बस्तर: अबूझमाड़ में 12 दिसंबर को हुए मुठभेड़ में लगातार कई खुलासे हो रहे हैं. 14 दिसंबर को बस्तर आईजी ने प्रेस कॉन्फ्रंस कर यह खुलासा किया था कि इसमें कुल सात नक्सली मारे गए थे. जिनमें सभी नक्सलियों पर कुल 40 लाख का इनाम घोषित था. नक्सली रामचन्द्र उर्फ कार्तिक भी इस एनकाउंटर में ढेर हुआ था. उसके ऊपर 25 लाख रुपये का इनाम था. नक्सली कार्तिक ओडिशा का मोस्ट वांटेड नक्सली था.
चार नाबालिग घायल: इस मुठभेड़ में बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने मंगलवार को बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि एनकाउंटर में चार नाबालिग लड़के घायल हुए हैं. जिनका इलाज कराया जा रहा है. बस्तर आईजी सुंदरराज पी का दावा है कि नक्सली कार्तिक को बचाने के लिए माओवादियों ने नाबालिग लड़कों को ढाल बनाया. कार्तिक को गोलीबारी से बचाने के लिए नाबालिग लड़कों को ढाल की तरह इस्तेमाल किया गया. आईजी ने बताया कि इस मुठभेड़ में अन्य माओवादियों के घायल होने की सूचना मिली है. जिनका इलाज जंगल मे जारी है. जिसकी तस्दीक की जा रही है
नक्सल संगठन के मिलिशिया और ग्राम रक्षादल के द्वारा वरिष्ठ नक्सल कैडर कार्तिक की जान बचाने की कोशिश की गई. इसके लिए माओवादियों ने नाबालिग और ग्रामीणों का मानव ढाल के रूप में उपयोग किया. माओवादियों के द्वारा ग्रामीणों को सामान ढोने के लिए रखा गया था. मुठभेड़ के दौरान माओवादी इन्हीं ग्रामीणों की आड़ लेकर जवानों पर फायरिंग कर रहे थे. जिससे फायरिंग में 4 ग्रामीण घायल हो गए. सभी नाबालिग हैं और सभी के इलाज की व्यवस्था की जा रही है- सुंदरराज पी, बस्तर आईजी
"नक्सलियों ने लोगों को मानव ढाल बनाया": बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि माओवादियों के मिलिशिया सदस्यों ने गोलीबारी के दौरान माओवादी नेता कार्तिक को बचाने के लिए नाबालिगों सहित ग्रामीणों का इस्तेमाल किया. नक्सलियों ने अपने सामान को लाने-ले जाने के लिए ग्रामीणों को अपने साथ रखा था. मुठभेड़ शुरू होने के बाद, उन्होंने इन नागरिकों को अपने कवर के रूप में इस्तेमाल करते हुए सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी की. जिसमें ये लोग घायल हुए हैं.
अबूझमाड़ एनकाउंटर को लेकर नक्सल संगठनों ने भी प्रेस नोट जारी किया है. उन्होंने सुरक्षाबलों पर निर्दोष ग्रामीणों को घेरकर मारने का आरोप लगाया है. पुलिस प्रशासन ने नक्सलियों के आरोपों का खंडन किया है. बस्तर आईजी ने नक्सलियों पर आरोप लगाया है कि माओवादी कार्तिक को बचाने के लिए नक्सलियों ने नाबालिग लड़कों को आगे किया. जो फायरिंग में घायल हुए हैं.