नागपुर: भगवान श्रीरामलला को अयोध्या में विराजमान हुए एक महीने से ज्यादा हो गया है. श्री रामलला के राज्याभिषेक के भव्य और दिव्य कार्यक्रम को दुनिया ने अपनी खुली आंखों से देखा और अनुभव किया. जिसके बाद अब हर दिन लाखों की संख्या में श्रीराम भक्त अयोध्या जा रहे हैं. श्री राम के मनमोहक बाल रूप को अपनी आखों में कैद करने के लिए आज हर कोई अयोध्या शहर की यात्रा कर रहा है. ट्रेन, बस या हवाई जहाज के रास्ते श्रद्धालु हर रोज अयोध्या पहुंच रहे हैं.
इस बीच हैदराबाद के पास शमशाबाद से दो ऐसे भी राम भक्त हैं जो आंखों पर पट्टी बांधकर मोटरसाइकिल पर सवार होकर अयोध्या के लिए निकल पड़े हैं. जी हां, इनकी यात्रा काफी अलग है और असामान्य है. बता दें, पेशे से ये दोनों जादू दिखाने का (जादूगर) काम करते हैं.
दरअसल, दोनों जादूगरों के नाम मारुति जोशी और रामकृष्ण हैं. वह हैदराबाद के पास शमशाबाद के रहने वाले है. जब उनसे पूछा गया कि आंखों पर पट्टी बांधकर अयोध्या जाने और दोपहिया वाहन चलाने के पीछे क्या कारण है, तो उन्होंने कहा कि हमारी यह यात्रा लोगों के लिए मिसाल बनेगी. उन्होंने कहा 'जब शरीर के सभी अंग और इंद्रियां ठीक से काम कर रही होती हैं, तो कई बार लोग सड़क पर लापरवाही से गाड़ी चलाते हैं. इससे सड़क पर चलने वाले कई लोगों की जान खतरे में पड़ जाती है.
सड़क पर आंखें और कान खुले होने पर भी, लापरवाही से गाड़ी चलाने से मृत्यु ही हो सकती है. इसके विपरीत, जो लोग अंधे (दृष्टिहीन) होते हैं वे बिना किसी को नुकसान पहुंचाए सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंच जाते हैं. इसके पीछे उनकी एकाग्रता और जिम्मेदारी होती है.
बता दें, मारुति जोशी और रामकृष्ण तीन दिन पहले हैदराबाद के पास शमशाबाद से निकले और 1 मार्च को अयोध्या पहुंचेंगे. वे हर दिन कम से कम दो सौ किलोमीटर का सफर तय करते हैं. मारुति जोशी और रामकृष्ण ने आंखों पर पट्टी बांधकर दोपहिया वाहन चलाने के लिए छह से आठ महीने तक लगातार अभ्यास किया, जिसके बाद उन्होंने यह कला सीखी है. इसलिए उन्होंने अपील की है कि वीडियो देखने के बाद कोई भी व्यक्ति आंखों पर पट्टी बांधकर बाइक या अन्य वाहन चलाने की हिम्मत ना करें.
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