श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने एक बार फिर बयान दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने गांधी के भारत को स्वीकार किया था, मोदी के भारत को नहीं, हम गांधी के भारत को वापस लाना चाहते हैं.
उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सबसे बड़े संकेत तो आप देख रहे हैं. 'क्या ये नफरत भारत को मजबूत करेगी? क्या हिंदू और मुस्लिम किसी भी तरह से अलग हैं? मैं डॉक्टर हूं, मुझे बताइए. क्या उनके पास 10 उंगलियां हैं और मेरे पास 2 उंगलियां हैं. क्या आपके पास 4 आंखे हैं और मेरे पास 6 आंखे हैं.'
'नफरत के लिए हम लोग जिम्मेदार'
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने कहा कि हमने नफरत को बढ़ावा दिया है. नफरत के लिए हम लोग जिम्मेदार हैं. इस नफरत को जन्म देने के लिए ये राजनेता जिम्मेदार हैं, जिन्होंने इन नफरतों का बीज बोया है. नहीं तो हिंदुस्तान में नफरत नहीं थी. देश जब आजाद हुआ तो यहां गांधी थे. हम गांधी के हिंदुस्तान में शामिल हुए न कि मोदी के भारत को नहीं.
'हम गांधी के भारत को वापस लाना चाहते हैं'
उन्होंने आगे कहा कि आज हम गांधी के उसी भारत को वापस लाना चाहते हैं, जहां इज्जत से चल सकें, बात कर सकें. हमदर्दी से लोगों की मदद कर सकें और यह न देखें कि कौन हिंदू है और कौन मुसलमान. हम अपने सिपाहियों को शहीद होने नहीं देना चाहते.
इससे पहले उन्होंने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए रविवार को विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं और उसके पास भी परमाणु बम हैं जो हम पर गिरेंगे.
उनके बयान रक्षा मंत्री की हाल में की गई उस टिप्पणी पर आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि जिस तरह से भारत में विकास हो रहा है उसे देखते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोग खुद ही भारत का हिस्सा बनने के लिए कहेंगे.