भोपाल। मध्य प्रदेश के विधायक हाईटेक होते जा रहे हैं. 1 जुलाई से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र के लिए 50 फीसदी से ज्यादा माननियों ने सवाल ऑफलाइन के स्थान पर ऑनलाइन ही लगाए हैं. यह पहला मौका है जब ऑनलाइन पूछे गए. सवालों की संख्या ऑफलाइन से ज्यादा है. उधर विधानसभा को हाईटेक किए जाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए विधानसभा सचिवालय का संसदीय कार्य मंत्रालय और संसदीय कार्य विभाग से अनुबंध हो चुका है. अगले एक साल के अंदर विधानसभा पेपर लेस हो जाएगी.
2386 सवाल पूछे ऑनलाइन
विधानसभा का सत्र 1 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. 19 जुलाई तक चलने वाले विधानसभा सत्र के लिए विधायकों ने 4287 सवाल पूछे हैं, लेकिन इस बार खास यह है कि इन 4287 सवालों में से विधायकों ने 2386 सवाल ऑनलाइन पूछे हैं. यह पहला मौका है, जब विधायकों ने ऑफलाइन की अपेक्षा ऑनलाइन सवाल ज्यादा पूछे हैं. विधानसभा सचिवालय द्वारा कई सालों से यह व्यवस्था शुरू की जा चुकी है. जिसमें विधायक ऑनलाइन अपने सवाल, शून्यकाल की सूचना, याचिकाएं और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव ऑनलाइन विधानसभा सचिवालय को भेज सकता है. इसके लिए विधायकों के पास स्टॉफ मौजूद होता है. साथ ही कम्प्यूटर आदि की व्यवस्था भी उन्हें उपलब्ध होती है.
पिछली विधानसभा में विधायकों को लैपटॉप, टैब भी दिए जा चुके हैं. बजट सत्र के लिए इस बार कुल 2108 तारांकित और 2179 अतारांकित सवाल पूछे गए हैं. विधायकों ने कुल 1901 ऑफलाइन सवाल और 2386 ऑनलाइन सवाल पूछे हैं. विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह के मुताबिक विधायकों में ऑनलाइन को लेकर रूचि बढ़ी है, यही वजह है कि इस बार ऑनलाइन सवाल ज्यादा आए हैं.
ई विधान में विधानसभा होगी पेपर लेस
आईटी फ्रेंडली होने का फायदा विधायकों को अगले साल से ई विधान लागू होने पर मिलेगा. मध्य प्रदेश विधानसभा में ई विधान लागू होने जा रहा है. इसके लिए विधानसभा सचिवालय का संसदीय कार्य मंत्रालय और संसदीय कार्य विभाग से अनुबंध हो चुका है. इस परियोजना पर करीबन 23 करोड़ रुपए खर्च होंगे. ई विधान परियोजना का क्रियांवयन होने के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा एक साल के भीतर पेपरलेस हो जाएगी. इसके बाद विधायकों की टेबल पर ही टेबलेट लगे होंगे. जिसे देखकर विधायक अपने सवाल पूछ सकेंगे. विधानसभा का पूरा काम पेपर लेस हो जाएगा. विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह के मुताबिक कोरोना काल की वजह से इसमें थोड़ी देरी हो गई, लेकिन अब इसे जल्द ही लागू किया जाएगा.
विधानसभा में कौन विधायक कितना पढ़ा-लिखा
मध्य प्रदेश विधानसभा में 230 विधायकों में से 163 बीजेपी और 66 कांग्रेस के सदस्य हैं. इसमें से अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं. जबकि दो कांग्रेस विधायक चुनावी सभा में मंच पर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, हालांकि अभी तक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है. एक विधायक भारत आदिवासी पार्टी से हैं. मध्य प्रदेश विधानसभा में 68 विधायक ऐसे हैं, जो पहली बार चुनाव जीतकर आए हैं.
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कितने पढ़े-लिखे हैं विधायक
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश विधानसभा में जीतकर पहुंचे 70 फीसदी विधायक ग्रेजुएट या उससे ज्यादा पढ़े-लिखे हैं. जबकि 28 फीसदी विधायकों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 5वीं और 12वीं घोषित की थी.
- 230 विधायकों में 2 विधायक साक्षर. इसमें एक बीजेपी का और एक कांग्रेस.
- 2 विधायक 5वीं पास इसमें दोनों बीजेपी के विधायक.
- 5 विधायक 8वीं पास. इसमें 4 बीजेपी और एक कांग्रेस का विधायक.
- 14 विधायक 10वीं पास. इसमें 10 विधायक बीजेपी और 4 कांग्रेस के विधायक.
- 43 विधायक 12वीं पास. इसमें 31 विधायक बीजेपी और 12 विधायक कांग्रेस से.
- 49 विधायक ग्रेजुएट हैं. इसमें 38 विधायक बीजेपी और 11 कांग्रेस विधायक.
- 35 विधायक पेशेवर स्नातक हैं. इसमें 24 बीजेपी, 10 कांग्रेस और 1 अन्य हैं.
- 70 विधायक पोस्ट ग्रेजुएट हैं, जिसमें से 47 बीजेपी और 23 कांग्रेस के हैं.
- 7 विधायक पीएचडी हैं. इसमें 4 बीजेपी के और 3 कांग्रेस के हैं.
- 3 विधायक डिप्लोमाधारी हैं, इसमें 2 बीजेपी और 1 कांग्रेस का विधायक है.