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बिहार में 10 रुपये वाले डॉक्टर, बोले मरीज- 'भगवान से कम नहीं, इलाज भी लाजवाब' - National Doctors Day 2024

National Doctor's Day 2024: हर कोई सस्ता और अच्छा इलाज चाहता है, लेकिन जहां इलाज सस्ता होता है वहां सुविधाएं नहीं होती और जहां सुविधाएं होती हैं वहां इलाज महंगा होता है. ऐसे में आज डॉक्टर्स डे के मौके पर हम आपको बिहार के नालंदा के एक MBBS डॉक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं जो लोगों के लिए भगवान बन गए हैं. महज 10 रुपये में बेहतर इलाज देते हैं. मरीज दर्द और पीड़ा में कहराते हुए आते हैं लेकिन डॉक्टर साहब की क्लिनिक से मुस्कुराते हुए जाते हैं.

बिहार में 10 रुपये वाले डॉक्टर
बिहार में 10 रुपये वाले डॉक्टर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 1, 2024, 7:28 PM IST

नालंदा के डॉ. ओम प्रकाश आर्य (ETV Bharat)

नालंदा: ऐसा माना जाता है कि धरती पर डॉक्टर भगवान के प्रतिरूप होते हैं. लेकिन कई ऐसी घटनाएं सामने आती हैं जब डॉक्टर अपने पेशे के साथ इंसाफ नहीं करते और पैसे कमाने की चाहत में अपना फर्ज भूल बैठते हैं. इसका खामियाजा सबसे ज्यादा गरीब उठाते हैं. ऐसे गरीब और लाचार लोगों की जुबान पर बिहार के एक डॉक्टर का नाम बसा है जो उनको भगवान के समतुल्य मानते हैं.

नालंदा में 10 रुपये में इलाज करने वाले डॉक्टर: धरती के भगवान कहे जाने वाले बिहार के एक डॉक्टर ने मानवता की मिसाल पेश की है. साथ ही सेवा भाव से लोगों का इलाज कर रहे हैं. इनकी फीस जानकर आप हैरान हो जाएंगे. डॉक्टर साहब मात्र 10 रुपये में लोगों का इलाज करते हैं. दरअसल बिहार के नालंदा जिले के परबलपुर बाजार निवासी डॉक्टर ओम प्रकाश आर्य लोगों को बेहतर इलाज देने में लगे रहते हैं, वो भी महज 10 रुपये में.

पहले सिर्फ 2 रुपये थी फीस
पहले सिर्फ 2 रुपये थी फीस (ETV Bharat)

पहले सिर्फ 2 रुपये थी फीस: इस संबंध में ईटीवी भारत ने यहां के कंपाउंडर गणपति कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि डॉक्टर ओम प्रकाश आर्य पिछले 45 सालों से मानव सेवा भाव से इलाज कर रहे हैं. जब वे इसकी शुरुआत किए थे तो उनकी फीस मात्र दो रुपए थी. उसके बाद बढ़कर 5 रुपए फिर 8 रुपए हुआ और अब 10 रुपए है.

"यही नहीं यह फीस तब तक चलेगा जब तक वे जीवित रहेंगे. डॉ. ओम प्रकाश आर्य ने रांची से MBBS की पढ़ाई की है. वे 45 साल से पढ़ाई कर मानव सेवा में लगे हैं. परबलपुर NH-33 पर किराए के मकान में मरीजों का टीन के शेड के नीचे इलाज करते हैं."- गणपति कुमार, कंपाउंडर

'डॉक्टर्स डे पर बधाई'- डॉक्टर ओम प्रकाश: वहीं, डॉ. ओम प्रकाश आर्य ने ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉक्टर्स डे पर बधाई देते हुए कहा कि हमारा देश विकसित देश है तो महंगाई बढ़ेगी ही विकासशील देश में ये सब होता रहता है. डिजिटल ट्रीटमेंट बहुत अच्छा है लेकिन रूलर एरियाज में मुश्किल है.

मात्र 10 रुपये में होता है इलाज
मात्र 10 रुपये में होता है इलाज (ETV Bharat)

"ग्रामीण इलाकों में लोग जागरूक नहीं हैं. इलाज के लिए उतना एफर्ट नहीं लगा पाएंगे. मानव सेवा भाव से हम इलाज कर रहे हैं. सभी नए डॉक्टर्स अभी जो आए हैं वो भी अच्छा कर रहे हैं. हमारी शुभकामनाएं हैं कि और अच्छा करें."- डॉ. ओम प्रकाश आर्य, 10 रुपये में इलाज करने वाले चिकित्सक

दोनों बेटियां भी डॉक्टर: ओम प्रकाश आर्य ने जनरल फिजिशियन की पढ़ाई की थी. वे मुख्य तौर पर नालंदा ज़िले के बेन प्रखंड अंतर्गत हरि ओमपुर गांव के मूल निवासी हैं. वर्तमान में परबलपुर में घर पर रहते हैं. उनकी 3 संतान हैं. जिनमें दो पुत्री और एक पुत्र है. पहली पुत्री श्वेता सिंहा स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं, जबकि दूसरी पुत्री नेहा सिंहा शिशु रोग विशेषज्ञ हैं और पुत्र राजीव रंजन आर्य बंगलोर में कंस्ट्रक्शन इंजीनियर है.

