ETV Bharat / bharat

विदेश मंत्रालय ने श्रीलंका के उच्चायुक्त को तलब किया, भारतीय मछुआरे की मौत पर विरोध दर्ज कराया - MEA SRI LANKA HIGH COMMISSIONER

विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कच्चातीवु द्वीप में भारतीय मछुआरे की मौत पर दुख व्यक्त जताया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस मुद्दे को श्रीलंका सरकार के समक्ष उठाया जाएगा. पढ़ें ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

MEA summons Sri Lankan High Commissioner
विदेश मंत्रालय, श्रीलंका में भारतीय मछुआरे की मौत का मामला (ANI)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 1, 2024, 2:00 PM IST

नई दिल्ली: भारत ने यहां श्रीलंका के उच्चायुक्त को तलब किया और कच्चातीवु द्वीप में भारतीय मछुआरे की मौत से जुड़ी घटना पर विरोध दर्ज कराया. नई दिल्ली में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को सुबह में विदेश मंत्रालय में तलब किया गया और कच्चातीवु द्वीप में एक भारतीय मछुआरे की मौत से जुड़ी घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया.

विदेश मंत्रालय ने आज कहा, 'हमने दुर्भाग्यपूर्ण जानमाल की हानि पर अपना दुख और पीड़ा व्यक्त की है. कोलंबो में हमारे उच्चायुक्त भी आज श्रीलंका सरकार के समक्ष इस मामले को उठाएंगे.' आज सुबह कच्चातीवु द्वीप से 5 समुद्री मील उत्तर में एक श्रीलंकाई नौसैनिक पोत और एक भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव के बीच टक्कर की खबर मिली.

जहाज पर सवार चार भारतीय मछुआरों में से एक की दुर्भाग्यवश मौत हो गई तथा दूसरा लापता है. दो मछुआरों को बचा लिया गया है और उन्हें कांकेसंथुराई तट पर लाया गया. लापता भारतीय मछुआरे की तलाश जारी है. यह ध्यान देने योग्य है कि जाफना में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को तुरंत कांकेसंथुराई पहुंचने और मछुआरों तथा उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने हमेशा मछुआरों से संबंधित मुद्दों को मानवीय तरीके से निपटाने की आवश्यकता पर बल दिया है. इस संबंध में दोनों सरकारों के बीच मौजूदा सहमति का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए. यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने चाहिए कि ऐसी घटना दोबारा न हो या बल प्रयोग का सहारा न लिया जाए.

सरकार भारतीय मछुआरों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय मछुआरों से संबंधित मुद्दों को श्रीलंकाई नेतृत्व के साथ उच्चतम स्तर पर नियमित रूप से उठाया जाता रहा है. भारतीय और श्रीलंकाई मछुआरों के बीच का मुद्दा मुख्य रूप से समुद्री सीमा विवाद और पाक खाड़ी क्षेत्र में मछली पकड़ने के अधिकारों के इर्द-गिर्द घूमता है. ये दोनों देशों के बीच स्थित है. भारतीय मछुआरे मुख्य रूप से तमिलनाडु क्षेत्र से अक्सर मछली पकड़ने के लिए श्रीलंकाई जलक्षेत्र में प्रवेश करते हैं जिससे श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ तनाव और टकराव होता है. पाक खाड़ी में कच्चातीवु द्वीप के आसपास मछली पकड़ने के अधिकार को लेकर लंबे समय से चल रहा विवाद कई वर्षों से भारत और श्रीलंका के बीच तनाव का स्रोत रहा है.

समुद्री सीमाओं पर 1974 और 1976 में दो समझौतों पर हस्ताक्षर करने के बाद दोनों पक्षों के बीच मतभेद पैदा हो गया. 1974 के भारत-लंका समुद्री समझौते के अनुसार भारत सरकार ने कच्चातीवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया. हालांकि, भारतीय मछुआरे अनजाने में अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) पार करते हैं और कभी-कभी उन्हें श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा पकड़ लिया जाता है या दुर्भाग्यपूर्ण परिणामों का सामना करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें- कच्चातीवू पर आया श्रीलंका का जवाब, बोला- भारत को नहीं लौटाएंगे

नई दिल्ली: भारत ने यहां श्रीलंका के उच्चायुक्त को तलब किया और कच्चातीवु द्वीप में भारतीय मछुआरे की मौत से जुड़ी घटना पर विरोध दर्ज कराया. नई दिल्ली में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को सुबह में विदेश मंत्रालय में तलब किया गया और कच्चातीवु द्वीप में एक भारतीय मछुआरे की मौत से जुड़ी घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया.

विदेश मंत्रालय ने आज कहा, 'हमने दुर्भाग्यपूर्ण जानमाल की हानि पर अपना दुख और पीड़ा व्यक्त की है. कोलंबो में हमारे उच्चायुक्त भी आज श्रीलंका सरकार के समक्ष इस मामले को उठाएंगे.' आज सुबह कच्चातीवु द्वीप से 5 समुद्री मील उत्तर में एक श्रीलंकाई नौसैनिक पोत और एक भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव के बीच टक्कर की खबर मिली.

जहाज पर सवार चार भारतीय मछुआरों में से एक की दुर्भाग्यवश मौत हो गई तथा दूसरा लापता है. दो मछुआरों को बचा लिया गया है और उन्हें कांकेसंथुराई तट पर लाया गया. लापता भारतीय मछुआरे की तलाश जारी है. यह ध्यान देने योग्य है कि जाफना में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को तुरंत कांकेसंथुराई पहुंचने और मछुआरों तथा उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने हमेशा मछुआरों से संबंधित मुद्दों को मानवीय तरीके से निपटाने की आवश्यकता पर बल दिया है. इस संबंध में दोनों सरकारों के बीच मौजूदा सहमति का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए. यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने चाहिए कि ऐसी घटना दोबारा न हो या बल प्रयोग का सहारा न लिया जाए.

सरकार भारतीय मछुआरों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय मछुआरों से संबंधित मुद्दों को श्रीलंकाई नेतृत्व के साथ उच्चतम स्तर पर नियमित रूप से उठाया जाता रहा है. भारतीय और श्रीलंकाई मछुआरों के बीच का मुद्दा मुख्य रूप से समुद्री सीमा विवाद और पाक खाड़ी क्षेत्र में मछली पकड़ने के अधिकारों के इर्द-गिर्द घूमता है. ये दोनों देशों के बीच स्थित है. भारतीय मछुआरे मुख्य रूप से तमिलनाडु क्षेत्र से अक्सर मछली पकड़ने के लिए श्रीलंकाई जलक्षेत्र में प्रवेश करते हैं जिससे श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ तनाव और टकराव होता है. पाक खाड़ी में कच्चातीवु द्वीप के आसपास मछली पकड़ने के अधिकार को लेकर लंबे समय से चल रहा विवाद कई वर्षों से भारत और श्रीलंका के बीच तनाव का स्रोत रहा है.

समुद्री सीमाओं पर 1974 और 1976 में दो समझौतों पर हस्ताक्षर करने के बाद दोनों पक्षों के बीच मतभेद पैदा हो गया. 1974 के भारत-लंका समुद्री समझौते के अनुसार भारत सरकार ने कच्चातीवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया. हालांकि, भारतीय मछुआरे अनजाने में अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) पार करते हैं और कभी-कभी उन्हें श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा पकड़ लिया जाता है या दुर्भाग्यपूर्ण परिणामों का सामना करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें- कच्चातीवू पर आया श्रीलंका का जवाब, बोला- भारत को नहीं लौटाएंगे
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.