बीजापुर: बीजापुर में बुधवार का दिन सुरक्षाबलों के नाम रहा. नक्सल मोर्चे पर बीजापुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. नक्सलियों को ट्रिपल झटका देते हुए सिक्योरिटी फोर्स ने एक नक्सली को गिरफ्तार किया है. दूसरी तरफ दो नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर किया है.
नक्सलियों के सरेंडर की पुष्टि बीजापुर पुलिस के डीएसपी सुदीप सरकार ने की है. उन्होंने बताया कि" विचेम फारसी उर्फ बिज्जू और संदीप मोडियाम ने सरेंडर किया है, दोनों ने आदिवासियों पर माओवादियों द्वारा किए गए अत्याचारों और 'खोखली' माओवादी विचारधारा से निराशा जताते हुए आत्मसमर्पण किया है. जबकि जिस नक्सली को गिरफ्तार किया है उस पर हत्या, लूट और आगजनी के आरोप हैं"
कुटरू से गिरफ्तार हुआ इनामी नक्सली: बीजापुर के कुटरू के जंगलों से इनामी नक्सली गिरफ्तार हुआ है. बुधवार को सुरक्षाबलों की टीम इलाके में सर्चिंग ऑपरेशन पर थी. इस दौरान फोर्स को देखकर एक नक्सली भागने की कोशिश करने लगा. सुरक्षा बलों की टीम ने उसका पीछा किया और उसे पकड़ लिया. पुलिस ने जब उससे पूछचाछ की तो उसने अपना नाम पायुक तेलम बताया. नक्सली की उम्र 38 साल है और उसके खिलाफ दो स्थाई वारंट लंबित है. इसके ऊपर एक लाख का इनाम घोषित था. नक्सली पायकु तेलम साल 2005 से सक्रिय है. ये कुटरू इलाके में तीन फरवरी 2022 को हाईवा में आगजनी का भी आरोपी है. इसके अलावा इस पर दरबा के निवासी चैतु माड़वी की हत्या का आरोप है. 20 जून 2023 को पाताकुटरू में सहायक आरक्षक संजय बेड़जा के मर्डर में भी यह शामिल था. इसके अलावा तेलीपेंटा में एक ग्रामीण के मर्डर केस में भी यह आरोपी है. नक्सली को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया गया है.
बीजापुर एसपी कार्यालय में दो नक्सलियों का सरेंडर: बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव के सामने बुधवार को दो नक्सलियों ने सरेंडर किया. दोनों नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ सरकार और छत्तीसगढ़ पुलिस की तरफ से चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है. दोनों नक्सलियों को शासन की पुनर्वास योजना के तहत आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी. सरेंडर करने वाले नक्सलियों का नाम विच्चेम फरसी ऊर्फ बिज्जू और सदीप मोड़ियाम है. एक की उम्र 35 साल और दूसरे की उम्र 19 साल है. नक्सली बिज्जू पर साल 2009 में तोड़का बालक आश्रम में तोड़फोड़ करने का केस दर्ज है. इसके अलावा साल 2010, 2021 और 2023 में पुसनार के सड़क को ब्लॉक करने का भी आरोप है. नक्सली संदीप मोड़ियाम मूलवासी बचाओ मंच का उपाध्यक्ष रहा है. दोनों माओवादियों ने नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर सरेंडर किया है.