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NCB और गुजरात ATS ने ड्रग्स बनाने वाली तीन लैब का किया भंडाफोड़, 300 करोड़ की दवाएं जब्त, सात गिरफ्तार - NCB Gujarat ATS busts drugs network

NCB & Gujarat ATS busts drugs network: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने गुजरात पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में गुजरात और राजस्थान में 3 गुप्त ड्रग मेफेड्रोन निर्माण प्रयोगशालाओं का भंडाफोड़ किया है. ऑपरेशन के दौरान गुजरात और राजस्थान में 3 अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं पर छापा मारा गया. इसमें लगभग 300 करोड़ रुपये मूल्य की दवाएं जब्त की गईं. मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

NCB busts 3 Mephedrone manufacturing labs in Gujarat
मेफेड्रोन ड्रग्स बनाने वाली तीन लैब का भंडाफोड़, 300 करोड़ की खेप बरामद
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 27, 2024, 7:57 PM IST

गांधीनगर/नई दिल्ली: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और गुजरात पुलिस के एटीएस (ATS) की एक संयुक्त टीम ने शनिवार को गुजरात और राजस्थान में एक अंतरराज्यीय ड्रग्स नेटवर्किंग सिस्टम का भंडाफोड़ करते हुए तीन अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं को सील कर दिया. 'ऑपरेशन प्रयागशाला' नाम से चलाए जा रहे इस तीव्र नशा विरोधी अभियान में 300 करोड़ रुपये की दवाएं भी जब्त की गईं हैं. एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने ईटीवी भारत को इसका खुलासा करते हुए कहा कि सुबह से शुरू हुए ऑपरेशन में अब तक 7 लोगों को पकड़ा गया है.

सिंह ने इस ऑपरेशन को अंतर-एजेंसी समन्वित ऑपरेशन का बेहतरीन उदाहरण बताया. उन्होंने कहा, 'ड्रग्स नेटवर्क के सरगना की पहचान कर ली गई है और उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. जांच अभी भी जारी है. वितरण नेटवर्क की जांच की जा रही है'. उन्होंने कहा, 'एटीएस गुजरात पुलिस को एक गोपनीय स्रोत से गुजरात और राजस्थान से संचालित गुप्त मेफेड्रोन विनिर्माण प्रयोगशालाओं के बारे में जानकारी प्राप्त हुई थी. इन लैब्स का भंडाफोड़ करने के लिए एटीएस गुजरात पुलिस और एनसीबी हेडक्वार्टर ऑपरेशंस यूनिट की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया था. तीन महीने से अधिक समय तक चले ऑपरेशन में, इस नेटवर्क में शामिल व्यक्तियों के साथ-साथ गुप्त प्रयोगशालाओं के स्थानों की पहचान करने के लिए गहन तकनीकी और जमीनी निगरानी रखी गई थी'.

गुजरात के डीजीपी विकास सहाय ने कहा, 'करीब दो महीने पहले एटीएस (ATS) को सूचना मिली थी कि दो लोग नशीला पदार्थ बनाने के लिए कहीं से कच्चा माल मंगा रहे हैं. एनसीबी और एटीएस की संयुक्त टीमों ने 4 जगहों पर छापेमारी की है. चारों छापेमारी के बाद, कुल 300 करोड़ रुपये मूल्य के नशीले पदार्थ बरामद किए गए हैं'.

NCB busts 3 Mephedrone manufacturing labs in Gujarat
मेफेड्रोन ड्रग्स बनाने वाली तीन लैब का भंडाफोड़, 300 करोड़ की खेप बरामद

सिंह ने कहा कि सुबह करीब 4 बजे एटीएस गुजरात पुलिस और एनसीबी की संयुक्त टीमों द्वारा तीन संदिग्ध स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गई. राजस्थान के जालोर जिले के भीनमाल, राजस्थान के जोधपुर जिले के ओसियां और गुजरात के गांधीनगर जिले में कुल 149 किलोग्राम मेफेड्रोन (पाउडर और तरल रूप में), 50 किलोग्राम एफेड्रिन और 200 लीटर एसीटोन की बरामदगी हुई. अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. गांधीनगर में पकड़े गए लोगों से पूछताछ के आधार पर, अमरेली (गुजरात) में एक और जगह की पहचान की गई है, जहां छापेमारी जारी है. इससे अधिक रिकवरी की उम्मीद है'.

