चंडीगढ़: पिछले काफी समय से हर तरफ राजनीति और चर्चा का विषय बने बंदी सिंहों की रिहाई के मुद्दे को सरकारें सुलझाने की कोशिश नहीं कर रही हैं, लेकिन अब नेशनल जस्टिस फ्रंट ने इस मुद्दे पर बड़ा संघर्ष खड़ा करने का एलान किया. नेशनल जस्टिस फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने बंदी सिंहों की रिहाई मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया.
नेशनल जस्टिस फ्रंट के के मुताबिक शनिवार को टोल प्लाजा पर राज्यस्तरीय प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन के दौरान पूरे पंजाब के टोल प्लाजा तीन घंटे तक फ्री करने का दावा किया गया. नेशनल जस्टिस फ्रंट ने सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक वाहनों के लिए टोल फ्री रखने का दावा किया.
13 टोल प्लाजा पर धरना : फिरोजपुर के फिरोजशाह टोल प्लाजा, तारापुर टोल प्लाजा, मोहाली के अजीजपुर टोल प्लाजा, भागोमाजारा टोल प्लाजा, सोलखियां टोल प्लाजा, बड़ोदी टोल प्लाजा, पटियाला के परेडी जट्टा टोल प्लाजा, जालंधर के बन्नीवाल टोल प्लाजा, लुधियाना के लाडोवाल टोल प्लाजा, घल्लाल टोल प्लाजा, फरीदकोट के तारापुर टोल प्लाजा, तलवंडी भाई टोल प्लाजा नवांशहर पर प्रदर्शन किया गया.
शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कल कहा था कि पांच सदस्यीय कमेटी की अब तक की कार्रवाई का मूल्यांकन करने के बाद यह महसूस हुआ है कि यह काम सुचारू रूप से और गंभीरता से किया जाएगा, जिसमें कुछ समय लग सकता है. श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से 27 जनवरी तक का समय दिया गया है, सरकार से बातचीत के जरिए इसे सकारात्मक नतीजे पर पहुंचाने के लिए और प्रयास की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि फिलहाल 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम को देखते हुए संभावना है कि उसके बाद ही बातचीत आगे बढ़ेगी. शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि पांच सदस्यीय कमेटी इस मामले में एकमत है कि सरकार के साथ मैत्रीपूर्ण माहौल में इस मामले को आगे बढ़ाने को प्राथमिकता दी जाए.
उन्होंने कहा कि मुख्य प्राथमिकता बंदी सिंहों के मुद्दे पर केंद्र सरकार की 2019 की अधिसूचना को लागू करना है, जबकि साथ ही सजा पूरी कर चुके अन्य सिख कैदियों की रिहाई का मुद्दा भी उठाया जाएगा. उन्होंने कहा कि पांच सदस्यीय कमेटी की चल रही कार्रवाई और भावना के बारे में जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब को भी अवगत कराया जाएगा.