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ममता बनर्जी के खिलाफ हिंदू धार्मिक संगठनों का विरोध प्रदर्शन, भिक्षुओं ने निकाला मार्च - Monks March

West Bengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भिक्षुओं के एक वर्ग पर लोकसभा चुनाव में बीजेपी की मदद करने का आरोप लगाया था. उनके बयान के खिलाफ हिंदू धार्मिक संगठनों के सैंकड़ो भिक्षुओं ने विरोध प्रदर्शन किया.

Mamata banerjee
ममता बनर्जी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 25, 2024, 3:28 PM IST

कोलकाता: विभिन्न हिंदू धार्मिक संगठनों के सैंकड़ो भिक्षुओं ने शुक्रवार को कोलकाता और उत्तरी बंगाल के सिलीगुड़ी शहर में मार्च निकाला और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन सीएम के उस बयान के खिलाफ किया, जिसमें उन्होंने भिक्षुओं के एक वर्ग पर लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मदद करने का आरोप लगाया था.

ममता बनर्जी ने विशेषकर भारत सेवाश्रम संघ के कार्तिक महाराज पर बीजेपी की मदद करने का आरोप लगाया था. इसके चलते विरोध प्रदर्शन में उन्हें सबसे आगे देखा गया. विरोध प्रदर्शन में कई बीजेपी नेताओं को भी देखा गया, हालांकि पार्टी ने आधिकारिक तौर पर खुद को इस प्रदर्शन से दूर रखा है. कार्तिक महाराज ने मीडिया से कहा कि ममता बनर्जी ने पूरे तपस्वी समाज का अपमान किया है. भिक्षु इसे स्वीकार नहीं करेंगे.

ममता बनर्जी ने क्या कहा?
बता दें कि बीते 18 मई को एक रैली को संबोधित करते हुए सीएम ममता ने कहा था, 'मेरे मन में भिक्षुओं के प्रति बहुत सम्मान है, लेकिन उनमें से सभी एक जैसे नहीं हैं. भारत सेवाश्रम संघ की एक यूनिट बेरहामपुर में है. मैंने बहुत समय से एक महाराज (साधु) के बारे में सुना है. इनका नाम है कार्तिक महाराज.

उन्होंने कहा कि वह किसी भी टीएमसी बूथ एजेंट को मतदान केंद्रों में प्रवेश की अनुमति नहीं देंगे. मैं उन्हें साधु नहीं मानती क्योंकि वह सीधे तौर पर राजनीति से जुड़े हुए हैं. वह देश को बर्बाद कर रहे हैं.' बनर्जी की बयान के बाद 20 मई को भिक्षु ने सीएम को बिना शर्त माफी मांगने के लिए कानूनी नोटिस भी भेजा था.

समिक भट्टाचार्य ने किया भिक्षुओं का समर्थन
वहीं, विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हुए, बंगाल बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि भिक्षु सदियों से हमारे समाज के स्तंभ रहे हैं. ममता बनर्जी ने अपने मुस्लिम कट्टरपंथियों को मैसेज देने के लिए उनका अपमान किया. भिक्षु यह सहन नहीं कर सकते हैं कि कोई उनकी आस्था को ठेस पहुंचाए. उनमें से कई लोगों ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान अपने जीवन का बलिदान दिया.

यह भी पढ़ें- पोलिंग बूथ पर अचानक ही क्यों भड़क गईं अग्निमित्रा पॉल, जानें वजह

कोलकाता: विभिन्न हिंदू धार्मिक संगठनों के सैंकड़ो भिक्षुओं ने शुक्रवार को कोलकाता और उत्तरी बंगाल के सिलीगुड़ी शहर में मार्च निकाला और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन सीएम के उस बयान के खिलाफ किया, जिसमें उन्होंने भिक्षुओं के एक वर्ग पर लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मदद करने का आरोप लगाया था.

ममता बनर्जी ने विशेषकर भारत सेवाश्रम संघ के कार्तिक महाराज पर बीजेपी की मदद करने का आरोप लगाया था. इसके चलते विरोध प्रदर्शन में उन्हें सबसे आगे देखा गया. विरोध प्रदर्शन में कई बीजेपी नेताओं को भी देखा गया, हालांकि पार्टी ने आधिकारिक तौर पर खुद को इस प्रदर्शन से दूर रखा है. कार्तिक महाराज ने मीडिया से कहा कि ममता बनर्जी ने पूरे तपस्वी समाज का अपमान किया है. भिक्षु इसे स्वीकार नहीं करेंगे.

ममता बनर्जी ने क्या कहा?
बता दें कि बीते 18 मई को एक रैली को संबोधित करते हुए सीएम ममता ने कहा था, 'मेरे मन में भिक्षुओं के प्रति बहुत सम्मान है, लेकिन उनमें से सभी एक जैसे नहीं हैं. भारत सेवाश्रम संघ की एक यूनिट बेरहामपुर में है. मैंने बहुत समय से एक महाराज (साधु) के बारे में सुना है. इनका नाम है कार्तिक महाराज.

उन्होंने कहा कि वह किसी भी टीएमसी बूथ एजेंट को मतदान केंद्रों में प्रवेश की अनुमति नहीं देंगे. मैं उन्हें साधु नहीं मानती क्योंकि वह सीधे तौर पर राजनीति से जुड़े हुए हैं. वह देश को बर्बाद कर रहे हैं.' बनर्जी की बयान के बाद 20 मई को भिक्षु ने सीएम को बिना शर्त माफी मांगने के लिए कानूनी नोटिस भी भेजा था.

समिक भट्टाचार्य ने किया भिक्षुओं का समर्थन
वहीं, विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हुए, बंगाल बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि भिक्षु सदियों से हमारे समाज के स्तंभ रहे हैं. ममता बनर्जी ने अपने मुस्लिम कट्टरपंथियों को मैसेज देने के लिए उनका अपमान किया. भिक्षु यह सहन नहीं कर सकते हैं कि कोई उनकी आस्था को ठेस पहुंचाए. उनमें से कई लोगों ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान अपने जीवन का बलिदान दिया.

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