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"महाकाल के सामने मिस इंडिया का भाव देखें, ताज नहीं" संत समाज ने दी पुजारी को नसीहत

मिस इंडिया का ताज पहनकर बाबा महाकाल की शरण में पहुंची निकता पोरवाल को लेकर विवाद बढ़ गया है. अब इसमें नया ट्विस्ट आया है.

NIKITA PORWAL CROWN CONTROVERSY
मिस इंडिया के सपोर्ट में आया संत समाज (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 28, 2024, 6:43 PM IST

भोपाल। मिस इंडिया निकिता पोरवाल रविवार को मध्य प्रदेश की महाकाल नगरी उज्जैन पहुंचीं. यहां उन्होंने सबसे पहले बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेकर पूजा-अर्चना की. वहीं, निकिता पोरवाल द्वारा महाकाल मंदिर जाने को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है. यह विवाद निकिता पोरवाल द्वारा सिर पर ताज पहनने को लेकर है. जिस पर महाकाल मंदिर के पुजारी महेश ने आपत्ति जताई है. लेकिन अब महाकाल पुजारी द्वारा आपत्ति जताने के बाद संत समाज भी दोफाड़ दिख रहा है.

उज्जैन वासियों के लिए बाबा महाकाल अभिभावक के समान

इस मामले को लेकर हिंदू सनातनियों की दो राय है. एक तरफ महाकाल की मर्यादा का हवाला देकर निकिता के ताज पहनकर महाकाल मंदिर आने का विरोध हुआ तो दूसरी तरफ अखिल भारतीय संत समिति का तर्क है कि अगर निकिता पोरवाल अपनी उपलब्धि दिखाने अपने प्रभु महाकाल की शऱण में ताज पहनकर पहुंची तो इसमें मर्यादा भंग होने का मामला कैसे हो गया. उज्जैन नगरवासियों के लिए महाकाल उनके अभिभावक की तरह हैं.

अखिल भारतीय संत समिति के अनिलानंद महाराज (ETV BHARAT)

संत समाज ने पूछा- कैसे भंग हुई महाकाल मंदिर की मर्यादा

अखिल भारतीय संत समिति के प्रवक्ता अनिलानंद महाराज कहते हैं " उज्जैन की बेटी अपने को मिले पुरस्कार को लेकर अगर महाकाल के दरबार में पहुंची है तो उनका भाव देखा जाना चाहिए. ये भाव देखा जाना चाहिए कि वे अपने अभिभावक स्वरूप महाकाल को अपनी उपलब्धि बता रही हैं. जिनके आर्शीवाद से उन्हें ये प्राप्त हुई है तो इसे अगर इसी भाव से देखा जाए तो बताइए कि मर्यादा भंग किस तरह से हुई है. भगवान तो केवल भाव देखते हैं.'

NIKITA PORWAL CROWN CONTROVERSY
बाबा महाकाल के दर्शन करने के बाद मिस इंडिया निकिता पोरवाल (ETV BHARAT)

मिस इंडिया का ताज पहनकर महाकाल मंदिर पहुंची निकिता

दरअसल, महाकाल मंदिर पहुंची निकिता ने सिर पर वही ताज पहना हुआ था. जो उन्हें मिस इंडिया के खिताब के तौर पर मिला. इस पर महाकाल मंदिर के महेश पुजारी ने एतराज जताया. उनका कहना था "महाकाल मंदिर की तय मर्यादा है. बाबा महाकाल अवंतिका के राजा हैं. राजा के सामने कोई व्यक्ति सिर पर पगड़ी टोपी बांधकर नहीं जा सकता." महेश पुजारी की दलील थी कि निकिता पोरवाल को मुकुट हाथों में लेकर बाबा महाकाल के चरणों में रखना चाहिए था और पूजा करनी चाहिए थी. पुजारी का कहना है कि बेशक निकिता ने ये ताज जीतकर शहर का गौरव बढ़ाया है. लेकिन उन्हें महाकाल मंदिर की मर्यादा का भी ध्यान रखना चाहिए.

NIKITA PORWAL CROWN CONTROVERSY
मिस इंडिया निकिता पोरवाल महाकाल मंदिर में (ETV BHARAT)

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महाकाल मंदिर की मर्यादा का सवाल, संत भी आ चुके हैं घेरे में

बता दें कि महाकाल मंदिर की मर्यादा से जुड़ा ये पहला विवाद नहीं है. इसके पहले भी कई बार महाकाल की मर्यादा को लेकर मामले सामने आते रहे हैं. मुरारी बापू ने सिर पर पगड़ी बांधकर महाकाल की पूजा की थी. वे गर्भगृह में प्रवेश कर गए थे और महाकाल मंदिर की मर्यादा भंग होने पर बवाल मचा था. इसी तरह से एक बार उमा भारती जब गेरुएं वस्त्र में महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पहुंची थीं तो बवाल मचा था और कहा गया था कि स्त्रियों के लिए महाकाल मंदिर परिसर में साड़ी का ड्रेस कोड तय किया गया है और उसका पालन हर स्त्री को करना चाहिए. इस बार उमा भारती ने कहा था "उन्हे जानकारी नहीं थी अगर महाकाल मंदिर के पुजारी उन्हें साड़ी उपहार में दे देते तो वे अवश्य साड़ी पहनकर ही मंदिर में जाती."

