नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने मंगलवार 17 सितंबर को लगातार तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे कर लिए. इस दिन पीएम मोदी अपना 74वां जन्मदिन भी मना रहे हैं. बता दें कि इस साल 9 जून को पीएम मोदी और उनके केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शपथ ली थी. 2014 और 2019 की तुलना में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने वाली बीजेपी ने इस बार जनता दल यूनाइटेड और तेलुगु देशम पार्टी जैसे सहयोगियों के मदद से एनडीए सरकार बनाई है.
सरकार के पहले 100 दिनों में कुछ महत्वपूर्ण उपायों की घोषणा की गई है. इसमें ब्रॉडकास्ट बिल और संपत्ति लेनदेन के लिए इंडेक्सेशन बेनेफिट को हटाने इसके अलावा सरकार ने सदन में वक्फ संशोधन विधेयक भी पेश किया, जिसे बाद में जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के पास भेज दिया गया. इतना ही सरकार ने कई और अहम फैसले भी किए हैं.
इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए क्या किया?
'सबका विकास' के नारे के साथ सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में 3 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी. सड़कों, रेलवे, बंदरगाहों और हवाई मार्गों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सरकार ने 76,200 करोड़ रुपये की लागत से महाराष्ट्र में वधावन मेगा पोर्ट को मंजूरी दी, जिसे दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में से एक माना जाता है.
सरकार ने 49,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता के साथ 25,000 अनकनेक्टिड गांवों को जोड़ने के लिए 62,500 किलोमीटर सड़कों और पुलों के निर्माण या अपग्रेडेशन को मंजूरी दी.
सरकार ने 50,600 करोड़ रुपये के निवेश से भारत के सड़क नेटवर्क को मजबूत करने, 936 किलोमीटर तक फैली आठ राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को भी मंजूरी दी और लद्दाख को हिमाचल प्रदेश से जोड़ने के लिए शिंकुन-ला सुरंग की आधारशिला रखी. सरकार ने ट्रेन से तेज और सुविधाजनक यात्रा के लिए 8 नई रेलवे लाइन परियोजनाओं को भी मंजूरी दी, जिससे 4.42 करोड़ का रोजगार पैदा होगा.
सरकार ने वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास को भी मंजूरी दी, जबकि पश्चिम बंगाल के बागडोगरा और बिहार के बिहटा में नए सिविल एन्क्लेव को हरी झंडी दिखाई और लक्षद्वीप में अगत्ती और मिनिकॉय में नई हवाई पट्टियों के निर्माण को मंजूरी दी. सरकार ने बैंगलोर मेट्रो, पुणे मेट्रो और ठाणे इंटीग्रल रिंग मेट्रो रेल परियोजना के चरण-3 के विस्तार को भी मंजूरी दी.
सरकार ने 100 दिन में किसानों के लिए क्या किया?
इस साल जून में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त के तहत 9.3 करोड़ किसानों को 20,000 करोड़ रुपये जारी किए. सरकार के अनुसार, 12.33 लाख किसानों को 3 लाख करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है.
सरकार ने 2024-25 के लिए खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में भी वृद्धि की, सरकार ने दावा किया कि इससे 12 करोड़ किसानों को लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ है. इसके अलावा 12,100 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ आंध्र प्रदेश में पोलावरम सिंचाई परियोजना और 14,200 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ सात प्रमुख योजनाओं को भी मंजूरी दी.
सरकार द्वारा किसानों के लिए उठाए गए अन्य कदमों में नई राष्ट्रीय सहकारी नीति के मसौदा नीति को पूरा करना, प्याज और बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को हटाना और प्याज पर निर्यात शुल्क को 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत करना, मौसम और जलवायु के प्रति सजग भारत बनाने के लिए 2,000 करोड़ रुपये के 'मिशन मौसम' को मंजूरी देना और कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने तथा स्टार्टअप और ग्रामीण उद्यमों को समर्थन देने के उद्देश्य से एग्रीश्योर नामक एक नए कोष की शुरुआत करना शामिल है.
मध्यम वर्ग के लिए उठाए गए कदम
मोदी सरकार के पहले 100 दिन में 3 लाख से 6 लाख रुपये के आयकर स्लैब को बढ़ाकर 3 लाख से 7 लाख रुपये कर दिया गया. सैलरीड कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड कटौती 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दी गई है, जबकि नए टैक्स सिस्टम को चुनने वालों के लिए फैमली पेंशन की छूट सीमा भी बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी गई है.
सरकार ने यूनिफाइड पेंशन योजना भी लागू की है, जिसके तहत 25 साल की सेवा वाले कर्मचारियों को उनके औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा. अब तक के साढ़े तीन महीनों में सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 करोड़ घरों और इस साल जनवरी से अगस्त के बीच 2.5 लाख से अधिक घरों में सौर ऊर्जा प्रणाली लगाने को भी मंजूरी दी है.
व्यापार करने में आसानी
सरकार ने 31 प्रतिशत एंजल टैक्स को समाप्त करने की भी घोषणा की, जिसके बारे में उसका दावा है कि यह 2012 से स्टार्टअप पर बोझ बन रहा था. सरकार ने विदेशी कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत कर दिया, साथ ही अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्टअप के लिए 1000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित किया.
युवाओं के लिए किए गए काम
मोदी सरकार ने मुद्रा ऋण सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया, MSMEs के लिए एक क्रेडिट गारंटी योजना शुरू की, जिससे उन्हें बिना किसी जमानत के ऋण प्राप्त करने की अनुमति मिली और पारंपरिक कारीगरों के लिए ई-कॉमर्स निर्यात केंद्रों के विकास की घोषणा की, साथ ही अन्य उपायों की भी घोषणा की.
100 दिन में गवर्नेंस के लिए उठाए कदम
मोदी सरकार के पहले 100 दिनों में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम भी पेश किए गए - औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों की जगह लेने वाले तीन नए कानून. सरकार ने एक प्रभावी आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए नेशनल फोरेंसिक इंफ्रास्ट्रक्चर इनहास्मेंट स्कीम (NFIES) को भी मंजूरी दी.
महिला और युवा सशक्तिकरण
सरकार ने युवाओं में रोजगार और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी. सरकार का दावा है कि 1 करोड़ युवाओं को भारत की टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप मिलेगी. कार्यक्रम के हिस्से के रूप में सरकार EPFO के तहत पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को तीन किस्तों में 15,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी.
महिलाओं के लिए उठाए गए कदमों में सरकार ने सामुदायिक निवेश कोष के तहत 2,500 करोड़ रुपये जारी किए, जिसका उद्देश्य 4.3 लाख स्वयं सहायता समूहों के 48 लाख सदस्यों को लाभ पहुंचाना है, जबकि मुद्रा ऋण सीमा भी 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है.
हेल्थ सर्विस
सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के विस्तार की घोषणा की है, जिसमें 70 साल से अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त बीमा का प्रावधान जोड़ा गया है. सरकार ने अन्य उपायों के अलावा कैंसर की 3 दवाओं पर सीमा शुल्क में छूट भी दी है.
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