स्कैन की गई कॉपी हजारीबाग में एक और स्थान और पटना में दो स्थानों पर भेजी गई थी.
नीट परीक्षा में विवादित भौतिकी के प्रश्न पर, सीजेआई ने कहा कि केवल सही उत्तर पर ही विचार किया जाना चाहिए. आदिवासी छात्रों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने कहा कि अगर अदालत दोबारा परीक्षा का आदेश देती है तो उनके मुवक्किलों को छूट दी जानी चाहिए.
सीजेआई ने स्पष्ट किया कि यदि न्यायालय पुनः परीक्षा का आदेश देता है, तो इसमें कोई अपवाद नहीं किया जा सकता. याचिकाकर्ताओं के वकील हुड्डा ने कहा कि पेपर लीक के मुख्य आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है और उसका मोबाइल फोन भी बरामद नहीं हुआ है. यह पता नहीं चल पाया है कि मुख्य आरोपी ने पेपर हजारीबाग और पटना के बाहर के लोगों को भेजे थे या नहीं.
सीजेआई ने कहा कि हम यह भी नहीं कह सकते कि लीक केवल हजारीबाग और पटना तक ही सीमित है. इसी तरह, हम प्रथम दृष्टया यह भी नहीं कह सकते कि लीक हजारीबाग और पटना से आगे तक फैल गया था और लीक इतना व्यापक और व्यवस्थित था कि पूरी परीक्षा रद्द कर दी जाए.
सीजेआई ने वकील से कहा... ये मेरा कोर्ट है.. मैं किसी वकील को कोर्ट चलाने की अनुमति नहीं दे सकता
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को नीट-यूजी परीक्षा से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान हस्तक्षेप करने के लिए वकील मैथ्यूज नेदुम्परा को फटकार लगाई. सीजेआई और नेदुम्परा के बीच तीखी नोकझोंक तब हुई, जब सीजेआई की अगुआई वाली बेंच, जिसमें जस्टिस जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा शामिल थे, वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा की दलीलें सुन रही थी, जो नीट यूजी परीक्षा रद्द करने के लिए दलील दे रहे थे. हुड्डा की दलील को बीच में ही काटते हुए नेदुम्परा ने कहा कि मुझे कुछ कहना है.
नेदुम्परा ने जोर देकर कहा कि उनके पास सीजेआई द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब है, हालांकि जस्टिस चंद्रचूड़ ने उनसे हुड्डा को अपनी दलीलें पूरी करने देने के लिए कहा. नेदुम्परा ने कहा कि वे इस मामले में 16 छात्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस करने वाले वकीलों में वे सबसे वरिष्ठ वकील भी हैं.
नेदुम्परा ने कहा कि कृपया मेरी बात सुनें. सीजेआई ने जवाब दिया कि हुड्डा की दलील पूरी होने के बाद वे उनकी बात सुनेंगे. सीजेआई ने कहा कि मैं हुड्डा की दलील पूरी होने के बाद उनकी बात सुनूंगा. हम निश्चित रूप से आपकी बात सुनेंगे, हमने यह नहीं कहा है कि हम आपकी बात नहीं सुनेंगे. हालांकि, नेदुम्परा ने अपनी दलील पर जोर दिया कि उनकी बात सुनी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरी बात ठीक से नहीं सुनी गई है.
सीजेआई ने नेदुम्परा से कहा कि अब मैं आपको अदालत से हटाने का आदेश देने के लिए बाध्य हो जाऊंगा. नेदुम्परा ने जवाब दिया कि अदालत उनके साथ निष्पक्ष नहीं है और कहा कि यह बहुत अनुचित है. सीजेआई ने कहा कि कृपया सुरक्षाकर्मी को बुलाएं और इस वकील को हटा दें. सीजेआई ने नेदुम्परा से कहा कि मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं. आप गैलरी में बात नहीं करेंगे. मैं अदालत का प्रभारी हूं. सुरक्षाकर्मी को बुलाएं... उन्हें हटा दें.
सीजेआई ने सख्त लहजे में नेदुम्परा को स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी वकील को अदालत की कार्यवाही को निर्देशित करने की अनुमति नहीं देंगे. उन्होंने नेदुम्परा से अदालत से बाहर जाने को कहा. नेदुम्परा ने कहा कि वह अदालत कक्ष से बाहर जा रहे हैं और कहा कि आदेश मत दीजिए, मैं खुद जा रहा हूं. मैं जा रहा हूं. सुनवाई में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि नेदुम्परा का आचरण अवमाननापूर्ण था.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी-दिल्ली के निदेशक को नीट यूजी (NEET-UG 2024) परीक्षा के एक विशिष्ट भौतिकी प्रश्न की जांच करने और मंगलवार दोपहर तक सही उत्तर पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए तीन विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने का निर्देश दिया. इस मुद्दे को हल करने के लिए तीन विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने के लिए आईआईटी दिल्ली को अदालत का आदेश याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई के अंत में आया. इन याचिकाओं में प्रश्नपत्र लीक और अन्य कदाचार के आरोपों के कारण नीट यूजी (NEET-UG) की फिर से परीक्षा कराने का अनुरोध शामिल है.
बता दें कि सरकार ने नीट यूजी परीक्षा में बड़े पैमाने पर कोई उल्लंघन नहीं होने की रिपोर्ट दी है. नीट यूजी के बारे में लोकसभा में पूछे गए सवालों के जवाब में, सरकार ने कहा कि केवल एक मामले में प्रश्नपत्र की 'चेन ऑफ कस्टडी का उल्लंघन' होने की संभावना है. उन्होंने पुष्टि की कि इस अखिल भारतीय परीक्षा में गोपनीयता के बड़े पैमाने पर उल्लंघन का संकेत देने वाली कोई भी सामग्री रिकॉर्ड पर नहीं है.