मुंबई : शिवसेना (UTB) के नेता संजय राउत को यहां की एक सत्र अदालत ने शुक्रवार को जमानत दे दी. उन्होंने भाजपा नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया द्वारा दायर मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी थी. संजय राउत ने सत्र न्यायालय में अपनी दोषसिद्धि और मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा दी गई 15 दिन की जेल की सजा के खिलाफ पुनरीक्षण आवेदन दायर किया है.
इस सिलसिले में राज्यसभा सदस्य शुक्रवार को कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए और जमानत की मांग की. इस पर कोर्ट ने उन्हें 50 हजार रुपये की जमानत दी. बता दें कि न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) आरती कुलकर्णी ने 26 सितंबर को राउत को आईपीसी की धारा 500 के तहत मानहानि का दोषी ठहराया था. इसके अलावा उन्हें 15 दिन की जेल की सजा सुनाने के अलावा कोर्ट ने उन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था. हालांकि, कोर्ट ने उन्हें अपील दायर करने के लिए 30 दिनों के लिए सजा निलंबित कर दी थी.
संजय राउत ने सत्र न्यायालय के समक्ष अपने पुनरीक्षण आवेदन दिया. इस आवेदन में उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट का आदेश कानून की दृष्टि से खराब और तथ्यों के आधार पर अनुचित था. वहीं मेधा सोमैया ने दावा किया था कि संजय राउत ने उनके और उनके पति किरीट सोमैया के खिलाफ मीडिया में निराधार और अपमानजनक आरोप लगाए थे. इसमें उन पर मीरा भयंदर नगर निगम क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण से जुड़े 100 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का भी आरोप लगाया गया था. इसी क्रम में सोमैया के वकील लक्ष्मण कनाल ने कहा कि चूंकि राउत व्यक्तिगत रूप से पेश हुए थे, इसलिए हमने उनकी जमानत याचिका का विरोध नहीं किया, इसके बाद कोर्ट ने इसे मंजूर कर लिया.
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