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CBI अधिकारी बनकर मुंबई रेलवे कर्मी को लगाया चूना, 9 लाख रुपये गंवाए, फिल्मी अंदाज में ठगी - Mumbai - MUMBAI

Cyber Crime: मुंबई में ऑनलाइन स्कैमर्स ने एक रेलवे अधिकारी से 9 लाख रुफये ठग लिए. स्कैमर्स ने रेलवे अधिकारी से कहा कि उसके बैंक अकाउंट से बड़ी मात्रा में धन शोधन के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

मुंबई रेलवे कर्मी को ठगा
मुंबई रेलवे कर्मी को ठगा (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 18, 2024, 2:44 PM IST

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां ऑनलाइन ठगों ने एक रेलवे अधिकारी से 9 लाख रुपये ठग लिए. स्कैमर्स ने रेलवे अधिकारी के सामने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया था. स्कैमर्स ने कहा कि रेलवे अधिकारी से कहा कि उसके बैंक अकाउंट से बड़ी मात्रा में धन शोधन के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया कि अधिकारी को एक स्कैमर के सामने पेश किया गया, जिसने खुद को 'जज' बताकर उससे अपराध के लिए 'दंड' के तौर पर एक खास बैंक अकाउंट में पैसे जमा करने को कहा. 59 वर्षीय पीड़ित मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस में प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर है और दक्षिण मुंबई के कोलाबा में रहता है.

कैसे की ठगी?
पुलिस ने बताया कि घटना सोमवार को हुई जब अधिकारी को एक वॉयस मैसेज मिला, जिसमें दो घंटे के भीतर उसका मोबाइल नंबर ब्लॉक करने की धमकी दी गई और आगे की पूछताछ के लिए उसे 0 डायल करने के लिए कहा गया. पीड़ित ने '0' दबाया, जिसके बाद एक वीडियो कॉल एक्टिव हो गई.

एक पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और कहा कि वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रेलवे अधिकारी की जांच करना चाहता है, क्योंकि उसका मोबाइल नंबर एक बैंक अकाउंट से जुड़ा हुआ है, जिसका इस्तेमाल घोटाले में किया गया था."

पीड़ित ने स्कैमर्स को बताया कि उसके पास दूसरा मोबाइल नंबर नहीं है. लेकिन स्कैमर्स ने अधिकारी को यह विश्वास दिलाया कि उसके नाम पर एक मोबाइल नंबर रजिस्टर है और उसे 58 लाख रुपये की लूट के लिए इस्तेमाल किए गए बैंक अकाउंट से जोड़ा गया है.

पीड़ित वीडियो कॉल पर बात करता रहा और ऑफिस में काम कर रहा था, लेकिन उसे घर वापस जाने के लिए कहा गया क्योंकि स्कैमर्स ने दावा किया कि सीबीआई अधिकारी मामले में उसकी 'जांच' करना चाहते हैं. अधिकारी घर लौट आया और सोमवार को दोपहर 2 बजे के आसपास फिर से वीडियो कॉल चालू की गई.

ऑनलाइन कोर्ट में पेश
पुलिस अधिकारी ने कहा, "इस दौरान स्कैमर्स ने रेलवे अधिकारी की फैमिली बैकग्राउंड, उसके वित्त और संपत्ति के बारे में सारी जानकारी हासिल कर ली. इसके बाद आरोपी ने उससे कहा कि उसे ऑनलाइन कोर्ट में पेश किया जाएगा और जज मामले का फैसला करेंगे."

अधिकारी ने कहा कि मंगलवार सुबह 9.30 बजे तक करीब 20 घंटे तक कॉल एक्टिव रही, जिसके दौरान 'जज' ने पीड़ित को बताया कि 'सीबीआई' को उसके दूसरे अकाउंट से कुछ अनधिकृत बैंक ट्रांजेक्शन मिले हैं. अपराध के लिए दंड के तौर पर अधिकारी को स्कैमर्स द्वारा दिए गए खाते में 9 लाख रुपये जमा करने के लिए कहा गया.

