हल्द्वानीः उत्तराखंड वासियों की शान रही पहाड़ी टोपी गायब हो रही है, लेकिन जब से पीएम मोदी ने 2022 के गणतंत्र दिवस समारोह में इसे पहना ये टोपी हिट हो गई. अब जगह-जगह लोग उत्तराखंड की पहाड़ी टोपी पहने नजर आते हैं. यहां तक कि मांगलिक कार्यों और सार्वजनिक समारोहों में सिर्फ उत्तराखंड या हमारे देश में ही नहीं, विदेशों में भी प्रवासी ये टोपी पहने दिखते हैं. नैनीताल-उधम सिंह नगर सीट से लोकसभा सांसद अजय भट्ट को भी टोपियों का बहुत शौक है.
अजय भट्ट को टोपियों का क्रेज: ज्यादातर समय अजय भट्ट टोपी वो भी पहाड़ी टोपी पहने नजर आते हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और नैनीताल-उधम सिंह नगर, सांसद अजय भट्ट पहाड़ की टोपी को बहुत महत्व देते हैं. वो हमेशा अपने सिर पर टोपी पहनकर चलते हैं. यही वजह है कि आज अजय भट्ट की पहचना कुशल राजनीतिज्ञ के साथ ही उत्तराखंड की संस्कृति को महत्व देने वाले नेता के रूप में भी होती है.
हर समय टोपी पहने रहते हैं अजय भट्ट: सर्दी में तो हर कोई ठंड से बचने के लिए टोपी या मफलर पहनता है, अजय भट्ट गर्मी के मौसम में भी हमेशा उत्तराखंड की टोपी बनकर निकलते हैं. इसीलिए अजय भट्ट के पास भारी भरकम टोपिया का कलेक्शन है. इनमें उत्तराखंड के साथ-साथ कई राज्यों की टोपियां उन्होंने अपने कलेक्शन में संजो रखी हैं. इन टोपियों को वो मौसम के हिसाब से पहनते हैं.
अजय भट्ट के पास अन्य राज्यों की भी टोपियां: सांसद अजय भट्ट ने बताया कि वह पहाड़ के रीति रिवाज और परंपरा को कभी नहीं भूलते हैं. अपने कार्यक्रम में पहाड़ी बोली भाषा के साथ-साथ पहाड़ के रीति रिवाज की भी बात करते हैं. यही वजह है कि अजय भट्ट अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रमों में टोपी पहनकर आते हैं. अजय भट्ट ने बताया कि उनको पहाड़ की टोपी के साथ-साथ दूसरे राज्यों की टोपी भी बहुत पसंद हैं.
सांसद के पास 500 से ज्यादा टोपियों का कलेक्शन: अजय भट्ट ने बताया कि उत्तराखंड से लगे नेपाल और हिमाचल से उत्तराखंड का पुराना रिश्ता है. यही वजह है कि नेपाली गोरखा और हिमाचल की टोपी भी पहनते हैं. आज उनके पास अलग-अलग राज्यों की सांस्कृतिक पहचना बताने वाली 500 से अधिक टोपियों का कलेक्शन है. अजय भट्ट बताते हैं कि गर्मियों में गर्मी के अनुसार टोपी पहनते हैं. सर्दियों में सर्दी के अनुसार टोपी पहनते हैं और टोपी उनकी सिर की पहचान है. 2019 में लोकसभा के 543 सांसदों में फेम इंडिया एशिया पोस्ट सर्वे में देश की संसद में संयुक्त रूप से 25 वरिष्ठ सांसदों का चयन किया गया था, जिसमें अजय भट्ट भी शामिल रहे.