भोपाल। मिस इंडिया निकिता पोरवाल रविवार को मध्य प्रदेश की महाकाल नगरी उज्जैन पहुंचीं. यहां उन्होंने सबसे पहले बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेकर पूजा-अर्चना की. वहीं, निकिता पोरवाल द्वारा महाकाल मंदिर जाने को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है. यह विवाद निकिता पोरवाल द्वारा सिर पर ताज पहनने को लेकर है. जिस पर महाकाल मंदिर के पुजारी महेश ने आपत्ति जताई है. लेकिन अब महाकाल पुजारी द्वारा आपत्ति जताने के बाद संत समाज भी दोफाड़ दिख रहा है.

उज्जैन वासियों के लिए बाबा महाकाल अभिभावक के समान

इस मामले को लेकर हिंदू सनातनियों की दो राय है. एक तरफ महाकाल की मर्यादा का हवाला देकर निकिता के ताज पहनकर महाकाल मंदिर आने का विरोध हुआ तो दूसरी तरफ अखिल भारतीय संत समिति का तर्क है कि अगर निकिता पोरवाल अपनी उपलब्धि दिखाने अपने प्रभु महाकाल की शऱण में ताज पहनकर पहुंची तो इसमें मर्यादा भंग होने का मामला कैसे हो गया. उज्जैन नगरवासियों के लिए महाकाल उनके अभिभावक की तरह हैं.

अखिल भारतीय संत समिति के अनिलानंद महाराज (ETV BHARAT)

संत समाज ने पूछा- कैसे भंग हुई महाकाल मंदिर की मर्यादा

अखिल भारतीय संत समिति के प्रवक्ता अनिलानंद महाराज कहते हैं " उज्जैन की बेटी अपने को मिले पुरस्कार को लेकर अगर महाकाल के दरबार में पहुंची है तो उनका भाव देखा जाना चाहिए. ये भाव देखा जाना चाहिए कि वे अपने अभिभावक स्वरूप महाकाल को अपनी उपलब्धि बता रही हैं. जिनके आर्शीवाद से उन्हें ये प्राप्त हुई है तो इसे अगर इसी भाव से देखा जाए तो बताइए कि मर्यादा भंग किस तरह से हुई है. भगवान तो केवल भाव देखते हैं.'

NIKITA PORWAL CROWN CONTROVERSY
बाबा महाकाल के दर्शन करने के बाद मिस इंडिया निकिता पोरवाल (ETV BHARAT)

मिस इंडिया का ताज पहनकर महाकाल मंदिर पहुंची निकिता

दरअसल, महाकाल मंदिर पहुंची निकिता ने सिर पर वही ताज पहना हुआ था. जो उन्हें मिस इंडिया के खिताब के तौर पर मिला. इस पर महाकाल मंदिर के महेश पुजारी ने एतराज जताया. उनका कहना था "महाकाल मंदिर की तय मर्यादा है. बाबा महाकाल अवंतिका के राजा हैं. राजा के सामने कोई व्यक्ति सिर पर पगड़ी टोपी बांधकर नहीं जा सकता." महेश पुजारी की दलील थी कि निकिता पोरवाल को मुकुट हाथों में लेकर बाबा महाकाल के चरणों में रखना चाहिए था और पूजा करनी चाहिए थी. पुजारी का कहना है कि बेशक निकिता ने ये ताज जीतकर शहर का गौरव बढ़ाया है. लेकिन उन्हें महाकाल मंदिर की मर्यादा का भी ध्यान रखना चाहिए.

NIKITA PORWAL CROWN CONTROVERSY
मिस इंडिया निकिता पोरवाल महाकाल मंदिर में (ETV BHARAT)

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बता दें कि महाकाल मंदिर की मर्यादा से जुड़ा ये पहला विवाद नहीं है. इसके पहले भी कई बार महाकाल की मर्यादा को लेकर मामले सामने आते रहे हैं. मुरारी बापू ने सिर पर पगड़ी बांधकर महाकाल की पूजा की थी. वे गर्भगृह में प्रवेश कर गए थे और महाकाल मंदिर की मर्यादा भंग होने पर बवाल मचा था. इसी तरह से एक बार उमा भारती जब गेरुएं वस्त्र में महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पहुंची थीं तो बवाल मचा था और कहा गया था कि स्त्रियों के लिए महाकाल मंदिर परिसर में साड़ी का ड्रेस कोड तय किया गया है और उसका पालन हर स्त्री को करना चाहिए. इस बार उमा भारती ने कहा था "उन्हे जानकारी नहीं थी अगर महाकाल मंदिर के पुजारी उन्हें साड़ी उपहार में दे देते तो वे अवश्य साड़ी पहनकर ही मंदिर में जाती."

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