दंतेवाड़ा: नक्सलवाद के खात्मे के लिए सरकार ने एंटी नक्सल अभियान बस्तर में चला रखा है. दूसरी और सरकार ने सरेंडर को लेकर भी योजना जमीन पर उतार रखी है. नक्सलियों के पुनर्वास के लिए चलाई की लोन वर्राटू योजना इतनी कारगर साबित हो रही है कि अबतक 100 से ज्यादा नक्सली हथियार छोड़ चुके हैं. हथियार छोड़ने वाले का ये आंकड़ा सिर्फ इस साल का है. आज दो इनामी नक्सली सहित तीन माओवादियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. सरेंडर करने वाले नक्सलियों को नई पुनर्वास नीति का फायदा मिलेगा. लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 189 इनामी माओवादी सहित कुल 848 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर चुके हैं.
तीन नक्सलियों ने डाले हथियार: आत्मसमर्पण करने वाले सभी तीनों नक्सली लंबे वक्त से कोंटा और कटेकल्याण एरिया कमेटी में सक्रिय थे. सरेंडर करने वाले नक्सली पेड़ काटकर रोड जाम करने और बैनर पोस्टर लगाने का काम करते हैं. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकुमार बर्मन ने कहा कि नक्सलवाद के खात्मे के लिए लोन वर्राटू अभियान चालाया जा रहा है. घर वापस आइए अभियान के तहत बड़ी संख्या में नक्सली आतंक का रास्ता छोड़ सरेंडर कर आम जिदंगी में वापस लौट रहे हैं.''
''दो इनामी माओवादियों के साथ तीन माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है. दो माओवादियों पर दो दो लाख का इनाम सरकार ने रखा था. तीनों लंबे वक्त से नक्सली वारदातों में शामिल रहे हैं. नक्सल पुनर्वास नीति के तहत इनको मदद दी जा रही है. भटके हुए माओवादियों से हमारी अपील है कि वो हथियार छोड़ समाज की मुख्य धारा से जुड़ें.'' - रामकुमार बर्मन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, दंतेवाड़ा
189 इनामी माओवादी सहित कुल 848 माओवादियों ने डाले हथियार: पकड़े गए इनामी नक्सली कुंजामी मुका पर पुलिस ने एक लाख का इनाम रखा था. मुका पीलावाया थाना कोंटा में सक्रिय था. सरेंडर करने वाले दूसरे नक्सली का नाम माड़वी मुया है. माड़वी पर भी 1 लाख का इनाम सरकार ने रखा था. सरेंडर करने वाले तीसरे नक्सली का नाम गुड्डी करटाम है जो ऐटलपारा की रहने वाली है. नक्सलियों के बड़े नेताओं पर हमेशा से छोटे नक्सलियों के शोषण का आरोप लगता रहा है. लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 189 इनामी माओवादी सहित कुल 848 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर चुके हैं.