हैदराबादः भारत में राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस प्रतिवर्ष 29 जून को भारत में आधुनिक सांख्यिकी के जनक प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. यह दिन भारतीय सांख्यिकीविदों के योगदान को उजागर करने और सांख्यिकी को अध्ययन के क्षेत्र के रूप में लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से मनाया जाता है.
18th National Statistics Day
— PIB in Nagaland (@PIBKohima) June 28, 2024
Theme 2024: Use of Data for decision making#NationalStatisticsDay
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दिवस का इतिहास: स्वतंत्रता के बाद के युग में आर्थिक नियोजन और सांख्यिकीय विकास के क्षेत्र में प्रो. प्रशांत चंद्र महालनोबिस का उल्लेखनीय योगदान है. उनके योगदान को मान्यता देते हुए, भारत सरकार ने हर साल 29 जून को उनकी जयंती को सांख्यिकी दिवस के रूप में नामित करने का निर्णय लिया है. अधिसूचना 05 जून 2007 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित की गई थी. 2007 से सांख्यिकी दिवस हर साल समकालीन राष्ट्रीय महत्व के विषय के साथ मनाया जाता है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस 2024: तिथि और थीम
इस वर्ष शनिवार 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस की 18वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी, जिसका थीम होगा, 'निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग. इस थीम में विभिन्न क्षेत्रों में निर्णय लेने, सतत विकास को आगे बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देने में डेटा की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया है.
इस दिन का उद्देश्य: यह दिन सांख्यिकी सीखने और दैनिक आधार पर विभिन्न मामलों में इसका उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है. इस उत्सव का उद्देश्य युवा पीढ़ी में अध्ययन के क्षेत्र के रूप में सांख्यिकी की भूमिका और महत्व के बारे में सार्वजनिक जागरूकता पैदा करना करना है. साथ रणनीति, नीति-निर्माण, सामाजिक-आर्थिक नियोजन में इसके महत्व को उजागर करना है. यह उत्सव महान सांख्यिकीविद् प्रो. पी.सी. महालनोबिस को श्रद्धांजलि देने के लिए भी महत्वपूर्ण है. इस दिन को मनाने के लिए देश भर में विभिन्न सेमिनार, अभियान और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
भारतीय सांख्यिकी के जनक: पी.सी. महालनोबिस
- प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस जिनका जन्म 29 जून, 1893 को हुआ था.
- वे एक अग्रणी भारतीय सांख्यिकीविद् के रूप में प्रसिद्ध हैं.
- उन्हें 'भारतीय सांख्यिकी के जनक' के रूप में जाना जाता है.
- उन्होंने महालनोबिस दूरी की क्रांतिकारी अवधारणा का आविष्कार किया.
- उन्होंने दूसरी पंचवर्षीय योजना में भारत की औद्योगिकीकरण योजना को विकसित करने में भी प्रभावशाली भूमिका निभाई.
- उन्होंने 1931 में कलकत्ता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान की भी स्थापना की.
- उन्हें पद्म विभूषण (1968) ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (1942) और रॉयल सोसाइटी के फेलो से सम्मानित किया गया था.
- उन्हें भारत सरकार के मानद सांख्यिकी सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था.
- उनके अनुकरणीय प्रयासों का सम्मान करने के लिए पी.सी. महालनोबिस की जयंती को हर साल भारत में राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है.
- सांख्यिकीय विधियों के अनुप्रयोग में उनके दूरदर्शी कार्य ने सांख्यिकी, अर्थशास्त्र और राष्ट्रीय नियोजन के क्षेत्र में एक स्थायी विरासत छोड़ी है.
- रोजमर्रा की जिंदगी में सांख्यिकी का महत्व लोगों को उन विभिन्न कारकों को समझने में मदद करना है जो उनके जीवन को प्रभावित कर सकते हैं.
- सांख्यिकी सिर्फ संख्याओं के बारे में नहीं है, बल्कि दुनिया में चल रहे महत्वपूर्ण रुझानों के बारे में है.
- सांख्यिकी का इस्तेमाल अक्सर आम लोगों की राय और कुछ मुद्दों के बारे में उनकी भावनाओं को निर्धारित करने के लिए किया जाता है.
- सांख्यिकी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वे लोगों को सूचित निर्णय लेने में मदद करती हैं.
- सरकारें, संगठन और व्यवसाय सभी प्रगति को ट्रैक करने, प्रदर्शन को मापने, समस्याओं का विश्लेषण करने और प्राथमिकता तय करने में मदद करने के लिए सांख्यिकी एकत्र करते हैं.
- सांख्यिकी राष्ट्र को बजट निर्धारित करने, व्यापक परिदृश्य को समझने और सांख्यिकीय विश्लेषण के माध्यम से आदर्श रणनीति और नीति की पहचान करने में सहायता करती है.
- सांख्यिकी विज्ञान में खोज करने, डेटा के आधार पर निर्णय लेने और भविष्यवाणियां करने के पीछे एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है.
- सांख्यिकी आपको किसी विषय को और अधिक गहराई से समझने की अनुमति देती है.
कई क्षेत्रों में है सांख्यिकी का उपयोगः व्यवसाय, अर्थशास्त्र, गणित, बैंकिंग, राज्य प्रबंधन (प्रशासन), लेखा और लेखा परीक्षा, प्राकृतिक और सामाजिक विज्ञान, खगोल विज्ञान भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई), जिसकी स्थापना 1931 में हुई थी.भारतीय सांख्यिकी संस्थान का मुख्यालय कोलकाता में है. इसके केंद्र बेंगलुरु, दिल्ली, चेन्नई और तेजपुर में हैं और इसकी एक शाखा गिरिडीह में भी है.
विश्व के 10 महान सांख्यिकीविद:
- रोनाल्ड फिश
- जेरज़ी नेमन
- अब्राहम वाल्ड
- हेराल्ड क्रैमर
- गर्ट्रूड मैरी कॉक्स
- जॉर्ज ई. पी. बॉक्स
- जेनेट एल. नॉरवुड
- कार्ल फ्रेडरिक गॉस
- विलियम सीली गॉसेट
- डब्ल्यू एडवर्ड्स डेमिंग
10 महान भारतीय सांख्यिकीविद:
- सी. आर. राव (1920-2023)
- देबब्रत बसु: (1924-2001)
- जयंत कुमार घोष: (1937-2017)
- कांतिलाल मार्डिया: (1935-वर्तमान)
- के.सी. श्रीधरन पिल्लई: (1920-1985)
- प्रणब के. सेन: (1937- 2023)
- प्रशांत चंद्र महालनोबिस: (1893 - 1972)
- रघु राज बहादुर: (1924-1997)
- राज चंद्र बोस: (1901-1987)
- समरेन्द्र नाथ रॉय: (1906-1964)