सूरत: पाकिस्तान में बैठकर डोगर ने भारत में हिंदू नेताओं को मारने के लिए स्लीपर सेल सक्रिय किया. इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जिसमें सूरत से गिरफ्तार किए गए मौलवी सोहेल अबू-बकर के पास से दो मतदाता पहचान-पत्र मिले हैं और बिहार से गिरफ्तार किए गए मोहम्मद रजा के पास नेपाली नागरिकता है.
आरोपियों को पाकिस्तान से भेजे गए थे पैसे
उत्तर प्रदेश एटीएस ने इस मामले में जिस आरोपी को गिरफ्तार किया है उसका कनेक्शन पाकिस्तान के डोगर से भी है. इसलिए सूरत पुलिस यूपी एटीएस के साथ मिलकर जांच करेगी. वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बैठकर हिंदू नेताओं को मारने के लिए भारत के युवाओं को स्लीपर सेल के रूप में इस्तेमाल कर रहा था. हिंदू नेता उपदेश राणा को जान से मारने की धमकी के मामले में सूरत क्राइम ब्रांच ने मौलवी सोहेल को सूरत जिले के कामरेज इलाके से गिरफ्तार किया था.
मौलवी सोहेल से पूछताछ में कई खुलासे
मौलवी सुलेह की गिरफ्तारी के बाद कई खुलासे हुए हैं. मौलवी के साथ दो अन्य लोगों को बिहार से मोहम्मद रजा और महाराष्ट्र से शकील को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस जांच से पता चला है कि मौलवी के पास अलग-अलग EPIC नंबरों वाले आईडी कार्ड हैं. साथ ही मौलवी के दो जन्म प्रमाण पत्र हैं, जिनमें से एक सूरत का और एक महाराष्ट्र का है. इतना ही नहीं, बिहार से गिरफ्तार किया गया आरोपी मोहम्मद रजा नेपाल का नागरिक है, लेकिन उसके पास भारत का आधार कार्ड भी है. इस पूरे मामले की जांच फिलहाल सूरत क्राइम ब्रांच कर रही है.
17 वर्चुअल नंबर मिले
क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला कि पाकिस्तान स्थित डोगर भारत में अपने स्लीपर सेल को वर्चुअल नंबर दे रहा था, जिसमें मौलाना मोहम्मद रजाक और सोहेल भी शामिल हैं. इन लोगों के पास से 17 वर्चुअल और 42 ईमेल एड्रेस मिले हैं. ये लोग इस वर्चुअल नंबर से ग्रुप कॉल कर हिंदू नेताओं को धमकी दे रहे थे. जिसमें नूपुर शर्मा भी शामिल हैं. राम मंदिर के लिए यात्रा पर निकलीं शबनम शेख, सुरेश राजपूत, उपदेश राणा, निशांत शर्मा, कुलदीप सोनी समेत कई लोग शामिल हैं. इतना ही नहीं आरोपियों को हिंदू नेताओं की हत्या के लिए पाकिस्तान से हथियार भेजना था और इसके लिए इसके लिए पाकिस्तान से एक करोड़ रुपये भी भेजे गए.
इस पूरे मामले में सूरत पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने कहा कि जांच में पता चला है कि पाकिस्तान में बैठा डोगर इन लोगों को ऑपरेट कर रहा था. जब ग्रुप कॉल की गई तो एक ने वहां 47 नंबर के साथ अपनी तस्वीर भी डाल दी. वह आरोपियों को वर्चुअल नंबर भेजता था और हवाला के जरिए भी आरोपियों को पैसे भेजे गए हैं जिसकी जांच क्राइम ब्रांच कर रही है.
उन्होंने कहा कि पुलिस यह भी जांच करेगी कि मौलवी सोहेल ने दो वोटर आईडी कार्ड कैसे बनाए और एक अन्य आरोपी मोहम्मद रजा ने नेपाली नागरिकता होने के बावजूद भारत में आधार कार्ड कैसे बनाया. आरोपी मोहम्मद रजा नेपाल में एक कपड़े की दुकान में काम करता है. जब वह भारत आया तो उसे बिहार के मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार कर लिया गया.
आरोपियों को फंडिंग की जांच की जाएगी
पुलिस कमिश्नर गहलोत ने कहा कि जिया-उल-हक नाम के आरोपी को यूपीएटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है, जिसका आईएसआई से सीधा संपर्क है. बताया गया है कि उसे पाकिस्तान स्थित डोगर द्वारा भी फंडिंग की जा रही थी. इसलिए यूपी एटीएस इस बात की भी जांच करेगी कि दोनों मामलों में फंडिंग करने वाला एक ही व्यक्ति है या नहीं, क्योंकि दोनों ही मामलों में फंडिंग के लिए एक ही शख्स का नाम आ रहा है जो पाकिस्तान में है. सूरत के आरोपियों पर हवाला के जरिए फंडिंग करने का भी आरोप लगा है, जिसकी जांच पुलिस करेगी. साथ ही पंजाब और अन्य राज्य से भी मदद मांगी जाएगी कि उनकी संलिप्तता अन्य मामलों में है या नहीं. हाल ही में डोगर की एक तस्वीर भी सामने आई है जिसमें वह हाथ में AK-47 लिए खड़ा है.
पाकिस्तानी यूट्यूबर के जरिये सक्रिय था स्लीपर सेल
वहीं, पुलिस कमिश्नर ने बताया कि डोगर भारत में आतंकवाद में विश्वास रखने वाले युवाओं के बीच अपना स्लीपर सेल बनाता था. ये आरोपी भारत विरोधी विचारधारा रखने वाले और वीडियो बनाने वाले पाकिस्तानी यूट्यूबर जेशबाबा को फॉलो कर रहे थे. पाकिस्तानी डोगर ऐसे फॉलोअर्स से संपर्क करता था जो लाइक और कमेंट करते थे और फिर उन्हें हिंदू नेताओं को निशाना बनाने के लिए स्लीपर सेल के रूप में इस्तेमाल करता था.
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