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जम्मू-कश्मीर पर केंद्र का बड़ा फैसला, LG की पावर में की बढ़ोत्तरी - MHA JK Reorganization Act

MHA amended Jammu-Kashmir Reorganization Act : गृह मंत्रालय (MHA) ने जम्मू-कश्मीर के कामकाज के नियमों में संशोधन किया. एलजी की कार्यकारी शक्तियों को और बढ़ा दी गई है.

MHA amends JKs transaction of business rules
गृह मंत्रालय (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 13, 2024, 10:51 AM IST

Updated : Jul 13, 2024, 1:36 PM IST

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए नियमों में संशोधन पेश करते हुए एक अधिसूचना जारी की है. विस्तृत संशोधन, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के अधिकार के तहत अधिनियमित किए गए. नए नियमों में उपराज्यपाल को अधिक शक्ति देने वाली नई धाराएं जोड़ी गई हैं.

नए नियमों के तहत, पुलिस, लोक व्यवस्था, अखिल भारतीय सेवा और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से संबंधित मामलों पर वित्त विभाग से पूर्व सहमति की आवश्यकता वाले किसी भी प्रस्ताव को मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष पेश किया जाएगा. इसके साथ ही संशोधित नियम उपराज्यपाल को एडवोकेट जनरल नियुक्त करने का अधिकार देते हैं.

इसमें यह भी कहा गया है कि एलजी के पास अभियोजन के लिए मंजूरी देने और अपील दायर करने की अनुमति देने का अधिकार है. गृह मंत्रालय द्वारा किए गए संशोधनों के अनुसार प्रशासनिक सचिवों और अखिल भारतीय सेवा (AIS) कैडर के अधिकारियों के स्थानांतरण से संबंधित प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग के प्रशासनिक सचिव द्वारा मुख्य सचिव के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को प्रस्तुत किए जाएंगे.

गृह मंत्रालय ने आगे कहा कि जिन मामलों पर उपराज्यपाल के पास विवेकाधीन शक्तियां हैं, उन पर वित्त विभाग की पूर्व सहमति की आवश्यकता वाले प्रस्तावों को तब तक स्वीकार या अस्वीकार नहीं किया जाएगा, जब तक कि उन्हें मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष नहीं रखा जाता.

ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: हाई कोर्ट ने राज्य को कश्मीरी हिंदू मंदिरों और तीर्थ स्थानों को अतिक्रमण से बचाने का दिया आदेश

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए नियमों में संशोधन पेश करते हुए एक अधिसूचना जारी की है. विस्तृत संशोधन, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के अधिकार के तहत अधिनियमित किए गए. नए नियमों में उपराज्यपाल को अधिक शक्ति देने वाली नई धाराएं जोड़ी गई हैं.

नए नियमों के तहत, पुलिस, लोक व्यवस्था, अखिल भारतीय सेवा और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से संबंधित मामलों पर वित्त विभाग से पूर्व सहमति की आवश्यकता वाले किसी भी प्रस्ताव को मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष पेश किया जाएगा. इसके साथ ही संशोधित नियम उपराज्यपाल को एडवोकेट जनरल नियुक्त करने का अधिकार देते हैं.

इसमें यह भी कहा गया है कि एलजी के पास अभियोजन के लिए मंजूरी देने और अपील दायर करने की अनुमति देने का अधिकार है. गृह मंत्रालय द्वारा किए गए संशोधनों के अनुसार प्रशासनिक सचिवों और अखिल भारतीय सेवा (AIS) कैडर के अधिकारियों के स्थानांतरण से संबंधित प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग के प्रशासनिक सचिव द्वारा मुख्य सचिव के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को प्रस्तुत किए जाएंगे.

गृह मंत्रालय ने आगे कहा कि जिन मामलों पर उपराज्यपाल के पास विवेकाधीन शक्तियां हैं, उन पर वित्त विभाग की पूर्व सहमति की आवश्यकता वाले प्रस्तावों को तब तक स्वीकार या अस्वीकार नहीं किया जाएगा, जब तक कि उन्हें मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष नहीं रखा जाता.

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Last Updated : Jul 13, 2024, 1:36 PM IST
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