अल्मोड़ा: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिला अस्पताल के इमरजेंसी में सोमवार रात एक नाबालिग को पेट में असहनीय दर्द होने की शिकायत पर लाया गया. अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात चिकित्सक उसे देखते की, उसने टॉयलेट जाने की बात कही और टॉयलेट चली गई. कुछ देर बाद ही डॉक्टरों को पता चला कि नाबालिग ने टॉयलेट में एक बच्ची को जन्म दिया है. इसकी जानकारी मिलते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया.
सोमवार रात जिला अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में चिकित्सक तैनात थे. इस दौरान कुछ लोग एक बालिका को अस्पताल में लेकर आए. उन्होंने इमरजेंसी में मौजूद चिकित्सक को बालिका के पेट में दर्द होने की बात बताई. इस दौरान जब तक चिकित्सक बालिका को देखते, बालिका ने टॉयलेट जाने की बात कही और वहां चली गई. कुछ ही देर में टॉयलेट से शिशु के रोने की आवाज आने लगी. यह खबर पूरे अस्पताल में फैल गई. आनन-फानन में अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मचारी और चिकित्सक दौड़कर टॉयलेट में पहुंचे. वहां देखा तो उस नाबालिग बालिका ने एक स्वस्थ्य बालिका को जन्म दे रखा था. तुरंत नवजात बच्ची और नाबालिग को अस्पताल में ले जाकर उपचार किया गया.
जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्साधीक्षक एचसी गड़कोटी ने बताया कि बालिका को पेट दर्द होने पर लाया गया था. उसको इमरजेंसी के चिकित्सक जब तक देखते उसने टॉयलेट जाने की बात कहकर टॉयलेट चली गई और कुछ ही देर में उसने एक बालिका को जन्म दे दिया. जिसके बाद तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी गई. सूचना के कुछ ही देर बाद पुलिस पहुंच गई. उन्होंने बताया कि बालिका ने अपनी उम्र 18 वर्ष बताई है. लेकिन आधार कार्ड में उसकी उम्र कम है.
उधर पुलिस ने बताया कि अस्पताल से मिली सूचना के बाद वहां महिला पुलिस को भेजा गया था. बालिका के घरवालों को इसकी सूचना दी गई थी. लेकिन मामले में अभी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. परिजनों की ओर से कोई शिकायत आएगी तो संबंधित घटना के लिए जिम्मेदार के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. बालिका पिथौरागढ़ जिले के एक गांव से अल्मोड़ा में किसी निजी संस्थान से नर्सिंग कोर्स करने के लिए छह महीने पहले आई थी.
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