रतलाम। मध्य प्रदेश में 55 शासकीय कॉलेजों के नाम पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस किए जाने के बाद कॉलेज के आईडी कार्ड में छात्रों की जाति पूछे जाने का मामला सामने आया है. जिसे लेकर अब सोशल मीडिया पर बवाल खड़ा हो गया है. कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने इस पर आपत्ति लेते हुए कहा है कि 'भाजपा पहले धर्म के नाम पर लोगों को बांट रही थी. अब आईडी कार्ड में जाति लिखकर जात-पात के नाम पर युवाओं को बांटा जा रहा है.'
कांग्रेस नेता विक्रांत भूरिया ने अपने सोशल मीडिया पेज पर रतलाम के पीएम एक्सीलेंस कॉलेज का एक आईडी कार्ड पोस्ट कर लिखा है कि 'क्या प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री हमारे यहां फिर से "वर्ण व्यवस्था" पर आधारित शिक्षा व्यवस्था को स्थापित करना चाहते हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस रतलाम के छात्र नागेश्वर के आईडी कार्ड से तो यही जाहिर हो रहा है, जिसमें छात्र नागेश्वर की जाति लिखी गई है.'
पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में आईडी कार्ड पर विवाद
दरअसल, मध्य प्रदेश में रविवार को एक साथ 55 एक्सीलेंस कॉलेज का पीएम मोदी ने वर्चुअल शुभारंभ किया था. रतलाम में भी वर्चुअल कार्यक्रम में पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत की गई. इस दौरान छात्रों को नए आईडी कार्ड प्रदान किए गए. नए आईडी कार्ड में नाम, पिता का नाम, कक्षा, फोन नंबर इत्यादि की जानकारी के साथ अपनी जाति का भी विवरण छात्र को भरने के लिए दिया गया. इसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया. कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाते हुए भाजपा से सवाल पूछा है कि 'क्या केंद्र और राज्य सरकार आईडी कार्ड में छात्रों की जाति लिखवा कर जात पात के नाम पर बांटना चाहती है.'
#Shocking
— Dr.Vikrant Bhuria (@VikrantBhuria) July 14, 2024
क्या प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री हमारे यहां फिर से " वर्ण व्यवस्था" पर आधारित शिक्षा व्यवस्था को स्थापित करना चाहते है क्योकि #प्रधानमंत्री_कॉलेज_ऑफ_एक्सीलेंस RATLAM के छात्र नागेश्वर के #ID कार्ड से तो यही जाहिर हो रहा है, जिसमे छात्र नागेश्वर की #जाति लिखी गई है।
भाजपा… pic.twitter.com/7IdklxFJ8g
भूरिया ने बीजेपी पर लगाया बंटवारे का आरोप
भूरिया ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि 'भाजपा का संविधान पर विश्वास नहीं है, इसलिए वह संविधान को खत्म करना चाहती है. आये दिन ऐसे कदम उठाती है, लेकिन हम ऐसा होने नही देंगे.' ईटीवी भारत से चर्चा में विक्रांत भूरिया ने इसे गंभीर मामला बताते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की मांग की है. वहीं, विक्रांत भूरिया ने आरोप लगाया है कि पहले इन्होंने धर्म के नाम पर देश को बांटने की कोशिश की है और अब जाति के नाम पर छात्रों को बांटने की कोशिश की जा रही है.
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कॉलेज प्रबंधन की सफाई
बहरहाल विक्रांत भूरिया द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ता भी इस मुद्दे को लेकर अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं. वहीं, कॉलेज प्रबंधन ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. आईडी कार्ड की कंट्रोवर्सी को लेकर कोई मामला कॉलेज संज्ञान में नहीं आने की बात कही गई है.