गुवाहाटी: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को असम के लखीमपुर जिले से एक जिंदा आईईडी बरामद किया. एनआईए की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि, स्वतंत्रता दिवस पर व्यवधान पैदा करने की साजिश के तहत उल्फा (आई) आतंकवादियों द्वारा रखा गया विस्फोटक आज सुबह एनआईए की एक टीम ने बरामद किया. बाद में असम पुलिस के बम निरोधक दस्ते ने इसे डिफ्यूज कर दिया.
एनआईए को इस बम के बारे में उस समय पता चला जब असम पुलिस ने इस साल 15 अगस्त को उत्तरी लखीमपुर जिले से आईईडी की पिछली बरामदगी से संबंधित एक मामले की जांच की. उल्फा (आई) प्रमुख परेश बरुआ द्वारा एक वीडियो जारी किए जाने के बाद राज्य पुलिस हरकत में आई थी. प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) ने स्वतंत्रता दिवस पर पूरे असम में 'सैन्य' विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी. उल्फा (आई) ने स्वतंत्रता दिवस समारोह का सार्वजनिक बहिष्कार करने का भी आह्वान किया था और चेतावनी दी थी कि अगर लोगों ने निर्देशों का पालन नहीं किया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.
NIA Recovers a Live IED from Lakhimpur, Assam pic.twitter.com/C1Bj1RRdga
— NIA India (@NIA_India) October 1, 2024
एनआईए, जिसने 17 सितंबर को राज्य पुलिस से जांच का जिम्मा संभाला था, ने पाया कि उल्फा (आई) नेतृत्व ने एक बड़ी साजिश के तहत 2024 के स्वतंत्रता दिवस के जश्न का विरोध करने और लोगों के मन में आतंक पैदा करने के लिए असम भर में कई स्थानों पर विस्फोट करने के इरादे से कई आईईडी लगाने का निर्देश दिया था.
जांच में आगे पता चला कि गिरीश बरुआ उर्फ गौतम बरुआ और उसके सहयोगी उत्तर लखीमपुर जिले में आईईडी की आवाजाही और उसे लगाने में शामिल थे. बरुआ को एनआईए ने 24 सितंबर को बेंगलुरु से ढूंढ़ निकाला और गिरफ्तार किया और जांच करने पर उसने उत्तर लखीमपुर में अभी तक बरामद नहीं हुई आईईडी के स्थान का खुलासा किया. उसने एनआईए को बताया कि आईईडी की व्यवस्था और प्लांट ऐशंग असोम उर्फ अभिहित गोगोई तथा उल्फा (स्वतंत्र) नामक वार्ता-विरोधी गुट के अन्य शीर्ष नेतृत्व के आदेश पर की गई थी.
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