उन्होंने कहा कि इस नेटवर्क के सरगना की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा, 'पूर्ववर्ती रसायनों के स्रोत के साथ-साथ वितरण नेटवर्क, राष्ट्रीय और साथ ही किसी भी अंतर्राष्ट्रीय लिंकेज को ट्रैक करने और पहचानने के प्रयास किए जा रहे हैं'. उल्लेखनीय है कि मेफेड्रोन, जिसे 4-मिथाइलमेथकैथिनोन, 4-एमएमसी और 4-मिथाइलफेड्रोन के रूप में भी जाना जाता है, एम्फैटेमिन और कैथिनोन वर्गों की एक सिंथेटिक उत्तेजक दवा है. दवा के सामान्य नामों में ड्रोन, एम-कैट, व्हाइट मैजिक, 'म्याऊं म्याऊं' और बबल शामिल हैं.

drug manufacturing factory caught from pipalj in gandhinagar
गांधीनगर के पिपलाज गांव में नशा बनाने की फैक्ट्री जब्त

गांधीनगर के पिपलाज गांव में ड्रग्स का नेटवर्क
इसके अलावा, गुजरात के गांधीनगर के पास पिपलाज गांव से एक नशा बनाने की फैक्ट्री जब्त की गई है. पिपलाज गांव के एक खेत में दो खाली मकानों में प्रतिबंधित दवाओं का निर्माण किया जाता था. शुक्रवार देर रात एटीएस (ATS) और एसओजी (SOG) ने दोनों इमारतों में चल रही दवा फैक्ट्री पर छापा मारा. खेत में सूनसान जगह पर पुलिस की गाड़ी देखकर लोगों को शक हुआ. पुलिस ने घटनास्थल पर संदिग्धों को हिरासत में लिया और आगे की जांच की. घर में संचालित दवा फैक्ट्री से करोड़ों रुपये की दवाएं जब्त होने की संभावना है.

पढ़ें: ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने 150 करोड रुपए की ड्रग्स और रॉ मैटेरियल किया बरामद, 4 नाइजीरियन गिरफ्तार

गांधीनगर/नई दिल्ली: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और गुजरात पुलिस के एटीएस (ATS) की एक संयुक्त टीम ने शनिवार को गुजरात और राजस्थान में एक अंतरराज्यीय ड्रग्स नेटवर्किंग सिस्टम का भंडाफोड़ करते हुए तीन अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं को सील कर दिया. 'ऑपरेशन प्रयागशाला' नाम से चलाए जा रहे इस तीव्र नशा विरोधी अभियान में 300 करोड़ रुपये की दवाएं भी जब्त की गईं हैं. एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने ईटीवी भारत को इसका खुलासा करते हुए कहा कि सुबह से शुरू हुए ऑपरेशन में अब तक 7 लोगों को पकड़ा गया है.

सिंह ने इस ऑपरेशन को अंतर-एजेंसी समन्वित ऑपरेशन का बेहतरीन उदाहरण बताया. उन्होंने कहा, 'ड्रग्स नेटवर्क के सरगना की पहचान कर ली गई है और उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. जांच अभी भी जारी है. वितरण नेटवर्क की जांच की जा रही है'. उन्होंने कहा, 'एटीएस गुजरात पुलिस को एक गोपनीय स्रोत से गुजरात और राजस्थान से संचालित गुप्त मेफेड्रोन विनिर्माण प्रयोगशालाओं के बारे में जानकारी प्राप्त हुई थी. इन लैब्स का भंडाफोड़ करने के लिए एटीएस गुजरात पुलिस और एनसीबी हेडक्वार्टर ऑपरेशंस यूनिट की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया था. तीन महीने से अधिक समय तक चले ऑपरेशन में, इस नेटवर्क में शामिल व्यक्तियों के साथ-साथ गुप्त प्रयोगशालाओं के स्थानों की पहचान करने के लिए गहन तकनीकी और जमीनी निगरानी रखी गई थी'.

