दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान में लगातार तेजी देखी जा रही है. अब तक लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर पूरे बस्तर में 799 माओवादियों ने सरेंडर किया है. बुधवार को दंतेवाड़ा एसपी कार्यालय में दंतेवाड़ा पुलिस के सामने तीन नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया. इनमें दो महिला और एक पुरुष नक्सली शामिल हैं
लोन वर्राटू यानि घर वापस आइए अभियान से हुए प्रभावित: सरेंडर करने वाले तीनों नक्सली लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा उन्हें सरकार की तरफ से चलाई जा रही नक्सल उन्मूलन नीति ने भी प्रभावित किया. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति भी चलाई जाती है. इन नीतियों से प्रभावित होकर भी इन तीन नक्सलियों ने सरेंडर किया है. दंतेवाड़ा पुलिस और सीआरपीएफ टीम की तरफ से भटके हुए युवा जो नक्सलियों से जुड़े हुए हैं, उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने का काम किया जा रहा है. इस कार्य में पुलिस को सफलता भी मिल रही है.
सरेंडर करने वाले नक्सलियों का क्या है मत: दंतेवाड़ा एसपी की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने खून खराबा छोड़ने का फैसला लिया. सरेंडर करने वाले नक्सलियों का कहना है कि वह माओवादियों की खोखली विचारधारा और उनके शोषण से परेशान थे. इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया है. जिन माओवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है उनका माओवादियों की मलांगेर एरिया कमेटी से जुड़ाव था. एसडीओपी कमलजीत पाटले ने इस बारे में मीडिया को जानकारी दी.
इन नक्सलियों ने डाले हथियार
- कुमारी नंदे मरकाम, केएएमएस सदस्य
- केशा गोंचे, गोंडेरास पंचायत मिलिशिया सदस्य
- कुमारी मल्ले, गोण्डेरास पंचायत सीएनएम सदस्य
तीनों नक्सलियों ने दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकुमार बर्मन के सामने सरेंडर किया है. अब तक बस्तर में लोन वर्राटू अभियान के तहत 180 इनामी नक्सलियों ने हथियार डाले हैं. जबकि इस अभियान से प्रेरित होकर कुल 799 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है.