जम्मू: माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल पर पहुंचने वाले भक्तों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. श्राइन बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार लगातार तीसरे साल 90 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने माता वैष्णो देवी के दर्शन किए.
श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने एक ट्वीट के माध्यम से यह जानकारी दी. इसके अनुसार माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल की वार्षिक तीर्थयात्रा ने 2022 से लगातार तीसरे वर्ष 90 लाख का आंकड़ा पार कर लिया. माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
यह देश के सबसे पवित्र और प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है. और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या इस बात का प्रतीक है. सुविधाओं में सुधार के लिए श्राइन बोर्ड का सक्रिय दृष्टिकोण सभी भक्तों के लिए एक सुरक्षित, अधिक आरामदायक और आध्यात्मिक रूप से पूर्ण यात्रा सुनिश्चित कराना है.
अंशुल गर्ग ने भक्तों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन की गई कई आगामी परियोजनाओं की भी घोषणा की. इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें न्यू वैष्णवी भवन भी शामिल है. अतिरिक्त आराम के लिए एक आवास सुविधा. भीड़ को कम करने के लिए निकास मार्ग व अन्य व्यवस्था की गई है.
माता वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास जम्मू- कश्मीर की त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित श्री माता वैष्णो देवी मंदिर हिंदू पौराणिक कथाओं और आध्यात्मिकता में बहुत महत्व रखता है. किंवदंती के अनुसार यह मंदिर माता वैष्णो देवी को समर्पित है जो देवी दुर्गा का एक अवतार हैं.
ये ब्रह्मांड की दिव्य ऊर्जा (शक्ति) का प्रतीक हैं. इस मंदिर की कहानी प्राचीन काल से चली आ रही है. माना जाता है कि माता वैष्णो देवी ने ध्यान और तपस्या करते हुए त्रिकूट पहाड़ियों में निवास किया था.
इस मंदिर का ऐतिहासिक संदर्भ महाभारत से मिलता है, जहां माना जाता है कि अर्जुन ने युद्ध में जीत के लिए माता वैष्णो देवी से प्रार्थना की थी. सदियों से यह मंदिर एक छिपी हुई गुफा से विकसित होकर भारत के सबसे प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक बन गया है.
मंदिर का आधुनिक विकास 1986 में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की स्थापना के साथ शुरू हुआ. इसने तब से सुविधाओं को बेहतर बनाने और तीर्थयात्रियों के लिए एक सुरक्षित, सुचारू और आध्यात्मिक रूप से पूर्ण अनुभव सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास किया है.