रांचीः क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी का धंधा जोर-शोर से चल रहा है. फर्जी वेबसाइट के जरिए और पैसे एक महीने में दोगुना करने का झांसा देकर साइबर अपराधी करोड़ों की ठगी कर चुके हैं. केवल झारखंड में ही अब तक ढाई सौ से ज्यादा लोगों के साथ क्रिप्टो करेंसी के नाम पर करोड़ों की ठगी हो चुकी है. क्रिप्टो करेंसी के जरिए निवेश करने वाले लोगों को सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच के द्वारा आगाह किया गया है.
बड़ा खतरा आया सामने
भारत जैसे देशों के लिए क्रिप्टो करेंसी गैरजरूरी है, क्रिप्टो करेंसी में पैसे को कंवर्ट करवाना कोई आवश्यक नहीं है. इसके बावजूद हर दिन सैकड़ों की संख्या में लोग की क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे हैं और ठगी के शिकार हो रहे हैं. क्रिप्टो करेंसी निवेश को लेकर अगर आवश्यक सावधानियां नहीं बरती गईं तो यह बड़े वित्तीय घाटे का कारक बनेगा. क्रिप्टो करेंसी के जरिए ठगी देश में एक बड़े साइबर खतरे को सामने लाया है. यह पुलिस के लिए भी एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है. क्योंकि क्रिप्टो करेंसी के जरिए की गई ठगी के पैसे कहां गए इसका पता लगाना मुश्किल ही नहीं असंभव भी है.
ठगी के पैसे कहां गए पता लगाना मुश्किल
झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि क्रिप्टो करेंसी किसी भी आम आदमी के लिए जरूरी नहीं है. क्रिप्टो करेंसी पूरी तरह से एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है. आमतौर पर जब साइबर ठगी की घटना को अंजाम दिया जाता है तो उसमें पैसे का ट्रांसफर किसी बैंक अकाउंट में होता है. बैंक अकाउंट में जाने वाले पैसे की जांच बेहद आसान है लेकिन इसके ठीक उलट क्रिप्टो करेंसी का पैसा दुनिया में कहीं भी जा सकता है और पैसा कहां गया है इसका पता लगाना असंभव है.
झारखण्ड में 250 से ज्यादा लोग हो चुके हैं शिकार
क्रिप्टो करेंसी को लेकर हो रही ठगी को लेकर झारखंड पुलिस भी परेशान है. झारखंड में अब तक ढाई सौ से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की गई है. सिर्फ दो ही मामलों में 2 करोड़ 33 लाख से ज्यादा की ठगी कर ली गई. झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि क्रिप्टो करेंसी के जरिए ठगी के मामले बेहद गंभीर हैं.
जल्द अमीर बनने के चक्कर में लोग हो रहे शिकार
आईसी 4 के एसीपी जितेंद्र सिंह के अनुसार बिटक्वाइन के आने बाद लोगों को जल्द से जल्द अमीर बनने का चस्का लग गया. जल्द अमीर बनने के चक्कर में ही लोग ठगे जा रहे हैं. डिजिटल करेंसी के रूप में क्रिप्टो इस्तेमाल आम लोगों के द्वारा बिना सोचे समझे किये जा रहे हैं. जिसके बाद डिजिटल करेंसी के जरिए जल्द से जल्द अमीर बनने की चाहत रखने वालों को साइबर अपराधियों ने टारगेट करना शुरू कर दिया. एसीपी जितेंद्र सिंह के अनुसार स्थिति भयावह हो चुकी है. हमारे पड़ोस के कई ऐसे देश हैं जो सिर्फ डिजिटल करेंसी के जरिए लोगों को अमीर बनने का लालच देकर करोड़ों रुपए ठगी कर रहे हैं.
करेंसी जल्द हो जाएगी बंद की अफवाह
सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता के अनुसार क्रिप्टो करेंसी के आने के बाद साइबर अपराधियों ने आम लोगों के मन में यह भ्रम फैलाना शुरू कर दिया कि अब देश की करेंसी बंद हो जाएगी और सिर्फ क्रिप्टो ही चलेगा. करेंसी बंद हो जाएगी यह भरोसा दिलाने के लिए साइबर अपराधी नकली इंडियन करेंसी को लोगों के सामने जलाया करते थे. इससे लोग डर में और खुद का पैसा बचाने के लिए क्रिप्टो करेंसी में निवेश के झांसे में आकर ठगी के शिकार हो जाते हैं.
चिन्हित लोगों को घुमाते थे विदेश
पिछले सप्ताह ही झारखंड सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने बेहद शातिर साइबर अपराधी अमित जायसवाल को गिरफ्तार किया था. अमित जायसवाल ने अकेले ही 200 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की घटना को अंजाम दिया है. सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच के पूछताछ में अमित ने यह खुलासा किया है कि वह निवेशकों को ठगी के जाल में फंसाने के लिए उन्हें विदेश भ्रमण के लिए भी ले जाता था.