पीड़ित ने RTGS के जरिए पैसे ट्रांसफर किए, लेकिन बाद में उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है. इसके बाद अधिकारी ने ट्रांसफर रोकने के लिए बैंक मैनेजर से संपर्क किया, लेकिन उसका ट्रांजेक्शन पूरा हो गया. अधिकारी ने कहा, "उसने कोलाबा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर साइबर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया." फिलहाल मामले की जांच चल रही है.

यह भी पढ़ें- लुट जाएगी जिंदगीभर की कमाई, आप भी हो सकते हैं डिजिटल अरेस्ट! कैसे करें पहचान, क्या है बचाव

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां ऑनलाइन ठगों ने एक रेलवे अधिकारी से 9 लाख रुपये ठग लिए. स्कैमर्स ने रेलवे अधिकारी के सामने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया था. स्कैमर्स ने कहा कि रेलवे अधिकारी से कहा कि उसके बैंक अकाउंट से बड़ी मात्रा में धन शोधन के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया कि अधिकारी को एक स्कैमर के सामने पेश किया गया, जिसने खुद को 'जज' बताकर उससे अपराध के लिए 'दंड' के तौर पर एक खास बैंक अकाउंट में पैसे जमा करने को कहा. 59 वर्षीय पीड़ित मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस में प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर है और दक्षिण मुंबई के कोलाबा में रहता है.

कैसे की ठगी?
पुलिस ने बताया कि घटना सोमवार को हुई जब अधिकारी को एक वॉयस मैसेज मिला, जिसमें दो घंटे के भीतर उसका मोबाइल नंबर ब्लॉक करने की धमकी दी गई और आगे की पूछताछ के लिए उसे 0 डायल करने के लिए कहा गया. पीड़ित ने '0' दबाया, जिसके बाद एक वीडियो कॉल एक्टिव हो गई.

एक पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और कहा कि वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रेलवे अधिकारी की जांच करना चाहता है, क्योंकि उसका मोबाइल नंबर एक बैंक अकाउंट से जुड़ा हुआ है, जिसका इस्तेमाल घोटाले में किया गया था."

पीड़ित ने स्कैमर्स को बताया कि उसके पास दूसरा मोबाइल नंबर नहीं है. लेकिन स्कैमर्स ने अधिकारी को यह विश्वास दिलाया कि उसके नाम पर एक मोबाइल नंबर रजिस्टर है और उसे 58 लाख रुपये की लूट के लिए इस्तेमाल किए गए बैंक अकाउंट से जोड़ा गया है.

पीड़ित वीडियो कॉल पर बात करता रहा और ऑफिस में काम कर रहा था, लेकिन उसे घर वापस जाने के लिए कहा गया क्योंकि स्कैमर्स ने दावा किया कि सीबीआई अधिकारी मामले में उसकी 'जांच' करना चाहते हैं. अधिकारी घर लौट आया और सोमवार को दोपहर 2 बजे के आसपास फिर से वीडियो कॉल चालू की गई.

ऑनलाइन कोर्ट में पेश
पुलिस अधिकारी ने कहा, "इस दौरान स्कैमर्स ने रेलवे अधिकारी की फैमिली बैकग्राउंड, उसके वित्त और संपत्ति के बारे में सारी जानकारी हासिल कर ली. इसके बाद आरोपी ने उससे कहा कि उसे ऑनलाइन कोर्ट में पेश किया जाएगा और जज मामले का फैसला करेंगे."

अधिकारी ने कहा कि मंगलवार सुबह 9.30 बजे तक करीब 20 घंटे तक कॉल एक्टिव रही, जिसके दौरान 'जज' ने पीड़ित को बताया कि 'सीबीआई' को उसके दूसरे अकाउंट से कुछ अनधिकृत बैंक ट्रांजेक्शन मिले हैं. अपराध के लिए दंड के तौर पर अधिकारी को स्कैमर्स द्वारा दिए गए खाते में 9 लाख रुपये जमा करने के लिए कहा गया.

पीड़ित ने RTGS के जरिए पैसे ट्रांसफर किए, लेकिन बाद में उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है. इसके बाद अधिकारी ने ट्रांसफर रोकने के लिए बैंक मैनेजर से संपर्क किया, लेकिन उसका ट्रांजेक्शन पूरा हो गया. अधिकारी ने कहा, "उसने कोलाबा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर साइबर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया." फिलहाल मामले की जांच चल रही है.

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