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10 साल में 17 करोड़ से ज्यादा नौकरियां, मंत्री ने दिया सेक्टर वाइस ब्योरा - MANSUKH MANDAVIYA

केंद्रीय मंत्री ने मनसुख मंडाविया कहा कि पिछले एक साल में मोदी सरकार ने देश में करीब 4.6 करोड़ नौकरियां पैदा की हैं.

Mansukh Mandaviya
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 2, 2025, 5:06 PM IST

Updated : Jan 2, 2025, 8:36 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को घोषणा की कि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से लेकर अब तक भारत के रोजगार रेशियो में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि 2023-2024 में देश में रोजगार अनुपात 64.33 प्रतिशत है.

यह एनडीए सरकार की अवधि के दौरान रोजगार सृजन में सुधार को दर्शाता है. 2014-2015 में रोजगदार रेशियो 47.15 करोड़ था. यानी यह अब 36 प्रतिशत ज्यादा है.मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार के दौरान केवल 2.9 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां सृजित की गईं, जबकि 2014-2024 तक मोदी सरकार के तहत यह आंकड़ा बढ़कर 17.19 करोड़ हो गया.

आरबीआई के आंकड़ों का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि 2014 में रोजगार 44.23 करोड़ था जो बढ़कर 2023-24 में 47.15 करोड़ हो गया. मंत्री ने कहा कि पिछले एक साल (2023-24) में ही मोदी सरकार ने देश में करीब 4.6 करोड़ नौकरियां पैदा की हैं.

क्षेत्रवार नौकरियों का ब्योरा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से 2023 के बीच कृषि क्षेत्र में रोजगार में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच इसमें 16 प्रतिशत की गिरावट आई थी.

वहीं, यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच मैन्युफैक्चुरिंग सेक्टर में रोजगार में केवल 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से 2023 के बीच इसमें 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच सर्विस सेक्टर में रोजगार में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से 2023 के बीच इसमें 36 प्रतिशत का इजाफा हुआ.

रोजगार दर में इजाफा
मंडाविया ने यह भी कहा कि बेरोजगारी दर (UR) 2017-18 में 6 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 3.2 प्रतिशत हो गई है और साथ ही रोजगार दर (WPR) 2017-18 में 46.8 प्रतिशत से बढ़कर 58.2 प्रतिशत हो गया है.

केंद्रीय मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 2017-18 में 49.8 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 60.1 प्रतिशत हो गया है. उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में, सितंबर 2017-सितंबर 2024 तक, औपचारिक नौकरी बाजार मे 18-28 वर्ष की आयु वर्ग के 4.7 करोड़ से अधिक युवा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में शामिल हुए हैं.

यह भी पढ़ें- अलग-थलग पड़े थे कैदी के जूते, सिपाही ने उठाया तो मिली हैरान करने वाली चीज, जांच शुरू

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को घोषणा की कि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से लेकर अब तक भारत के रोजगार रेशियो में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि 2023-2024 में देश में रोजगार अनुपात 64.33 प्रतिशत है.

यह एनडीए सरकार की अवधि के दौरान रोजगार सृजन में सुधार को दर्शाता है. 2014-2015 में रोजगदार रेशियो 47.15 करोड़ था. यानी यह अब 36 प्रतिशत ज्यादा है.मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार के दौरान केवल 2.9 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां सृजित की गईं, जबकि 2014-2024 तक मोदी सरकार के तहत यह आंकड़ा बढ़कर 17.19 करोड़ हो गया.

आरबीआई के आंकड़ों का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि 2014 में रोजगार 44.23 करोड़ था जो बढ़कर 2023-24 में 47.15 करोड़ हो गया. मंत्री ने कहा कि पिछले एक साल (2023-24) में ही मोदी सरकार ने देश में करीब 4.6 करोड़ नौकरियां पैदा की हैं.

क्षेत्रवार नौकरियों का ब्योरा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से 2023 के बीच कृषि क्षेत्र में रोजगार में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच इसमें 16 प्रतिशत की गिरावट आई थी.

वहीं, यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच मैन्युफैक्चुरिंग सेक्टर में रोजगार में केवल 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से 2023 के बीच इसमें 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच सर्विस सेक्टर में रोजगार में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से 2023 के बीच इसमें 36 प्रतिशत का इजाफा हुआ.

रोजगार दर में इजाफा
मंडाविया ने यह भी कहा कि बेरोजगारी दर (UR) 2017-18 में 6 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 3.2 प्रतिशत हो गई है और साथ ही रोजगार दर (WPR) 2017-18 में 46.8 प्रतिशत से बढ़कर 58.2 प्रतिशत हो गया है.

केंद्रीय मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 2017-18 में 49.8 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 60.1 प्रतिशत हो गया है. उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में, सितंबर 2017-सितंबर 2024 तक, औपचारिक नौकरी बाजार मे 18-28 वर्ष की आयु वर्ग के 4.7 करोड़ से अधिक युवा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में शामिल हुए हैं.

यह भी पढ़ें- अलग-थलग पड़े थे कैदी के जूते, सिपाही ने उठाया तो मिली हैरान करने वाली चीज, जांच शुरू

Last Updated : Jan 2, 2025, 8:36 PM IST
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