लखनऊ: मुंबई के फैशन डिजाइनर आदेश वाजपेई की हत्या करने के मामले में आईआईटी कानपुर के छात्र राहुल वर्मा को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अनुरोध मिश्रा ने दोषसिद्ध करार देते हुए, उम्र कैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने इसके साथ ही अभियुक्त पर 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
सीबीआई की ओर से बताया गया कि 22/23 अगस्त 2008 को वादी सूर्य कुमार बाजपेयी ने शक जताया था कि कुछ दिनों पहले आईआईटी कैम्पस कानपुर में मिला कंकाल अपने पुत्र का होने का शक जताया था. वादी की आशंका के बाद खून व हड्डियों की डीएनए जांच कराई गई जिसमें यह पता चला कि मृतक वादी का ही पुत्र था. अदालत को बताया गया कि मृतक आदेश वाजपेई फैशन डिजाइनिंग का काम फ्रीलांसिंग तरीके से करता था तथा वह आईपीएस अरुण गुप्ता की पत्नी के संपर्क में आया तथा लखनऊ में उनके साथ व्यवसाय करना शुरू कर दिया.
अभियोजन के अनुसार इस मामले की रिपोर्ट अज्ञात में 20 अगस्त 2008 को थाना मूलगंज जनपद कानपुर में दर्ज कराई गई थी. इसमें वादी ने कहा था कि 3 अगस्त 2008 को उसका पुत्र आदेश बाजपेई मुंबई से लखनऊ ट्रेन से बिजनेस के सिलसिले में आया था तथा 10 अगस्त 2008 की दोपहर आदेश उसके मामा के घर एक बजे लखनऊ मिलने गया. उसके बाद 13 अगस्त 2008 को रात करीब दस बजे विवेक त्रिवेदी से कहा कि वह उसे मूलगंज चौराहे पर छोड़ दे, जहां पर कोई उससे मिलने के लिए खड़ा है.
इसके बाद विवेक त्रिवेदी आदेश को मूलगंज चौराहे पर छोड़ने गए, जिसके बाद उसका कुछ पता नहीं चला. बहस के दौरान अदालत को बताया गया कि 17 दिसंबर 2009 को वादी सूर्य कुमार वाजपेई ने प्रार्थना पत्र देखकर राहुल वर्मा पर शक जताया था. यह भी बताया गया कि अभियुक्त की पहचान विवेक त्रिवेदी के अलावा पुलिस अधिकारियों एवं आईआईटी अधिकारियों के समक्ष कराई गई थी.
वहां पर सभी लोगों ने उसे पहचाना तथा विवेक त्रिवेदी ने बताया कि आदेश को आरोपी घटना वाले दिन मूलगंज चौराहे से अपने साथ ले गया था. विशेष अभियोजन अधिकारी सीबीआई द्वारा कहा गया कि आदेश वाजपेई की हत्या करने के बाद आरोपी ने उसके शरीर के टुकड़ों को आईआईटी कानपुर कैंपस में छिपाया था. वारदात के दिन हत्या करने के पूर्व वह उसे अपने हॉस्टल भी ले गया था.