नालंदा में  डॉ. ओम प्रकाश आर्य से इलाज कराने आए मरीज
नालंदा में डॉ. ओम प्रकाश आर्य से इलाज कराने आए मरीज (ETV Bharat)

गरीबों को फ्री में दी जाती है दवा: डॉक्टर ओम प्रकाश की क्लिनिक में एक नर्स सहित 6 लोग कार्यरत हैं, जिनकी तनख्वाह 5 हजार रूपए/नर्स और मरीज को स्लाइन या सुई देने का अलग से 10 रुपए चार्ज लगता है. वहीं डेढ़ दर्जन के करीब इंटर्नशिप करने वाले स्टूडेंट्स भी हैं. यही नहीं डॉक्टर के द्वारा जो मरीज लाचार या बेबस होते हैं उनको दवा तक मुफ्त में दी जाती है.

प्रतिदिन 300 मरीजों का इलाज: यहां हर दिन 300 मरीजों का इलाज होता है. जो सूबे के अलग अलग हिस्सों से आते हैं. जिस जगह यह क्लीनिक चलती है वहां का हर महीने 6000 रुपये किराया मकान मालिक को दिया जाता है. यहां ज़्यादातर ग्रामीण लोग इलाज के लिए आते हैं. सभी मरीजों का इलाज बारी बारी से ओम प्रकाश आर्य करते हैं. इसके साथ ही अगर कोई इमरजेंसी मरीज आए तो उनका पहले इलाज किया जाता है.

'हमलोगों के भगवान हैं डॉक्टर साहब': वहीं, परबलपुर के नेहुस गांव से पोते को इलाज के लिए लेकर आए परिजन महेश प्रसाद का कहना है कि डॉक्टर साहब सिर्फ फीस कम नहीं लेते बल्कि इलाज भी बढ़िया से करते हैं, तभी तो भीड़ लगी होती है. हमें तो लगता है कि इनके चले जाने के बाद हम लोगों का क्या होगा.

"जो डॉक्टर फीस ज्यादा लेते हैं उनके मरीज़ कम आते हैं. साथ ही बढ़िया इलाज नहीं होने की वजह से उन्हें भी यहां आकर ही इलाज कराना पड़ता है. ये हम लोगों के भगवान हैं. इनके जाने के बाद क्या होगा हम लोगों को समझ नहीं आ रहा है. वे काफ़ी बूढ़े हो गए हैं."- महेश प्रसाद, मरीज के परिजन

नालंदा के डॉ. ओम प्रकाश आर्य (ETV Bharat)

नालंदा: ऐसा माना जाता है कि धरती पर डॉक्टर भगवान के प्रतिरूप होते हैं. लेकिन कई ऐसी घटनाएं सामने आती हैं जब डॉक्टर अपने पेशे के साथ इंसाफ नहीं करते और पैसे कमाने की चाहत में अपना फर्ज भूल बैठते हैं. इसका खामियाजा सबसे ज्यादा गरीब उठाते हैं. ऐसे गरीब और लाचार लोगों की जुबान पर बिहार के एक डॉक्टर का नाम बसा है जो उनको भगवान के समतुल्य मानते हैं.

नालंदा में 10 रुपये में इलाज करने वाले डॉक्टर: धरती के भगवान कहे जाने वाले बिहार के एक डॉक्टर ने मानवता की मिसाल पेश की है. साथ ही सेवा भाव से लोगों का इलाज कर रहे हैं. इनकी फीस जानकर आप हैरान हो जाएंगे. डॉक्टर साहब मात्र 10 रुपये में लोगों का इलाज करते हैं. दरअसल बिहार के नालंदा जिले के परबलपुर बाजार निवासी डॉक्टर ओम प्रकाश आर्य लोगों को बेहतर इलाज देने में लगे रहते हैं, वो भी महज 10 रुपये में.

पहले सिर्फ 2 रुपये थी फीस
पहले सिर्फ 2 रुपये थी फीस (ETV Bharat)

पहले सिर्फ 2 रुपये थी फीस: इस संबंध में ईटीवी भारत ने यहां के कंपाउंडर गणपति कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि डॉक्टर ओम प्रकाश आर्य पिछले 45 सालों से मानव सेवा भाव से इलाज कर रहे हैं. जब वे इसकी शुरुआत किए थे तो उनकी फीस मात्र दो रुपए थी. उसके बाद बढ़कर 5 रुपए फिर 8 रुपए हुआ और अब 10 रुपए है.