लालच ठगी की सबसे बड़ी वजह
क्रिप्टो करेंसी के जरिए ठगी के लिए साइबर अपराधी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा लेते हैं. सबसे पहला साइबर अपराधी किसी व्यक्ति को वेबसाइट पर अच्छी रिटर्न मिलेगी यह बात कर पैसा लगवाते हैं. लोग लालच में आकर पैसों का निवेश करते हैं शुरुआत में अगर कोई 25 हजार रुपये निवेश करता है तो उसे 10 दिन के अंदर ही साइबर अपराधी 50 हजार दे देते हैं. इतनी जल्दी पैसे डबल होने पर लोग बहुत ज्यादा पैसे का निवेश करने लगते हैं. जैसे ही लोगों को भरोसा होता है क्रिप्टो करेंसी का एक्सचेंज सिस्टम साइबर अपराधियों के द्वारा बना दिया जाता है. जिन लोगों के पैसे डबल हो जाते हैं वे लोग अपने जान पहचान वालों को भी पैसा निवेश करने के लिए मना लेते हैं. धीरे-धीरे इसमें कई लोग जुड़ जाते हैं और क्रिप्टो करेंसी में निवेश का एक बहुत लंबा चयन बन जाता है. जैसे ही साइबर अपराधियों के खाते में करोड़ रुपए से अधिक जमा हो जाते हैं यह पैसे लेकर भाग जाते हैं और फर्जी वेबसाइटों को बंद कर देते हैं.
इंडियन एक्सचेंज के जरिए निवेश ही सुरक्षित
आईसी 4 के एसीपी जितेंद्र सिंह के अनुसार किसी भी तरह का साइबर केस क्यों ना हो सब के पीछे केवल लालच की वजह होता है. क्रिप्टो करेंसी में भी यही स्थिति है लेकिन क्रिप्टो करेंसी के जरिए ठगी के पैसे गलत हाथों में जा रहे हैं जो बेहद चिंता का विषय है. क्रिप्टो करेंसी में हो रही ठगी से बचने का एकमात्र उपाय है लालच छोड़ना और निवेश के लिए इंडियन एक्सचेंज का प्रयोग करना. इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है, जिससे क्रिप्टो करेंसी में चल रही ठगी से बच सकते हैं.
इसकी जांच भी बेहद मुश्किल
क्रिप्टो करेंसी के जरिए चल रही ठगी का धंधा देशभर में फैल चुका है. इसके लिए अब कई एजेंसियों को मिलकर साथ काम करना पड़ रहा है ताकि इस पर ब्रेक किया लगाया जा सके. इसके मनी ट्रेल को पता करना भी बेहद मुश्किल भरा काम है. क्योंकि इसमें डाला गया या इससे लिया गया पैसा किसके खाते में ये डिकोड करना बेहद मुश्किल काम है.
क्या है क्रिप्टो करेंसी
क्रिप्टो करेंसी एक प्रकार की डिजिटल भुगतान प्रणाली है, जो लेन-देन को सत्यापित करने के लिए बैंकों पर निर्भर नहीं करती है. यह एक पीयर-टू-पीयर (p2p) सिस्टम है जो किसी को कहीं भी भुगतान भेजने और प्राप्त करने में सक्षम बनाता है. वास्तविक तौर पर कैश के रूप में पैसे ले जाने और लेनदेन के बजाय, क्रिप्टो करेंसी भुगतान एक ऑनलाइन डेटाबेस में डिजिटल प्रविष्टियों के रूप में मौजूद होते हैं जो विशिष्ट लेनदेन है. जब क्रिप्टो करेंसी फंड ट्रांसफर करते हैं तो लेनदेन एक सार्वजनिक बही-खाते में दर्ज किए जाते हैं. क्रिप्टो करेंसी डिजिटल वॉलेट में संग्रहीत होती है. क्रिप्टो करेंसी को ये नाम इसलिए मिला क्योंकि यह लेनदेन को सत्यापित करने के लिए एन्क्रिप्शन का उपयोग करती है. इसका अर्थ यह है कि वॉलेट और सार्वजनिक बही-खातों के बीच क्रिप्टोकरेंसी डेटा को संग्रहीत करने और संचारित करने में उन्नत कोडिंग शामिल है. एन्क्रिप्शन का उद्देश्य सुरक्षा और सुरक्षा प्रदान करना है. बता दें कि पहली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन थी, जिसकी स्थापना 2009 में हुई थी और आज भी यह सबसे प्रसिद्ध है.
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