गुजरात के डीजीपी विकास सहाय ने कहा, 'करीब दो महीने पहले एटीएस (ATS) को सूचना मिली थी कि दो लोग नशीला पदार्थ बनाने के लिए कहीं से कच्चा माल मंगा रहे हैं. एनसीबी और एटीएस की संयुक्त टीमों ने 4 जगहों पर छापेमारी की है. चारों छापेमारी के बाद, कुल 300 करोड़ रुपये मूल्य के नशीले पदार्थ बरामद किए गए हैं'.

NCB busts 3 Mephedrone manufacturing labs in Gujarat
मेफेड्रोन ड्रग्स बनाने वाली तीन लैब का भंडाफोड़, 300 करोड़ की खेप बरामद

सिंह ने कहा कि सुबह करीब 4 बजे एटीएस गुजरात पुलिस और एनसीबी की संयुक्त टीमों द्वारा तीन संदिग्ध स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गई. राजस्थान के जालोर जिले के भीनमाल, राजस्थान के जोधपुर जिले के ओसियां और गुजरात के गांधीनगर जिले में कुल 149 किलोग्राम मेफेड्रोन (पाउडर और तरल रूप में), 50 किलोग्राम एफेड्रिन और 200 लीटर एसीटोन की बरामदगी हुई. अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. गांधीनगर में पकड़े गए लोगों से पूछताछ के आधार पर, अमरेली (गुजरात) में एक और जगह की पहचान की गई है, जहां छापेमारी जारी है. इससे अधिक रिकवरी की उम्मीद है'.

उन्होंने कहा कि इस नेटवर्क के सरगना की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा, 'पूर्ववर्ती रसायनों के स्रोत के साथ-साथ वितरण नेटवर्क, राष्ट्रीय और साथ ही किसी भी अंतर्राष्ट्रीय लिंकेज को ट्रैक करने और पहचानने के प्रयास किए जा रहे हैं'. उल्लेखनीय है कि मेफेड्रोन, जिसे 4-मिथाइलमेथकैथिनोन, 4-एमएमसी और 4-मिथाइलफेड्रोन के रूप में भी जाना जाता है, एम्फैटेमिन और कैथिनोन वर्गों की एक सिंथेटिक उत्तेजक दवा है. दवा के सामान्य नामों में ड्रोन, एम-कैट, व्हाइट मैजिक, 'म्याऊं म्याऊं' और बबल शामिल हैं.

drug manufacturing factory caught from pipalj in gandhinagar
गांधीनगर के पिपलाज गांव में नशा बनाने की फैक्ट्री जब्त

गांधीनगर के पिपलाज गांव में ड्रग्स का नेटवर्क
इसके अलावा, गुजरात के गांधीनगर के पास पिपलाज गांव से एक नशा बनाने की फैक्ट्री जब्त की गई है. पिपलाज गांव के एक खेत में दो खाली मकानों में प्रतिबंधित दवाओं का निर्माण किया जाता था. शुक्रवार देर रात एटीएस (ATS) और एसओजी (SOG) ने दोनों इमारतों में चल रही दवा फैक्ट्री पर छापा मारा. खेत में सूनसान जगह पर पुलिस की गाड़ी देखकर लोगों को शक हुआ. पुलिस ने घटनास्थल पर संदिग्धों को हिरासत में लिया और आगे की जांच की. घर में संचालित दवा फैक्ट्री से करोड़ों रुपये की दवाएं जब्त होने की संभावना है.

पढ़ें: ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने 150 करोड रुपए की ड्रग्स और रॉ मैटेरियल किया बरामद, 4 नाइजीरियन गिरफ्तार

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