"यही नहीं यह फीस तब तक चलेगा जब तक वे जीवित रहेंगे. डॉ. ओम प्रकाश आर्य ने रांची से MBBS की पढ़ाई की है. वे 45 साल से पढ़ाई कर मानव सेवा में लगे हैं. परबलपुर NH-33 पर किराए के मकान में मरीजों का टीन के शेड के नीचे इलाज करते हैं."- गणपति कुमार, कंपाउंडर

'डॉक्टर्स डे पर बधाई'- डॉक्टर ओम प्रकाश: वहीं, डॉ. ओम प्रकाश आर्य ने ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉक्टर्स डे पर बधाई देते हुए कहा कि हमारा देश विकसित देश है तो महंगाई बढ़ेगी ही विकासशील देश में ये सब होता रहता है. डिजिटल ट्रीटमेंट बहुत अच्छा है लेकिन रूलर एरियाज में मुश्किल है.

मात्र 10 रुपये में होता है इलाज
मात्र 10 रुपये में होता है इलाज (ETV Bharat)

"ग्रामीण इलाकों में लोग जागरूक नहीं हैं. इलाज के लिए उतना एफर्ट नहीं लगा पाएंगे. मानव सेवा भाव से हम इलाज कर रहे हैं. सभी नए डॉक्टर्स अभी जो आए हैं वो भी अच्छा कर रहे हैं. हमारी शुभकामनाएं हैं कि और अच्छा करें."- डॉ. ओम प्रकाश आर्य, 10 रुपये में इलाज करने वाले चिकित्सक

दोनों बेटियां भी डॉक्टर: ओम प्रकाश आर्य ने जनरल फिजिशियन की पढ़ाई की थी. वे मुख्य तौर पर नालंदा ज़िले के बेन प्रखंड अंतर्गत हरि ओमपुर गांव के मूल निवासी हैं. वर्तमान में परबलपुर में घर पर रहते हैं. उनकी 3 संतान हैं. जिनमें दो पुत्री और एक पुत्र है. पहली पुत्री श्वेता सिंहा स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं, जबकि दूसरी पुत्री नेहा सिंहा शिशु रोग विशेषज्ञ हैं और पुत्र राजीव रंजन आर्य बंगलोर में कंस्ट्रक्शन इंजीनियर है.

नालंदा में  डॉ. ओम प्रकाश आर्य से इलाज कराने आए मरीज
नालंदा में डॉ. ओम प्रकाश आर्य से इलाज कराने आए मरीज (ETV Bharat)

गरीबों को फ्री में दी जाती है दवा: डॉक्टर ओम प्रकाश की क्लिनिक में एक नर्स सहित 6 लोग कार्यरत हैं, जिनकी तनख्वाह 5 हजार रूपए/नर्स और मरीज को स्लाइन या सुई देने का अलग से 10 रुपए चार्ज लगता है. वहीं डेढ़ दर्जन के करीब इंटर्नशिप करने वाले स्टूडेंट्स भी हैं. यही नहीं डॉक्टर के द्वारा जो मरीज लाचार या बेबस होते हैं उनको दवा तक मुफ्त में दी जाती है.

प्रतिदिन 300 मरीजों का इलाज: यहां हर दिन 300 मरीजों का इलाज होता है. जो सूबे के अलग अलग हिस्सों से आते हैं. जिस जगह यह क्लीनिक चलती है वहां का हर महीने 6000 रुपये किराया मकान मालिक को दिया जाता है. यहां ज़्यादातर ग्रामीण लोग इलाज के लिए आते हैं. सभी मरीजों का इलाज बारी बारी से ओम प्रकाश आर्य करते हैं. इसके साथ ही अगर कोई इमरजेंसी मरीज आए तो उनका पहले इलाज किया जाता है.

'हमलोगों के भगवान हैं डॉक्टर साहब': वहीं, परबलपुर के नेहुस गांव से पोते को इलाज के लिए लेकर आए परिजन महेश प्रसाद का कहना है कि डॉक्टर साहब सिर्फ फीस कम नहीं लेते बल्कि इलाज भी बढ़िया से करते हैं, तभी तो भीड़ लगी होती है. हमें तो लगता है कि इनके चले जाने के बाद हम लोगों का क्या होगा.

"जो डॉक्टर फीस ज्यादा लेते हैं उनके मरीज़ कम आते हैं. साथ ही बढ़िया इलाज नहीं होने की वजह से उन्हें भी यहां आकर ही इलाज कराना पड़ता है. ये हम लोगों के भगवान हैं. इनके जाने के बाद क्या होगा हम लोगों को समझ नहीं आ रहा है. वे काफ़ी बूढ़े हो गए हैं."- महेश प्रसाद, मरीज के परिजन

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