पानीपत: 13 सितंबर 2023 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में मेजर आशीष धौंचक आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. हैरानी की बात ये है कि उनकी अस्थियां आज भी उनके पैतृक गांव बिंझौल में खेत में एक पेड़ पर लटकी हुई हैं. अभी तक उनकी अस्थियों का विसर्जन नहीं किया गया है. शहीद स्मारक भी अभी तक बनाया नहीं गया है. फिलहाल उनके परिवार में घमासान मचा है. शहीद की पत्नी और उनके माता-पिता के बीच विवाद सामने आया है.
शहीद आशीष के परिजनों में रार! शहीद आशीष की मां कमला देवी ने सीएम से मुलाकात कर अपनी बहू ज्योति पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने मांग की थी कि सरकार द्वारा दी गई सभी सुविधाएं और नौकरी ज्योति से वापस ले ली जाए, क्योंकि वो उनकी देखरेख नहीं करती. आशीष की मां कमला देवी ने बताया कि आशीष की पत्नी उसकी रसम क्रिया के बाद से ही अपने मायके में रह रही है. वो घर पर ताला लगाकर चली गई. इसी खींचतान में आशीष की अस्थियों का विसर्जन नहीं हो पाया.
शहीद के परिजन और माता-पिता में विवाद: जब आशीष की पत्नी ज्योति से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं. दरअसल सास कमला देवी नौकरी उसे ना दिलवा कर अपनी बेटी को दिलवाना चाहती है और करीब डेढ़ करोड़ रुपये वो सरकार से भी ले चुकी हैं. जबकि मेरे खाते में 50 लाख के करीब राशि सरकार द्वारा दी गई है. सभी मेंबरों के खाते में सरकार द्वारा राशि ट्रांसफर की गई है.
चंडीगढ़ में सीएम से मुलाकात: शहीद आशीष की पत्नी ने दावा किया कि घर पर उसकी ननद और नंदोई का राज है. वो मानसिक प्रताड़ना के चलते अपने मायके में रहने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं. आज तक वो इसलिए चुप रही कि पति की शहादत बदनाम ना हो जाए. फिलहाल सीएम नायब सैनी ने शहीद आशीष के माता-पिता को चंडीगढ़ में मुलाकात के लिए बुलाया है.