लखनऊः उत्तर भारत में पड़ रही भीषण गर्मी से लोगों को जून के अंतिम सप्ताह तक राहत मिलने की पूरी संभावना है. दक्षिण भारत से आने वाला मानसून अपने समय से पहले ही केरल के तट तक पहुंच चुका है, जिसके 15 जून तक उत्तर भारत तक आने की पूरी संभावना है. ऐसे में उत्तर प्रदेश सहित उत्तर के राज्यों में भीषण गर्मी झेल रहे लोगों को 15 जून के बाद गर्मी से राहत मिलने की पूरी संभावना है.
बता दें कि बीते कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है. प्रदेश के कई जिलों से लू और गर्मी के चपेट में आने के कारण मौत की सूचनाएं भी आ रही हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय के भूगर्भ विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ध्रुवसेन सिंह ने बताया कि मानसून, तो अपने तय समय पर आएगा, लेकिन इस बार की मानसून बीते साल की तुलना में कमजोर रहेगा.
प्रचंड गर्मी के कारण उत्तर भारत पहुंचते मानसून पड़ेगा कमजोर: प्रोफेसर ध्रुवसेन सिंह ने बताया कि साउथ अमेरिका के पश्चिम तटों के पेरू देश से उठने वाले समुद्री हवाओं के कारण उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है. इस तटीय क्षेत्र में तीन तरह के समुद्री वातावरण बनते हैं, जिसमें एलीमो (गर्म), लालीना (ठंडा) और न्यूट्रल हवाओं का दबाव बनता है. अभी उत्तर भारत में जो हवाएं हैं, वह एलीमो है. उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में अभी जो गर्मी पड़ रही है. साउथ अमेरिका के समुद्री हवा के दबाव (एलीमो) के कारण पूरा उत्तर भारत भीषण गर्मी की चपेट में हैं.
प्रोफेसर सिंह ने बताया कि राहत की बात यह है कि भारत में आने वाला मानसून अपने समय से पहले ही केरल के तटीय क्षेत्र पर दस्तक दे चुका है और वह धीरे-धीरे उत्तर भारत की तरफ बढ़ रहा है.
मौसम विभाग के अनुसार 15 जून तक मानसून के उत्तर भारत में पहुंचने की पूरी संभावना है. उन्होंने बताया कि इस बार का मानसून समय से पहले तो आएगा पर वह कितनी राहत देगा यह देखना होगा, क्योंकि जिस तरह से एलीमो के कारण उत्तर भारत के सभी राज्य भीषण गर्मी की चपेट में है. इसके प्रभाव से मानसून थोड़ा कमजोर होगा, जिसके कारण उत्तर भारत में होने वाली बरसात में करीब एक चौथाई तक कमी आने की संभावना है.
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