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हाथरस सत्संग भगदड़; 24 घंटे बाद भोले बाबा का बयान, कहा-मेरे जाने के बाद हुई भगदड़, जांच के लिए तैयार - Hathras Satsang Stampede

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 3, 2024, 10:33 PM IST

हाथरस में सत्संग के दौरान हुए हादसे के 24 घंटे बाद नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की ओर से बयान जारी किया गया है. वहीं, पूरी कानूनी प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. एपी सिंह को अधिकृत किया है.

नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का हादसे पर आया बयान.
नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का हादसे पर आया बयान. (Etv Bharat)

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. एपी सिंह. (Video Credit; Social Media)

हाथरसः सिकंद्रराराऊ थाने के फुलरई गांव में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद हुई भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हुई है. जबकि कई लोग घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है. हादसे के 24 घंटे बाद सूरज पाल से भोले बाबा बने का बयान आया है. यह बयान भोले बाबा द्वारा अधिकृत किए गए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एपी सिंह ने जारी किया है.

वीडियो जारी कर एपी सिंह ने कहा कि हाथरस में भगदड़ में हुई जानमाल की क्षति पर भोले बाबा ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने मृतकों के परिजनों को सांत्वना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की है. भोले बाबा ने असामाजिक तत्वों को भगदड़ का जिम्मेदार ठहराया है.​ एपी सिंह ने वीडियो जारी कर कहा है कि 'कुछ असमाजिक तत्व सत्संग स्थल पर मौजूद थे. जिन्होंने बाबा के जाने के बाद वहां ऐसा माहौल बना दिया कि भगदड़ हुई. हम उत्तर प्रदेश सरकार और एसआईटी की जांच पर और इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटार्यड जज की जांच पर पूरा विश्वास करते हैं. हम चाहते हैं कि इस घटना के कोई भी दोषी बच नहीं पाए. लेकिन जांच में पारदर्शिता होनी चाहिए.

हादसे में मृतकों के अंतिम संस्कार में कोई कमी न रह जाए, घायलों का समुचित उपचार हो इसके लिए सेवादार लगे हुए हैं. नारायण साकार हरि हर तरह से सहयोग कर रहे हैं. एपी सिंह ने कहा कि लोग कह रहे हैं कि अनुयायी बाबा के पीछे भागे है. लेकिन उनके यहां पैर छूने की कोई प्रथा नहीं है.उन्होंने अपने अनुयायियों से पैर नहीं छुआए. इतना ही नहीं दान पात्र, चंदा आदि की कोई व्यवस्था नहीं है. नारायण साकार हरि सोशल मीडिया पर नहीं रहते. इसके अलावा फोन भी नहीं रखते हैं. बाबा सनातन धर्म के प्रचारक हैं. कुछ लोग सोची-समझी साजिश के तहत बाबा को बदनाम कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-हाथरस सत्संग हादसा; 24 साल पहले बेटी को जिंदा करने की कोशिश की थी, तभी से शुरू हुई सूरजपाल से भोले बाबा बनने की कहानी

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. एपी सिंह. (Video Credit; Social Media)

हाथरसः सिकंद्रराराऊ थाने के फुलरई गांव में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद हुई भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हुई है. जबकि कई लोग घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है. हादसे के 24 घंटे बाद सूरज पाल से भोले बाबा बने का बयान आया है. यह बयान भोले बाबा द्वारा अधिकृत किए गए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एपी सिंह ने जारी किया है.

वीडियो जारी कर एपी सिंह ने कहा कि हाथरस में भगदड़ में हुई जानमाल की क्षति पर भोले बाबा ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने मृतकों के परिजनों को सांत्वना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की है. भोले बाबा ने असामाजिक तत्वों को भगदड़ का जिम्मेदार ठहराया है.​ एपी सिंह ने वीडियो जारी कर कहा है कि 'कुछ असमाजिक तत्व सत्संग स्थल पर मौजूद थे. जिन्होंने बाबा के जाने के बाद वहां ऐसा माहौल बना दिया कि भगदड़ हुई. हम उत्तर प्रदेश सरकार और एसआईटी की जांच पर और इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटार्यड जज की जांच पर पूरा विश्वास करते हैं. हम चाहते हैं कि इस घटना के कोई भी दोषी बच नहीं पाए. लेकिन जांच में पारदर्शिता होनी चाहिए.

हादसे में मृतकों के अंतिम संस्कार में कोई कमी न रह जाए, घायलों का समुचित उपचार हो इसके लिए सेवादार लगे हुए हैं. नारायण साकार हरि हर तरह से सहयोग कर रहे हैं. एपी सिंह ने कहा कि लोग कह रहे हैं कि अनुयायी बाबा के पीछे भागे है. लेकिन उनके यहां पैर छूने की कोई प्रथा नहीं है.उन्होंने अपने अनुयायियों से पैर नहीं छुआए. इतना ही नहीं दान पात्र, चंदा आदि की कोई व्यवस्था नहीं है. नारायण साकार हरि सोशल मीडिया पर नहीं रहते. इसके अलावा फोन भी नहीं रखते हैं. बाबा सनातन धर्म के प्रचारक हैं. कुछ लोग सोची-समझी साजिश के तहत बाबा को बदनाम कर रहे हैं.

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